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दिल्ली में चल रही सीलिंग का असर 2019 के चुनाव में दिखेगा?

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी जहां डिफेंसिव लग रही है, वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है

Ravishankar Singh

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में सीलिंग को लेकर हंगामा बरपा हुआ है. दिल्ली के पॉश इलाकों में से एक कनॉट प्लेस, मेहरचंद मार्केट, ग्रीन पार्क, हौजखास, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, डिफेंस कॉलोनी और खान मार्केट के दुकानदारों में हड़कंप मचा हुआ है. ये वैसे इलाके हैं, जहां पर व्यापारियों के द्वारा राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में सबसे ज्यादा और मोटी रकम मिलती हैं. इन इलाकों की दुकानों पर बड़ी-बड़ी गाड़ियां और बड़े-बड़े बंगले में रहने वाले लोगों के कदम आकर ठहर जाते हैं.

इन इलाकों को दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में से एक कहा जाता है. देश के बड़े-बड़े उद्योगपति, ब्यूरोक्रेट्स राजनीतिक दलों के नेताओं और विदेशी राजनयिकों के आशियाने यहीं पर हैं. या यूं कह सकते हैं कि देश के नीति-निर्धारकों और कर्ता-धर्ताओं का रैनबसेरा यहीं पर है.


अब इन इलाकों के दुकानदारों पर सुप्रीम कोर्ट की नजरें इनायत हो गई हैं. आज-कल सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी का डंडा इन इलाकों के दुकानों पर बड़े पैमाने पर चल रहा है, जिससे इन दुकानदारों में हड़कंप मचा हुआ है.

'अब नोटिस नहीं सीधे सीलिंग की जाएगी'

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में सीलिंग की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश पर की जा रही है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने साफ कर दिया है कि दुकानदारों को नोटिस नहीं अब सीधे सीलिंग की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मॉनिटरिंग कमेटी ने इससे पहले दिल्ली के तीनों नगर निगमों के आयुक्त, डीडीए और अन्य एजेंसियों के साथ बैठक की थी.

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दूसरी तरफ सीलिंग के मुद्दे ने राजनीतिक रंग लेना भी शुरू कर दिया है. दिल्ली की तीन बड़ी पार्टियां आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ने सीलिंग के मुद्दे को अपने-अपने तरीके से भुनाने का प्लान तैयार कर लिया है.

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी जहां डिफेंसिव लग रही है, वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. क्योंकि दिल्ली में एक बड़ा तबका व्यापारी वर्ग से ताल्लूक रखता है.

पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मॉनिटरिंग कमेटी के जरिए सीलिंग अभियान की शुरूआत हो गई थी. दिल्ली के सबसे पॉश एरिया डिफेंस कॉलोनी और खान मार्केट में सीलिंग की कार्रवाई शुरू हुई थी.

लेकिन, केंद्र सरकार के आग्रह पर मॉनिटरिंग कमेटी ने कारोबारियों को 15 जनवरी तक कनवर्जन चार्ज देने की मोहलत दे कर कुछ समय के लिए सीलिंग की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी. कनवर्जन चार्ज देने की मियाद जैसे ही खत्म हुई एक बार फिर से दिल्ली में सीलिंग का जिन्न दिल्लीवालों को सताने आ गया है.

डिफेंस कॉलोनी से शुरू हुई सीलिंग की यह कार्रवाई दिल्ली के दूसरे हिस्सों तक पहुंच चुकी है. मंगलवार से एक बार फिर से एमसीडी ने डिफेंस कॉलोनी मार्केट में सीलिंग अभियान की शुरूआत कर दी है. डिफेंस कॉलोनी मार्केट में दुकानों की कई बेसमेंट्स को मॉनिटरिंग कमेटी ने सील कर दिया.

मॉनिटरिंग कमेटी की इस कार्रवाई का जगह-जगह विरोध भी हो रहा है. डिफेंस कॉलोनी हों या लोधी गार्डन हर जगह दुकानदारों के द्वारा विरोध किया जा रहा है. दुकानदारों की बड़े पैमाने पर विरोध को देखते हुए नगर निगम आधिकारी के साथ दिल्ली पुलिस के जवान और अधिकारी भी मौजूद रहते हैं. कई जगहों पर ज्यादा हंगामा होने पर अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाना पड़ रहा है.

आम आदमी़ पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली में सीलिंग का विरोध करते हुए (फोटो: रविशंकर सिंह)

रोजाना दिल्ली में हो रही है सीलिंग

सीलिंग की कार्रवाई पर व्यापारी वर्ग तर्क दे रहे हैं कि सीलिंग की कार्रवाई करने से पहले उनको कम से कम एक नोटिस तो भेजना चाहिए थी? ताकि उनको अपना पक्ष रखने या फिर सामान को कहीं और शिफ्ट करने का समय मिल जाता. इस पर सीलिंग करने आए अधिकारियों के द्वारा व्यापारियों के सामने लाचारगी और बेबसी जाहिर की जा रही है.

