view all

बर्थडे स्पेशल: 31 जुलाई के अलावा और भी बहुत कुछ शेयर करते हैं रॉलिंग और हैरी

जेके रॉलिंग ने सीरीज को अपनी जिंदगी से बहुत कुछ दिया और सीरीज ने उनको नई जिंदगी दी.

Tulika Kushwaha

(हैरी पॉटर सीरीज की पहली किताब को आए हुए 20 साल पूरे हो गए हैं. इसके साथ ही जेके रॉलिंग, हैरी पॉटर और डेनियल रैडक्लिफ के बर्थडे के लिए हमारी जुलाई स्पेशल सीरीज का ये अगला लेख है. सीरीज के पुराने लेख यहां पढ़ें)

कहते हैं हर कहानी के पीछे एक प्रेरणा होती है. सदी की कुछ लिखी गई किताबों में से एक किताब हैरी पॉटर सीरीज के पीछे भी थी, सीरीज के आइडिया आने की कहानी काफी फेमस है लेकिन इसका जेके रॉलिंग के बचपन से जुड़े होने की कहानी ज्यादा दिलचस्प है.


दुनियाभर के करोड़ों लोगों को अपने एक इमैजिनेशन से प्रभावित करने वाली जेके रॉलिंग को आखिर वो मिलियन डॉलर आइडिया कहां से मिला? आखिर पूरी सीरीज में हमें मौत, दुख, वियोग जैसी भावनाएं क्यों दिखाई देती हैं? क्योंकि ये भावनाएं रॉलिंग की निजी जिंदगी का हिस्सा थीं.

जोएन रॉलिंग का जन्म 31 जुलाई, 1965 को इंग्लैंड में ग्लूसेस्टरशायर के येट में हुआ था. उनके पिता पीटर जेम्स रॉलिंग एयरक्राफ्ट इंजीनियर और मां एन रॉलिंग साइंस टेक्नीशियन थीं. उनकी बहन हैं डिएन रॉलिंग.

किताबों में रॉलिंग की जिंदगी

जब जोएन 9 साल की थीं तो उनका परिवार टटशिलस, वेल्स में आ गया. उनके घर के पास था फॉरेस्ट ऑफ डीन, जो उनके लिए आने वाले वक्त में काफी अहम होने वाला था. वो यहां के सेंट ल्यूक्स चर्च में सर्विस के लिए जाती थीं, यहां रखी हुई रजिस्टर ने उन्हें उनकी क्लासिकल सीरीज के किरदारों के लिए कई नाम दिए. सीरीज में ऐसा बहुत कुछ है, जो जोएन ने अपनी निजी जिंदगी से लिया है.

ये भी पढ़ें: सच्चाई से इतनी भी दूर नहीं है हैरी पॉटर की दुनिया

जोएन ने छोटी उम्र से लिखना शुरू कर दिया था. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ एक्स्टर से बी.ए. किया, ऑक्सफोर्ड ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था. वो एमनेस्टी इंटरनेशनल में रिसर्चर और लिंगुइस्ट के तौर पर काम करने लगीं. उनकी मां को एक भयंकर बीमारी मल्टीपल स्केलेरोसिस थी, जिसकी वजह से घर का माहौल कभी स्वस्थ नहीं रहा. जोएन के अपने पिता से रिश्ते हमेशा खराब रहे, बाद में उन्होंने हालात सुधारने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहीं.

2000 में हैरी पॉटर एंड द गॉब्लेट ऑफ फायर के प्रमोशन के दौरान रॉलिंग.

किंग्स क्रॉस स्टेशन का मिलियन डॉलर आइडिया

1990 में जब वो मैनचेस्टर में रह रही थीं. एक दिन मैनचेस्टर से लंदन जाने के लिए वो किंग्स क्रॉस स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रही थीं. ट्रेन चार घंटे लेट थी, तभी उन्हें वो आइडिया आया, जो उनके साथ-साथ लाखों लोगों की जिंदगी बदलने वाला था.

