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यूपी चुनाव: मायावती से 'अपमान' का बदला लेने उतरीं स्वाति सिंह

लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से कमल खिलाने की कोशिश करेंगी स्वाति

Amitesh

बीएसपी सुप्रीमो मायावती को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले दयाशंकर सिंह की पत्नी को बीजेपी ने आखिरकार विधानसभा का टिकट थमा ही दिया. दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह अब लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट से बीजेपी की तरफ से चुनाव मैदान में होंगी.

स्वाति सिंह को चुनाव के पहले ही बीजेपी की उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया था. स्वाति सिंह चर्चा में तब आई थीं जब उनके पति और उस समय बीजेपी के यूपी उपाध्यक्ष रहे दयाशंकर सिंह ने मायावती के खिलाफ विवादित बयान दे डाला था.


तस्वीर: पीटीआई, स्वाति सिंह

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दयाशंकर सिंह के बयान की निंदा करते हुए बीजेपी ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था. उस वक्त बीजेपी को लगा कि अगर दयाशंकर को लेकर कड़ी कारवाई नहीं हुई तो दलितों और पिछड़ों को साथ लाने की पार्टी की कवायद को पलीता लग सकता है.

दयाशंकर के बयान से बैकफुट पर आ गई थी बीजेपी

दयाशकर सिंह का बयान यूपी के मऊ में जुलाई महीने में आया था जिसको लेकर बीजेपी बैकफुट पर आ गई थी. उस वक्त संसद का मानसून सत्र भी चल रहा था और बीजेपी गुजरात की उना की घटना से लेकर रोहित वेमुला मामले में विरोधियों के निशाने पर थी.

बीजेपी के दलित प्रेम पर सवाल खड़ा करते हुए मायावती ने भी संसद में सरकार को बैकफुट पर ला दिया था. ठीक उसी वक्त बीजेपी के युवा नेता दयाशंकर सिंह के बयान ने आग में घी का काम कर दिया और बीजेपी दलित मुद्दे पर चौतरफा घिर गई.

उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले बीजेपी कोई जोखिम नहीं लेना चाह रही थी. लिहाजा, सबसे पहले पार्टी की तरफ से दयाशंकर सिंह के बयान से पल्ला झाड़ा गया और फिर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

लेकिन, दयाशंकर सिंह के बयान के बाद बीएसपी कार्यकर्ताओं की तरफ से उनकी बहन और बेटी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं. बीएसपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान अपने हाथों में लिए बैनर और पोस्टरों में दयाशंकर के परिवार वालों को लेकर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल भी किया था.

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इसके बाद बचाव में स्वाति जवाब देने खुद मैदान में आ गईं और उस दौरान मायावती और उनके बीच खूब बयानबाजी भी हुई थी.

दयाशंकर पर कार्रवाई से बीजेपी के भीतर पनपी सहानुभूति

बीएसपी कार्यकर्ताओं की तरफ से किए गए पलटवार ने दयाशंकर सिंह के परिवार को लेकर बीजेपी के भीतर भी सहानुभूति की लहर पैदा कर दी. हालांकि सियासी गलियारों में चर्चा इस बात को लेकर भी शुरू हो गई थी कि दयाशंकर के खिलाफ कार्रवाई के बाद बीजेपी को इसका खामियाजा न भुगतना पड़ जाए. बीजेपी को सवर्ण वोट खिसकने का डर सताने लगा.

लिहाजा बीजेपी ने स्वाति सिंह को प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष भी बना दिया था. उसके बाद से ही स्वाति के चुनाव लड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे.

अब बीजेपी स्वाति को टिकट दिए जाने को सही बता रही है. बीजेपी प्रवक्ता डॉ. चन्द्रमोहन ने फर्स्टपोस्ट से बातचीत में बताया कि ‘स्वाति सिंह महिला सम्मान और स्वाभिमान की प्रतीक हैं. उनको टिकट दिया जाना बीजेपी के महिलाओं के प्रति नजरिए को दर्शाता है.’

विधानसभा चुनाव का टिकट मिलने के बाद स्वाति ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि ‘ये हर महिला और हर बच्चे की लड़ाई है. मेरी लड़ाई मायावती जी से है. इस वक्त बीजेपी के सामने कोई नहीं है.’

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टिकट मिलने के बाद उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. अब यूपी के  इस महासमर में लखनऊ की लड़ाई और रोचक हो गई है. आने वाले दिनों में इस मामले पर मायावती और स्वाति सिंह के बीच की जुबानी जंग फिर से देखने को मिल सकती है.