एमसीडी लगातार कहती आ रही है कि केंद्र सरकार से मिल कर समाधान निकालने की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद सीलिंग को लेकर मॉनिटरिंग कमेटी किसी भी तरह की ढील नहीं दे रही है. हर दिन दिल्ली के किसी न किसी एक इलाके में सीलिंग की कार्रवाई हो रही है.

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दिल्ली में सीलिंग को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी शरू हो गया है. पिछले सप्ताह ही दिल्ली सरकार ने सीलिंग को लेकर दिल्ली विधानसभा का तीन दिन का विशेष सत्र बुलाया था. इस विशेष सत्र में सरकार ने जहां सीलिंग के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और एमसीडी को लपेटने की कोशिश की तो वहीं बीजेपी दिल्ली सरकार के 351 सड़कों की रेसिडेंशियल कैटेगरी और नॉन रेसिडेंशियल कैटेगरी का मुद्दा उछाला कर सरकार को घेरने की कोशिश की.

जानकारों का मानना है कि बेशक दिल्ली में सीलिंग की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रही है, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा भद्द एमसीडी की पिट रही है. एमसीडी लगातार दलील दे रही है कि हम बिना नोटिस के सीलिंग की कार्रवाई नहीं करेंगे, इसके बावजूद सीलिंग की कार्रवाई रुक नहीं रही है.

वोट की राजनीति की दास्तान यह है कि सभी पार्टियां जनता के सामने तो एक सुर से सीलिंग का विरोध करती हुई नजर आ रही हैं, लेकिन पीछे सीलिंग की कार्रवाई को जायज ठहराने के लिए कई तर्क भी दे रही हैं.

सीलिंग की कार्रवाई का बीजेपी भी विरोध कर रही है. बीजेपी के कई नेताओं और पार्षदों द्वारा सीलिंग के मुद्दे को शीला सरकार के द्वारा नहीं सुलझाने का दोष मढ़ा जा रहा है. बीजेपी के इन नेताओं का तर्क लोगों को नहीं पच रहा है.

दूसरी तरफ दिल्ली में सीलिंग की कार्रवाई से एमसीडी भी दबाव में आ गई है. इसका अंदाजा तब लगा जब दक्षिणी दिल्ली स्थाई समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मॉनिटरिंग कमेटी के दफ्तर के बाहर धरने देने तक की बात कह डाली. बाद में उन्होंने अपना इरादा बदल लिया.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार इस मुद्दे को जमकर भुना रही है. गौरतलब है कि सीलिंग की कार्रवाई के बाद दिल्ली के दुकानदारों के द्वारा कनवर्जन चार्ज जमा कराने की होड़ लग गई है. बीते कुछ दिनों में एमसीडी को कनवर्जन चार्ज से करोड़ों रुपए मिले हैं. कैंप लगा कर कनवर्जन चार्ज वसूला जा रहा है. एक-एक दिन में करोड़ों रुपए कनवर्जन चार्ज से आ रहे हैं. साउथ दिल्ली नगर निगम में सिर्फ जनवरी महीने में ही अब तक लगभग 20 करोड़ रुपए से भी अधिक का कनवर्जन चार्ज जमा कराया गया है.

नोटबंदी, जीएसटी के बाद अब सीलिंग का वार

इसी मुद्दे को लेकर पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के पार्षदों, ट्रेड विंग और हजारों कार्यकर्ताओं ने सिविक सेंटर तक पैदल मार्च कर सीलिंग की घटना का विरोध दर्ज कराया. आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली का व्यापारी इस वक्त दहशत में है. पहले बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी से व्यापारियों का व्यापार तबाह करने का काम किया और अब बीजेपी शासित एमसीडी में सीलिंग और कनवर्जन चार्ज के नाम पर करोड़ों रुपए की अवैध वसूली की जा रही है. अब तो एफडीआई से मोदी सरकार ने व्यापारियों को खत्म करने की भी योजना बना ली है. सीलिंग के बहाने दिल्ली में व्यापारियों से की जा रही करोड़ों रुपए की लूट.

दिल्ली में सालों बाद एक बार फिर से सीलिंग की कार्रवाई शुरू हुई है. बीते 22 दिसंबर से डिफेंस कॉलोनी बाजार से शुरू हए इस अभियान में अब तक हजारों दुकानों को या तो पूरी तरह से या फिर आंशिक रूप से बंद कर दिए गए हैं. दिल्ली में चल रहे सीलिंग की घटना को लेकर दिल्ली की आम जनता भी जानना चाह रही है कि आखिर यह नौबत ही क्यों आई?