जोएन के दिमाग में हैरी पॉटर का आइडिया अचानक आया और मानो पका-पकाया आया. एक अनाथ बच्चा था, जो जादू के स्कूल में पढ़ने जा रहा. जोएन ने उस सफर पर सब कुछ इमैजिन किया- कितने साल की पढ़ाई होगी, सब्जेक्ट क्या होंगे, वगैरह वगैरह.

कहानी लिखते हुए अभी कुछ महीने ही हुए थे कि उनकी मां का निधन हो गया. रॉलिंग को इस बात का दुख है कि वो अपनी मां को हैरी पॉटर के बारे में कभी नहीं बता पाईं.

अपनी मां के निधन के बाद रॉलिंग पुर्तगाल चली गईं और इंग्लिश पढ़ाने लगीं. यहां उनकी मुलाकात टीवी होस्ट जॉर्ज अरान्टेस से हुईं, दोनों ने शादी कर लीं. शादी असफल रही. मार्च, 1993 में उनकी बेटी जेसिका का जन्म हुआ. दिसंबर में अपनी शादी से तंग आकर वो जेसिका को लेकर स्कॉटलैंड चली आईं, अब तक उन्होंने हैरी पॉटर सीरीज के तीन चैप्टर लिखे थे.

ये भी पढ़ें: हैरी पॉटर की जादुई किताबों में क्या है जेके रॉलिंग का मैजिक?

डिप्रेशन और सुसाइडल स्टेज

असफल शादी, बेरोजगारी और सिंगल पैरैंटहुड रॉलिंग को कमजोर कर रहे थे. जब वो स्कॉटलैंड आईं, तब तक वो क्लिनिकल डिप्रेशन का शिकार हो चुकी थीं. कहते हैं निराश होकर वो सुसाइड के स्टेज तक पहुंच गई थीं. फिर उन्होंने वेलफेयर बेनेफिट्स के लिए अप्लाई किया और सरकार के पैसों पर अपना खर्च चलाती रहीं. उन्होंने पूरा समय सीरीज की किताबों को लिखने में लगाया.

1995 में पहली किताब पूरी हुई. 12 पब्लिशर्स से रिजेक्ट होने के बाद 1997 में उनकी पहली किताब 'हैरी पॉटर एंड द फिलॉस्फर्स स्टोन' आई और एक नया सफर शुरू हुआ.

कहानी में रॉलिंग

हैरी की कहानी में रॉलिंग को देखा जा सकता है. एक सामान्य बचपन न होना, अकेलापन, डिप्रेशन और मौत. इसके अलावा और भी कई चीजें हैं. जैसै उन्होंने अपने हीरो हैरी पॉटर को अपना ही जन्मदिन दिया है- 31 जुलाई.

हैरी के पिता का नाम जेम्स पॉटर था, जो रॉलिंग के पिता पीटर जेम्स रॉलिंग के मिडिल नेम से आया हो सकता है. रॉलिंग के अपने पिता से खराब रिश्तों का नतीजा हो सकता है सीरीज में कई 'Father like figures' का होना. सीरीयस ब्लैक, रीमस ल्यूपिन, आर्थर वीजली, एल्बस डंबलडोर और रुबियस हैग्रिड उनकी इस अधूरी चाह का रिफ्लेक्शन हो सकते हैं.

रॉलिंग अपने बचपन के दिनों में हरमाइनी जैसी थीं. उन्होंने अपने प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर अल्फ्रेड डन से हेडमास्टर एल्बस डंबलडोर की प्रेरणा ली. उनके टटशिल के घर के पास फॉरेस्ट ऑफ डीन को उन्होंने सीरीज की आखिरी किताब में इस्तेमाल किया है. और कहा जाता है कि 'फैंटास्टिक बीस्ट्स एंड व्हेयर टू फाइंड देम' के आइडिया में भी इसी जगह का हाथ है. उन्होंने चर्च के रजिस्टर, वॉर मेमोरियल जैसी जगहों से किरदारों के नाम लिए हैं.

