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क्या नीरव मोदी मामले से ध्यान भटकाने के लिए हुई कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी!

कार्ति चिदंबरम और नीरव मोदी मामले में एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने की राजनीति अब संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह देखने को मिलेगी

Amitesh

आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर सियासत तेज हो गई है. सीबीआई ने कार्ति को चेन्नई एयरपोर्ट से भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है.

कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया मामले में रिश्वत ली थी. सीबीआई का आरोप है कि कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ चल रहे टैक्स की जांच मामले में अपनी ताकत और पहुंच के दम पर जांच प्रभावित करने की कोशिश की थी.


कार्ति की गिरफ्तारी का सीधा असर दिल्ली की सियासत में दिख रहा है. ऐसा होना लाजिमी भी है. क्योंकि इस मुद्दे को बीजेपी की तरफ से पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार में शामिल होने के सबूत के तौर पर फिर से रखा जाएगा.

कार्ति चिदंबरम और पी चिदंबरम के खिलाफ पहले से ही मोर्चा खोले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि अब पी चिदंबरम की बारी है. स्वामी के बयान से बीजेपी के आक्रामक तेवर का साफ पता चलता है.

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दरअसल, 11000 करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत कर विदेश भाग चुके नीरव मोदी के मामले में कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर रही है. कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान चौकीदार वाले दावे की हवा निकालने की कोशिश हो रही है.

नीरव मोदी मामले से सरकार को घेरने की कोशिश में कांग्रेस

नीरव मोदी मामले को सरकार की विफलता के तौर पर पेश करने की कोशिश हो रही है. कांग्रेस को लगता है कि प्रधानमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े और सख्त तेवर की छवि को तोड़ने का इससे बेहतर मौका नहीं मिल सकता.

दरअसल, कांग्रेस इस बात को समझ रही है कि अभी भी नरेंद्र मोदी की साफ-सुथरी और ईमानदार छवि पर निशाना लगाकर वो सफल नहीं हो सकती. लिहाजा उनकी चौकीदारी पर ही सवाल उठाकर घेरा जा रहा है.

हालांकि इसके पहले भी राज्यसभा के पूर्व सांसद और उद्योगपति विजय माल्या के विदेश भागने और आईपीएल के कमीश्नर ललित मोदी के भी फरार होने को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप लगता रहता है. लेकिन, नीरव मोदी के फरार होने के बाद कांग्रेस विजय माल्या और ललित मोदी मामले को भी जोर-शोर से उठाकर सरकार पर हमलावर है.

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कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष 5 मार्च से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी भी कर रहा है. ऐसे में इस हालात में जब नीरव मोदी का मुद्दा सबसे गरम है, तो सीबीआई की तरफ से कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद अब बीजेपी भी विपक्ष के हमले का जवाब देने की तैयारी कर रही है.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस को भ्रष्टाचार का पर्याय बताने की कोशिश को फिर से नई धार मिलेगी और विपक्ष की नीरव मोदी मामले में संसद में सरकार को घेरने की कोशिश भी नाकाम हो सकेगी.

कार्ति के गिरफ्तारी से घबराने वाली नहीं है कांग्रेस

हालांकि कांग्रेस ने कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई बताया है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस इस कार्रवाई से घबराने वाली नहीं है. वो सच्चाई को सामने लाकर रहेंगे.

पिछले साल दिसंबर में  2जी घोटाला मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके के प्रमुख करुणानिधि की बेटी कनिमोझी के बरी होने के बाद सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की छवि पर बट्टा लगा था. सवाल उस वक्त भी सीबीआई की साख पर उठे थे. उस वक्त भी पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने पूरे 2जी मामले को बीजेपी का प्रोपगंडा बताया था.

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ऐसे में सवाल उठता है कि वही सीबीआई कार्ति चिदंबरम को भ्रष्टाचार के जिस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है, उनके खिलाफ साक्ष्य रख पाएगी. यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा. लेकिन, कार्ति की गिरफ्तारी ने फिलहाल नीरव मोदी मामले से थोड़ा ध्यान जरूर डायवर्ट कर दिया है. कार्ति चिदंबरम और नीरव मोदी मामले में एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने की राजनीति अब संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह देखने को मिलेगी.