view all

Valentine Day से पहले SC के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने शेयर की 'खास फ्रेंड' की लव स्टोरी

काटजू ने कहा, मैं कैसे एक इंसान को भूल सकता हूं जो मेरी दोस्त थी और बहुत खूबसूरत थी

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने सोशल मीडिया पर अपनी खास दोस्त की लव स्टोरी शेयर की है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा, 'मुझे हाल ही में एक

महिला ने फोन किया. वह एंग्लो इंडियन है और मेरी उम्र (73 साल) की है.'


'1961 में जब मैं इलाहाबाद के बॉय हाईस्कूल में पढ़ता था तब वह इलाहाबाद में ही गर्ल्स हाईस्कूल में पढ़ती थी. तब वह बहुत खूबसूरत थी लेकिन अब मैं नहीं जानता कि वो कैसी दिखती है. तब हमारे बीच किशोरावस्था का मोह था. हमारी उम्र 15-16 साल की थी. हालांकि बाद में हम अपने अपने रास्तों पर आगे बढ़ गए और बीते 57 सालों से हमारी कोई बातचीत नहीं हुई.'

काटजू ने लिखा, 'उसने मुझे हाल ही में फोन किया और कहा कि उसने फेसबुक पर मेरी फोटो देखी तब मैं उसे याद आया. उसने मुझसे पूछा कि क्या वो मुझे याद है? मैंने कहा कि हां, मुझे वो याद है. मैं कैसे एक इंसान को भूल सकता हूं जो मेरा दोस्त था और बहुत खूबसूरत था. हालांकि यह बहुत पुरानी बात है.'

काटजू ने बताया, 'उसने मुझे अपनी लाइफ स्टोरी बताई. 20 के दशक में उसकी मुलाकात एक क्रिश्चियन केरालाइट मेडिकल डॉक्टर से हुई जो नॉर्थ इंडियन हॉस्पिटल में काम करता था. पहली मुलाकात में ही इस डॉक्टर ने उसे शादी के लिए प्रपोज कर दिया. इस पर मेरी दोस्त ने कहा कि वह उसे जानती नहीं है और न ही वो उसे जानता है. ऐसे में वो कैसे शादी के लिए अपनी सहमति दे सकती है. उस शख्स ने कहा कि वह उसकी मां को जानता है जो उसकी मरीज रह चुकी हैं. वह एक अच्छी महिला हैं और बच्चे अपनी मां के ऊपर ही जाते हैं, इसलिए वह भी अच्छी ही होगी.'

'कुछ मुलाकातों के बाद मेरी दोस्त ने शादी के लिए सहमति दे दी लेकिन डॉक्टर के परिवार वाले इस शादी के लिए राजी नहीं थे. उनका कहना था कि डॉक्टर की शादी के लिए एक और रिश्ता आया है जो खूब दहेज देने के लिए भी तैयार है. इस पर मेरी दोस्त ने डॉक्टर से कहा कि उसे किसी एक को चुनना होगा, या तो वह उसे चुने या दहेज को.'

'डॉक्टर ने दहेज की जगह मेरी दोस्त को चुना और उन्होंने परिवार की मर्जी के बिना शादी कर ली. डॉक्टर और उसकी पत्नी 25 सालों तक खुशी से साथ रहे और उनके दो बच्चे भी हैं. डॉक्टर की 25 सालों के बाद किसी बीमारी से मौत हो गई. उनके बच्चे पूरी तरह स्थापित हो चुके हैं. अब मेरी दोस्त अकेली रहती हैं.'

काटजू ने बताया, 'मैंने अपनी दोस्त से मुझे मिलने के लिए कहा है, जब भी वह दिल्ली या आस-पास हों. यह मेरे लिए बहुत सुखद मौका होगा जब हम 57 सालों के बाद मिलेंगे. अब वह पूरी तरह से बदल गई होगी लेकिन मेरे लिए वह बिल्कुल वैसी ही रहेगी जैसी 1961 में दिखाई देती थी.'

ये भी पढ़ें: 'लोगों को गुमराह करना और डराना है मोदी का सरकार चलाने का तरीका'

ये भी पढ़ें: मुझे BJP नहीं खरीद सकती, चाहूं तो उनके 10 MLA लेकर आ सकता हूं- JDS विधायक गौड़ा