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एमसीडी चुनाव 2017: इस 'महाभारत' में केजरीवाल का अंतिम अस्त्र 'ईवीएम'

लगातार हमलावर दिल्ली के सीएम की मंशा ईवीएम के मामले को लंबा खींचने की लग रही है

Ravishankar Singh

दिल्ली एमसीडी चुनाव नजदीक आते ही आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच की सियासत गरमा गई है. एमसीडी चुनाव में आप की ओर से लगाए होर्डिंग्स का बीजेपी ने जबरदस्त विरोध किया है.

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर चुनाव आयोग को ईवीएम के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा किया है. आप नेताओं ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर जबरदस्त हमला बोला है.


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जानकार मानते हैं कि बीजेपी और चुनाव आयोग पर आप का हमला एक रणनीति का हिस्सा है. पार्टी नेता ईवीएम के बहाने बीजेपी पर हमला कर आप के विधायकों पर चल रहे मुकदमों से ध्यान हटाना चाहते हैं.

अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए पूछा है कि क्या एमसीडी चुनाव निष्पक्ष होंगे? केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव के लिए राजस्थान से मशीनें लाने पर सवाल खड़े किए हैं. आम आदमी पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग इन मशीनों की तकनीकी जांच क्यों नहीं कराता है?

'सिर्फ मशीनें बदलकर खानापूर्ति क्यों करता है चुनाव आयोग'

अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से सवाल किया है कि जब किसी मशीन में तकनीकी खामी पाई जाती है तो चुनाव आयोग सिर्फ मशीन बदल कर खानापूर्ति कर देता है. राजस्थान के धौलपुर में हुए उपचुनाव में ईवीएम में खराबी पाई गई थी.

आम आदमी पार्टी ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग को लगातार निशाने पर ले रही है. पार्टी ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ को लेकर जांच कराने की भी मांग की है.

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आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से कहा, 'मध्य प्रदेश में एक ऐसी ईवीएम सामने आई है जिसमें कोई भी बटन दबाने के पर बीजेपी को वोट जा रहा है. ये भी सुनने को मिल रहा है कि उस मशीन के अलावा कुल 300 मशीनें उत्तर प्रदेश के कानपुर के गोविंदनगर से मध्य प्रदेश के उपचुनाव के लिए मंगाई गई हैं.'

अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया है कि इन मशीनों में क्या था कि जो नियम-कानूनों को तोड़ते हुए ईवीएम मशीनें मध्य प्रदेश भेजी गईं.

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, 'ऐसा देखने के बाद देश के लोकतंत्र पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है. आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग से मांग करती है कि ऐसी मशीनों की जांच कराई जाए और सच्चाई जनता के समक्ष रखी जाए.'

हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि ईवीएम की चिप के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, क्योंकि चिप को पढ़ा नहीं जा सकता है. लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ संभव है.

अरविंद केजरीवल ने टैम्परिंग या छेड़खानी का जो आरोप चुनाव आयोग पर लगाया है. उसका अर्थ है कंट्रोल यूनिट (सीयू) की मौजूदा माइक्रो चिप्स पर लिखित सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में बदलाव करना. सीयू में नई माइक्रो चिप्स लगा करके दुर्भावनापूर्ण साफ्टवेयर प्रोग्राम शुरू करना.

क्या कहते हैं बीजेपी के नेता?

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, 'अरविंद केजरीवाल एमसीडी चुनाव में अपनी हार मान ली है. आम आदमी पार्टी का चुनाव आयोग पर आरोप लगाना एक हारे हुए खिलाड़ी का कबूलनामा है.'

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विजेंद्र गुप्ता आगे कहते हैं, 'केजरीवाल कई तरह की नौंटकी करने में माहिर हैं. वो कभी पोस्टर लगा कर तो कभी चुनाव आयोग पर आरोप लगा कर जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं. हमने आज पोस्टर लगाने के मामले में चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. निर्वाचन आयोग अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है.'

कहा जाता है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की राजनीति होर्डिंग, पोस्टर और बिजली के खंभों के इर्द-गिर्द ही घूम रही है. ऐसे में अगले कुछ दिनों में आम आदमी पार्टी बीजेपी पर और नए-नए तरीके से हमला कर सकती है.