छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान सोमवार होगा. इसके लिए चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है. जनता का वोट पाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस बार भी खुब वादे किए हैं. शराब पर बैन से लेकर ब्याज मुक्त लोन, लगभग मुफ्त में चावल देने का वादा से लेकर नक्सल मुक्त राज्य तक का वादा पार्टियों ने किया.
चुनावों के पहले छत्तीसगढ़ में नकस्लियों के हमले तेज हो गए थे. हाल ही में हुए एक हमले में दूरदर्शन के एक कैमरामैन सहित दो पुलिसवालों की मौत हो गई थी. सोमवार को होने वाले पहले चरण के चुनाव में 18 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी. इसमें से बारह 'रेड ज़ोन' सीटें हैं. बाकी की 72 सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव होंगे. देश के पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर दिसंबर में चुनाव होने हैं. सभी राज्यों के नतीजे 11 दिसम्बर को एक साथ घोषित किए जाएंगे.
एनडीटीवी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 1.85 करोड़ मतदाता हैं. मध्यप्रदेश में 5 करोड़ से ज्यादा हैं और राजस्थान में लगभग 4.75 करोड़ मतदाता हैं. मिजोरम में 7.6 लाख मतदाता हैं और तेलंगाना में 2.6 करोड़. मध्यप्रदेश में 230, राजस्थान में 200, मिजोरम में 40 और तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटें हैं. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में मुख्य रुप से मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है.
लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बीजेपी के बीचे के मुकाबले में एक तीसरा मोर्चा भी आ गया है. मायावती की बीएसपी और पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बीच गठबंधन में राज्य में समीकरण बदल दिए हैं. 2013 के विधानसभा चुनावों में बीएसपी को सिर्फ एक ही सीट मिली थी. बीजेपी को 49 और कांग्रेस को 39 सीटें मिली थी. वहीं निर्दलीय को एक सीट मिली थी.
2013 में भले ही बीएसपी को सिर्फ एक ही सीट मिली हो लेकिन अब अजीत जोगी के साथ गठबंधन करके छत्तीसगढ़ के चुनावों में रोचक मोड़ आ गया है. खासकर जातिगत समीकरण पर इसका बहुत प्रभाव पड़ेगा. छत्तीसगढ़ के 90 में से 29 सीटों अनुसूचित जनजाति की सीट है और 10 दस अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. वहीं 40 अनारक्षित सीटों पर में भी अनुसूचित जनजाति जनसंख्या 10 प्रतिशत है. इसके अलावा ओबीसी की 48 प्रतिशत जनसंख्या है.
पार्टियों ने किए वादों की बौछार:
बीजेपी ने राज्य को नक्सल मुक्त बनाने का वादा किया. साथ ही छोटे और सीमांत किसानों को पेंशन देने का भी वादा किया. राज्य में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पीटल बनाने का भी वादा किया. बीजेपी 60 साल से ऊपर के मजदूरों को 1000 रुपए पेंशन देगी. कई चीजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का भी वादा किए. महिला उद्यमी और सेल्फ हेल्प ग्रुप को ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा.
दूसरी तरफ कांग्रेस के घोषणापत्र में किसानों को दस दिन के अंदर ही कर्ज माफ करने का वादा किया गया है. शराब पर बैन और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा भी किया गया. इतना ही नहीं किसानों को पेंशन, 10 लाख बेरोजगार युवाओं को मासिक भत्ता और 1 रुपए किलो चावल देने का वादा भी किया है.
वहीं जोगी की पार्टी ने शराब बैन और चावल और अन्य अनाजों पर सब्सिडी बढ़ाने का वादा किया है.
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अगर मेरी सरकार वादे पूरा करने में नाकाम रही,तो जनता मुझे जेल भिजवा सकती है: अजीत जोगी