view all

पुण्यतिथि विशेष: निकोल टेस्ला जिसने दिमाग की बत्ती जला दी

1880 में टेस्ला और एडिसन के बीच इस बात को लेकर झगड़ा था कि किसके पावर से दुनिया को रोशनी मिलेगी

Pratima Sharma

एक वैज्ञानिक जिन्हें बड़ी पार्टियां देना पसंद था, लेकिन महिलाओं से बात करने से कतराते थे. महिलाओं में खासा लोकप्रिय थे लेकिन रहे जीवन भर अकेले. सोशलाइजिंग में महारथ थी लेकिन जीवन का आखिरी दशक होटल के दो कमरों वाले सुइट में गुजारा. कदकाठी छह फुट से ज्यादा लंबी और आकर्षक व्यक्तित्व, लेकिन जान छिड़कते थे तो कबूतरों पर. कबूतरों से वह इतना प्यार करते थे जितना कोई अपनी गर्लफ्रेंड से कर सकता है. कभी अपने बॉस रहे थॉमस एडिसन से जीवन भर झगड़ने वाले डरते भी थे तो मोतियों से. ऐसा अनूठा था निकोल टेस्ला का जीवन और उनकी पर्सनालिटी.

आज आपके चारों तरफ जो जगमगाती रोशनी है उसके पीछे निकोल टेस्ला का दिमाग है. बिजली और मास कम्युनिकेशन सिस्टम्स की खोज टेस्ला ने ही की थी. जबकि थॉमस एडिसन को अमेरिका के आईकॉनिक वैज्ञानिक के तौर पर जाना जाता है. एडिसन ने बल्ब, फोनोग्राफ और चलती-फिरती तस्वीरें ईजाद की थीं.


1880 में टेस्ला और एडिसन के बीच इस बात को लेकर झगड़ा था कि किसके पावर से दुनिया को रोशनी मिलेगी. दिलचस्प है कि टेस्ला ने अल्टरनेटिंग करंट (एसी) और एडिसन ने इससे उलट डायरेक्ट-करंट (डीसी) की खोज की थी. टेस्ला का कहना था कि दुनिया एसी करंट से रोशन होगी जबकि एडिसन डीसी करंट के पक्ष में थे. अब यह जगजाहिर है कि टेस्ला का दावा सही रहा और आज हमारे घरों में रोशनी एसी करंट की वजह से ही है.

क्यों खास थे टेस्ला?

टेस्ला अपनी कुछ खास खूबियों की वजह से जाने जाते हैं. टेस्ला की याद्दाश्त कमाल की थी. वह खुद मानते थे कि उनकी फोटोग्राफिक मेमोरी है. उनकी शानदार याद्दाश्त का अंदाजा आप इसी से लगा सकते थे कि वह पूरी किताब याद कर लेते थे. वह 8 भाषाओं में बोल सकते थे. वह तस्वीरों और चीजों को भी बड़ी बारीकी से याद कर सकते थे. अपनी इसी खूबी के कारण शुरुआत में वह डिवाइस तैयार करने के लिए ड्रॉइंग नहीं करते थे.

टेस्ला ना सिर्फ महान इंजीनियर थे बल्कि फिलॉस्फर, कवि और विशेषज्ञ थे. अपने 75वें जन्मदिन पर उन्हें आइंस्टीन से एक बधाई पत्र मिला था. यह तब टाइम मैगजीन के कवर पर छपा था.

यह भी पढ़ें: हर्षद मेहता के तेज दिमाग और डेयरिंग का गवाह है शेयर बाजार

अपने निजी जीवन में टेस्ला हमेशा अकेले रहे. किशोरावस्था में बीमार होने की वजह से उन्हें कीटाणुओं से बहुत डर लगता था. यही वजह है कि वह हाइजीन का बहुत ध्यान रखते थे. शायद यही वजह रही है कि वह कभी किसी महिला के करीब नहीं आ सके. उन्हें मोतियों से फोबिया था. यह डर उनपर इस कदर हावी था कि वह कभी किसी महिला के करीब नहीं जा पाए.

कबूतरों से उन्हें बेहद प्यार था. वह पार्क में घंटों बैठकर कबूतरों को देखते थे और बीमार कबूतरों को घर लेकर आते थे. अपने जीवन के आखिरी दशक में वह न्यूयॉर्क के एक दो कमरों के सुइट में रहते थे. यह 33वें फ्लोर पर था.

चुनौती भरा रहा सफर 

टेस्ला का जन्म 10 जुलाई, 1856 को हुआ था. उन्होंने अंतिम सांस 7 जनवरी, 1943 को व्यानधम न्यूयॉर्कर होटल में ली. टेस्ला अपने निजी जीवन में तो अकेले रहे ही प्रोफेशनल लाइफ में भी उनकी मुश्किलें कम नहीं थीं. 1895 में मैनहट्टन लैबोरेटरी में आग लग गई. इस आग में उनके नोट्स और प्रोटोटाइप्स जलकर खाक हो गए.

1898 में मैडिसन स्कवॉयर गार्डन में उन्होंने एक वोट को वायरलेस कंट्रोल करके दिखाया. उस वक्त उनके इस स्टंट को कई लोगों ने धोखा करार दिया था. इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रिक पावर के वायरलेस ट्रांसमिशन पर काम करना शुरू किया. उन्हें भरोसा था कि इससे ना सिर्फ बिजली भेजी जा सकेगी बल्कि दुनिया भर में बेतार बातचीत हो सकती है.

अपने आइडिया के टेस्ट के लिए उन्होंने कोलोराडो स्प्रिंग्स में एक लैब बनवाया. टावर बनवाने के लिए उन्हें फंड की जरूरत थी. लिहाजा उन्होंने 1901 में जेपी मॉर्गन को निवेश के लिए मनाया. इन सबके बावजूद टेस्ला का सपना पूरा नहीं हुआ और मॉर्गन ने जल्दी ही फंड देना बंद कर दिया.

यह भी पढ़ें: बजट 2018: इन 5 मुद्दों पर रहेगी आम आदमी की नजर

1909 में मारकोनी को रेडियो के आविष्कार का नोबल प्राइज मिला. टेस्ला ने मारकोनी पर पेटेंट्स उल्लंघन का मुकदमा कर दिया, लेकिन इसमें भी उन्हें हार मिली. इसी साल यह भी अफवाह थी कि एडिसन और टेस्ला को एकसाथ नोबल मिल सकता है, लेकिन यह भी नहीं हुआ. नोबल ना सही टेस्ला को कई दूसरे अवॉर्ड मिले, जिसमें एक एडिसन मेडल भी है. एक अवॉर्ड उनके अपने बॉस के नाम, जिसे वह ताउम्र नापसंद करते रहे.

टेस्ला! कुछ याद तो आया होगा

टेस्ला सुनकर आपको कुछ और भी याद आया होगा. जी हां! इलेक्ट्रिक कार टेस्ला. बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि निकोल टेस्ला के नाम पर ही इलेक्ट्रिक कार टेस्ला का नाम पड़ा था. इलेक्ट्रिक इंजीनियर टेस्ला की याद में एलन मस्क ने अपनी इलेक्ट्रिक कार का नाम टेस्ला के नाम पर रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है.