एमसीडी चुनाव के वक्त हर वो दांव-पेंच आजमाए जा रहे हैं, जिससे विरोधियों को पटखनी दी जा सके. हमेशा की तरह चुनावों के दौरान नेताओं के आने-जाने का सिलसिला जारी है.
इसका प्रभाव कितना पड़ेगा ये तो बाद में ही पता चल पाएगा लेकिन इससे हवा के बदलते रुख का पता चल जाता है.
हवा का ये बहाव इस वक्त एकतरफा ही हो रहा है. ये बहाव इस बात का परिचायक है कि बीजेपी के पक्ष में बयार शायद ज्यादा तेज है. वरना अरविंदर सिंह लवली से लेकर अमित मलिक जैसे कांग्रेस के पुराने चेहरे बीजेपी की चौखट पर दस्तक नहीं दे रहे होते.
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दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और शीला सरकार में मंत्री रह चुके अरविंदर सिंह लवली के साथ-साथ कांग्रेस के दिल्ली की यूथ विंग के अध्यक्ष अमित मलिक भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
टिकट बंटवारे में कांग्रेस के दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन की मनमानी के खिलाफ लवली का गुस्सा था जिसकी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी. इसके पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक अमरीश गौतम भी टिकट बंटवारे में ही अपनी नाराजगी को लेकर पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे.
कांग्रेस के भीतर अजय माकन से नाराजगी उन तमाम दिग्गजों की रही है जिनका शीला सरकार के वक्त दिल्ली में जलवा हुआ करता था.
लवली के अलावा भी हैं कई नाम
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अरविंदर सिंह लवली के अलावा एके वालिया, मंगतराम सिंघल और हारून युसूफ की तरफ से भी टिकट वितरण को लेकर नाराजगी जताई गई थी. एके वालिया ने तो पार्टी छोड़ने की धमकी तक दे दी थी.
अब जबकि अरविंदर सिंह लवली ने बीजेपी की राह पकड़ ली है. तो फिर कयास इस बात के भी लगाए जाने लगे हैं कि जल्द ही एके वालिया और मंगतराम सिंघल भी बीजेपी के साथ हो सकते हैं.
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बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, एके वालिया और मंगतराम सिंघल जैसे नेताओं से भी इस वक्त बात हो रही है. अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही इन दोनों नेताओं की बीजेपी के भीतर एंट्री हो सकती है.
हालांकि, ये हाल केवल कांग्रेस का ही नहीं, आप के नेता और वॉलंटियर्स भी कई जगहों पर बीजेपी का दामन थामने की तैयारी में हैं. 27 मार्च को आप के बवाना से विधायक वेदप्रकाश ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया था.
वेदप्रकाश का दावा है कि आप के भीतर अभी कई ऐसे विधायक हैं जो घुटन मससूस कर रहे हैं. वो जल्दी ही आप का साथ छोड़ सकते हैं.
अरविंद केजरीवाल से नाराज कई आप विधायक
फिलहाल बीजेपी के सूत्र इस बात का दावा कर रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल की नीतियों से नाराज आप के कुछ विधायक जल्दी ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. आप के इन विधायकों की एंट्री जल्दी ही बीजेपी में हो सकती है जिसका सीधा असर एमसीडी चुनाव पर पड़ेगा.
एमसीडी चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को राजौरी गार्डन के उपचुनाव में जीत मिली. कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही और आप की तो जमानत ही जब्त हो गई थी. इसे एमसीडी चुनाव से पहले हवा के रुख से ही जोड़कर देखा गया था.
अब एमसीडी चुनाव के पहले कांग्रेस और आप से नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीजेपी में शामिल होने के सिलसिले से हवा के नए रुख का एहसास होता है.