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पीएम मोदी बोले- धर्म या विश्वास से जुड़ा मामला नहीं है तीन तलाक, इस्लामिक देशों ने भी लगाया बैन

पीएम ने कहा कि अगर कांग्रेस का कार्यकर्ता क्रिश्चयन मिशेल का वकील बन जाएगा तो यह चिंता की बात है

FP Staff

पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कई मुद्दों पर राय रखी. तीन तलाक के मामले पर उन्होंने कहा कि इस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के

बाद ही सरकार अध्यादेश लाई थी. उन्होंने यह बात राम मंदिर के मुद्दे पर अध्यादेश के सवाल पर कही. दरअसल राम मंदिर पर काफी समय से अध्यादेश


की मांग उठती रही है, ऐसे में पीएम मोदी ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अध्यादेश के बारे में विचार किया जा सकता है.

सबरीमाला और तीन तलाक के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि यह दो अलग अलग मामले हैं. ज्यादातर इस्लामिक देशों ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाया है.

इसलिए यह धर्म या विश्वास से जुड़ा मामला नहीं है. यह लैंगिग समानता और सामाजिक न्याय की बात है. यह विश्वास की बात बिल्कुल नहीं है.

पीएम ने कहा कि 2014 में हमें पूर्ण बहुमत मिला लेकिन हमने धर्म का पालन किया. सबको साथ लेकर चले. आज भी हम सरकार चला रहे हैं. लेकिन

फैसले लेने में आम सहमति है. हमारे सहयोगी दल आगे बढ़ना चाहते हैं और हम खुद चाहते हैं कि वह आगे बढ़ें. हम नहीं चाहते हैं कि हमें सहयोगी दलों

की कीमत पर विकास करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की यह विशेषता है कि सहयोगी वे हैं जो कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाने के बाद कांग्रेस से बाहर आए हैं या कांग्रेस-विरोध के कारण उभरे हैं. इसलिए जब उन्होंने कांग्रेस से संपर्क किया तो कांग्रेस ने उन्हें अपदस्थ कर दिया.

पीएम ने कहा कि अगर कांग्रेस का कार्यकर्ता क्रिश्चयन मिशेल का वकील बन जाएगा तो यह चिंता की बात है. लोगों को गर्व करना चाहिए कि एक राजदार

आ गया. अब एक कानूनी जांच होगी और सच बाहर आ जाएगा. क्योंकि आप मिशेल के समर्थन में अपनी पार्टी के वकील भेज रहे हैं.

उन्होंने कहा, पाकिस्तान से बातचीत के लिए यूपीए या एनडीए की सरकार ने कभी विरोध नहीं किया. यह देश की एक सतत प्रक्रिया है. इसका मोदी सरकार

या मनमोहन सरकार से कोई मतलब नहीं है. हम केवल यह कहते हैं कि बम धमाकों और बंदूकों के शोर के बीच बातचीत नहीं की जा सकती.

पीएम ने डोकलाम के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'भारत को इसलिए जानें क्योंकि उसने डोकलाम मुद्दे पर जवाब दिया. और ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे भारत को छल जैसा महसूस हो. लेकिन हमारा लक्ष्य है कि पड़ोसी देशों के साथ संबंध मित्रवत हों.

पीएम ने कहा कि मैंने यह जनता पर छोड़ दिया है कि वह मेरे काम से संतुष्ट हैं या नहीं. लेकिन एक बात के लिए मुझे आश्चर्य नहीं है कि मैंने लुटियन

की दुनिया को अपना हिस्सा नहीं बनने दिया और न ही मैं उनका हिस्सा बना.

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