डिमेन्टर्स या तमपिशाच का आइडिया उन्हें उस दौर से आया, जब वो डिप्रेशन से जूझ रही थीं. उन्होंने एक इंटरव्यू में लिखा था कि डिप्रेशन को वही समझ सकता है, जो उससे गुजरा है. ये कोई दुख की भावना नहीं होती, इसमें कोई भावना नहीं होती, बस ठंडापन होता है. डिमेन्टर्स भी यही करते हैं, वो आपकी सारी खुशी आपसे खींच लेते हैं.

ये भी पढ़ें: हैरी पॉटर कैसे बनी दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब

बंद हो गया हॉगवर्ट्स का दरवाजा

रॉलिंग ने ओप्रा विन्फ्रे के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि हैरी पॉटर शुरू ही मौत से होती है और खत्म भी मौत से ही. हैरी पॉटर के पन्नों पर ही उदासी, मौत और डिप्रेशन है और ये सब मेरी जिंदगी से निकला था.

किताबों को लिखने के दौरान रॉलिंग इन किरदारों के बहुत करीब आ गई थीं. वो हैरी को अपने बेटे जैसा मानती हैं. जब ये सीरीज खत्म हुई, तो रॉलिंग कई दिनों तक रोती रही थीं. ओप्रा के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मुझे हमेशा से पता था कि मैं सात ही किताबें लिखूंगी. मुझे पता था कि सीरीज खत्म होने वाली है लेकिन जब ये खत्म हुई, तो मेरी हालत से ऐसा नहीं लग रहा था कि मैं इसके लिए तैयार थी. मैं जिंदगी में बस एक बार रोई थी, मेरी मां के जाने पर. मैं एक रोते रहने वाली इंसान नहीं हूं लेकिन तब मैं खुद को रोक नहीं पाती थी, मैं कई दिनों तक रोती रही थी. लग रहा था जैसे कोई मर गया है. मैं कहानी से पूरी तरह संतुष्ट थी, मैंने वही लिखा था, जो मैं लिखना चाहती थी लेकिन मैं जानती थी कि दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो चुका था.

हैरी ने रॉलिंग को पहचान दी, शोहरत दी और अब वो ब्रिटेन के बिलियनेयर्स में से एक हैं. उनके हैरी ने इस दुनिया के करोड़ों बच्चों के लिए एक जादू और फैंटेसी की दुनिया का दरवाजा खोला, जो हमेशा के लिए खुला हुआ है.

ये भी पढ़ें: हैरी पॉटर के किरदार क्यों हैं करोड़ों लोगों के लिए खास?

रॉबर्ट गेलब्रेथ और दूसरी किताबें

रॉलिंग ने एचपी सीरीज के बाद 'कैजुअल वैकेंसी', कूक्कू'स कॉलिंग, कॉरमरॉन स्ट्राइक और 'द सिल्कवर्म' लिखी हैं. पहली तीन पर टेलीविजन सीरीज बन चुकी है. रॉलिंग ने कूक्कू'स कॉलिंग रॉबर्ट गेलब्रेथ के पेन नेम से लिखी थी, किताब आने के काफी बाद पता चला कि वो रॉलिंग ने ही लिखी है.

चैरिटी

रॉलिंग एक फिलेन्थ्रॉपिस्ट हैं. वो बच्चों के वेलफेयर के लिए और मल्टीपल स्केलेरोसिस से बचाव के लिए चैरिटी देती हैं. एक बार उन्होंने इतनी ज्यादा रकम चैरिटी में दे दी थी कि फोर्ब्स को उन्हें बिलियनेयर्स की लिस्ट से हटाना पड़ा था.

रॉलिंग सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. उनकी अपनी वेबसाइट भी है, जिसके जरिए वो अपने फैंस से जुड़ी रहती हैं. साथ ही वो पॉलिटिकली भी काफी एक्टिव हैं. अभी हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ किए गए अपने ट्वीट के वजह से सुर्खियों में बनी हुई थीं.

हैप्पी बर्थडे जोएन कैथलीन रॉलिंग. हैप्पी बर्थडे हैरी पॉटर. थैंक्यू.