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पीएम मोदी का ऐलान: बीजेपी देगी अपने चंदे का हिसाब

बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय बैठक बुला सकते हैं. जिसमें राजनीतिक दलों की फंडिंग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी

FP Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से अपने चंदे की जानकारी सार्वजनिक करने की अपील की है. शनिवार को बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन भाषण में मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी अपने चंदे का हिसाब देने को तैयार है.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग को लेकर की गई टिप्पणी को अपनी टॉप लीड बनाया है.


अखबार ने लिखा पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार खत्म करने के अपने अभियान की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने वादा किया कि बीजेपी अपनी आय के स्रोतों का खुलासा करने में नहीं हिचकेगी. उन्होंने दूसरी पार्टियों से भी अपनी इनकम सोर्स का खुलासा करने की अपील की.

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शनिवार को दिल्ली में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'लोगों को यह जानने का अधिकार है कि आखिर हमारी आय का स्रोत क्या है? हमें कहां से फंड मिलता है.'

फोटो: पीटीआई

प्रधानमंत्री के इस बयान को उनके नोटबंदी और ब्लैक मनी के खिलाफ अभियानों से जोड़कर देखा जा रहा है.

उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि 31 जनवरी से शुरु हो रहे बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय बैठक बुला सकते हैं. जिसमें राजनीतिक दलों की फंडिंग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने छत्तीसगढ़ में 16 महिलाओं के साथ पुलिसवालों के रेप की खबर को सुर्खियों में जगह दी है.

अखबार की खबर के मुताबिक राष्ट्रीय मनावाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के 16 महिलाओं के साथ रेप, यौन और शारीरिक हमले को लेकर राज्य सरकार को नोटिस भेजा है. एनएचआरसी ने कहा कि इन सबके लिए राज्य सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार है.

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शनिवार को आयोग ने अपने बयान में कहा कि उसे 20 दूसरी पीड़ित महिलाओं के दर्ज बयानों का इंतजार है. बयान में कहा गया है कि एनएचआरसी ने पहली नजर में पाया है कि छत्तीसगढ़ में पुलिसवालों ने 16 महिलाओं के साथ रेप, यौन और शारीरिक हमला किया है.

फोटो: रॉयटर्स

आयोग ने अपने मुख्य सचिव के जरिए राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि क्यों नहीं उसे पीड़ितों के लिए 37 लाख रुपये की अंतरिम आर्थिक मदद की अनुशंसा करनी चाहिए.

द टेलीग्राफ अखबार ने सांसद साक्षी महाराज के विवादित बयान को अपने पहले पन्ने की खबर बनाया है.

अखबार ने लिखा कि उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के खिलाफ मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का केस दर्ज किया है.

चुनाव आयोग ने मेरठ जिला प्रशासन से साक्षी महाराज के बयान पर रिपोर्ट मांगी है.

साक्षी महाराज के बयान पर राजनीतिक विवाद भी पैदा हो गया है. विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बीजेपी ने बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह विचार पार्टी का नहीं है.

शनिवार को मेरठ के पास शनि धाम में एक कार्यक्रम के दौरान साक्षी महाराज ने कहा था कि 'हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए. महिला कोई मशीन नहीं है, लिहाजा चार पत्नियां, 40 बच्चे और तीन तलाक अब बर्दाश्त नहीं किये जा सकते'.

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अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने सरकारी और प्राइवेट इंजीनियरिंग संस्थानों के सभी छात्रों को अंतिम वर्ष में ‘इक्जिट’ की परीक्षा पास करना अनिवार्य होने की खबर को प्रमुखता से छापा है.

खबर के मुताबिक ‘इक्जिट’ परीक्षा में छात्रों का प्रदर्शन ही उनकी काबिलियत का पैमाना माना जाएगा. जिसके आधार भविष्य में उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी.

इंजीनियरिंग संस्थानों की गिरती गुणवत्ता और इसके डिग्रीधारकों में बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है.

पिछले हफ्ते ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी.

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सूत्रों के मुताबिक, बैठक में समिति ने सुझाव दिया कि गेट की तर्ज पर ही इंजीनियरिंग के सभी छात्रों के लिए एक गुणवत्ता परीक्षा तय की जानी चाहिए.

यह परीक्षा इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में कराई जाए जिससे इसके आधार पर छात्रों को रोजगार मिलने में आसानी हो सके.

इसके बाद ‘इक्जिट’ परीक्षा कराने पर विचार किया गया.