आज की तारीख में बिहार के सीएम नीतीश कुमार दो फ्रंट पर लड़ रहे हैं. एक मोर्चा चिन्हित सियासी दुश्मनों का है जिसका नेतृत्व आरजेडी के सुप्रीम कमांडर और विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव कर रहे हैं. जबकि दूसरे फ्रंट पर उनको अपने ही घर के वैसे दुश्मनों से लड़ना पड़ रहा है जो ‘गुमनाम’ भारत माता को खोजने के नाम पर प्रदेश में अशांति फैलाना चाहते हैं.
सीएम के करीबी जब कभी भी मिलते हैं तो खुलकर कुछ कहने के बजाय इतना तो रोना रो ही देते हैं कि 'बाहरी दुश्मन से लड़ाई लड़ने में कोई खास परेशानी नहीं हो रही है. लेकिन दुश्मन जब अपने ही घर का हो तो बहुत बच बचा के गोला बारूद का प्रयोग करना पड़ता है. क्योंकि अपनों के भी घायल होने का डर हमेशा बना रहता है.'
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जेडीयू नेता के मुताबिक 'गनीमत यही है कि बड़े घर का मुखिया काफी दबंग है और इस लड़ाई में खुलकर सीएम के समर्थन में है, नहीं तो अब तक तो घोषित उत्पाती प्रवृति के पारिवारिक सदस्य रामनवमी के समय ही बिहार में आग लगा दिए होते'.
होटवार केंद्रीय जेल रांची के कैदी नंबर 3351 लालू प्रसाद यादव के दोनों पुत्र तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव अपने ज्यादातर अस्त्र और शस्त्र का प्रयोग सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ कर रहे हैं. उनको मुंहतोड़ जबाब देने के लिए नीतीश कुमार ने अपनी तरफ से प्रवक्ता संजय सिंह और नीरज कुमार को बॉर्डर पर चौबीसों घंटे सक्रिय रहने का आदेश दे दिया है. ये लोग सफलता और कुशलता पूर्वक अपने शब्द वाणों से जबाब दे भी रहे हैं.
इसी बीच जब कभी घोषित दुश्मन अपने डिजिटल हथियार का प्रहार तेज कर देते हैं, तो हालात दोनों प्रवक्ताओं के नियंत्रण और समझ से बाहर होने लगता है. तब सीएम नीतीश कुमार पर्दे के पीछे से अपने टि्वटर अस्त्र का इस्तेमाल कर देते हैं. सीएम के लिए सुकून वाली बात यही है कि दुश्मन नंबर वन तेजस्वी प्रसाद यादव ने अभी तक अपने ‘शब्द वाण’ को चाचा नीतीश कुमार पर नहीं चलाया है.
वैसे लालू पुत्र ने इस अशोभनीय नुकीले शब्द वाण से हाल ही में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पर हमला किया था जो अपेक्षित प्रतिक्रिया के अभाव में फुस्स हो गया.
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सीएम नीतीश कुमार ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर अपने बड़े घर के दुश्मनों को मात दे दी. पुष्ट खबरों के अनुसार सीएम गठबंधन के दो 'दढ़ियल' नेताओं से काफी परेशान रहते हैं. ये फलाहारी और टीकाधारी नेता टोपी के कट्टर विरोधी हैं जबकि बिहार में गठबंधन के नेता सीएम नीतीश कुमार टीका और टोपी दोनों लगाने-पहनने की वकालत करते हैं. सीएम बार-बार याद भी दिलाते हैं कि 'समाज में प्रेम, शांति और भाईचारा बनाने से ही देश और प्रदेश का चौमुखी विकास होता है.'
भाई लोगों ने राम नवमी को ‘खून नवमी’ में बदलने का जबरदस्त इंतजाम कर लिया था. सरकार के गृह सचिव भले ही खंडन करें लेकिन ये बात सोलह आना सच है कि 2 लाख तलवारों की ऑनलाइन खरीदारी की गई थी. लेकिन सीएम के ब्रह्मास्त्र के एक्टिव मोड में आने के कारण सब तलवार बिना उपयोग के रह गए.
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सीएम ने अपने अधिकारियों को साफ शब्दों ने कड़क निर्देश दिया था कि 'हिंसा फैलाने वाला चाहे कोई हो, मच्छर के माफिक मसल देना है.' अशांत मानसिकता वाले कुछ नेताओं ने सीएम के खिलाफ कांव कांव करना शुरू किया था. बाकी दिल्ली से चक्रवर्ती राजा चंपारण यात्रा के क्रम में जब नीतीश कुमार के पीठ ठोक दिए तो वो सब भीगी बिल्ली की तरह सटक गए.
लेखक ने उन व्याकुल नेताओं में एक से फोन पर बात की तो उन्होंने बोझिल मन से कहा, 'अभी तो हमारे मुंह पर गाय के बछड़ा जैसा जाबी (जाली) लगा दिया गया है. बाकी सीएम की जो एकतरफा कार्रवाई है, वो मजबूत वर्ग को काफी नुकसान पहुंचा रही है जिसका खामियाजा एनडीए गठबंधन को 2019 चुनाव में भुगतना पड़ेगा.'
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और ये उनके निजी विचार हैं)