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जानिए कौन हैं अदिति सिंह, जिनके साथ थी राहुल की शादी की अफवाह

2017 के विधानसभा चुनावों में अदिति सिंह ने रायबरेली सीट से करीब 90000 वोटों से जीत हासिल की थी

FP Staff

रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह इन दिनों काफी चर्चा में बनी हुई हैं. चर्चा की मुख्य वजह यह है कि सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की शादी उनसे होने जा रही है. हालांकि अदिति सिंह ने खुद ट्वीट करके इस बात का खंडन किया और यह कहा कि राहुल गांधी उनके राखी भाई हैं और वो इस तरह की खबरों की वजह से परेशान हैं.

अदिति पिछले साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव में रायबरेली सदर सीट से 90 हजार से अधिक वोटों से जीतकर विधायक बनी हैं. अदिति के पिता अखिलेश सिंह भी यहां से पूर्व में कांग्रेस पार्टी समेत अलग-अलग दलों से 5 बार विधायक रह चुके हैं. अखिलेश सिंह को बाहुबली नेता माना जाता और रायबरेली में वे काफी लोकप्रिय भी हैं. रायबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. लेकिन अखिलेश सिंह कांग्रेस का दामन छोड़कर भी हमेशा यहां से अपने दम पर चुनाव जीतते रहे हैं. अखिलेश सिंह इस इलाके में विधायक जी के नाम से भी मशहूर हैं.


30 साल की अदिति ने अमेरिका के ड्यूक यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. अदिति दिल्ली और मसूरी के प्राइवेट शिक्षण संस्थानों से भी पढ़ाई की है. 2017 के विधानसभा चुनावों में अदिति सिंह ने रायबरेली सीट से करीब 90000 वोटों से जीत हासिल की थी. अदिति सिंह को राहुल गांधी की बहन प्रियंका का करीबी भी माना जाता है. हालांकि चुनाव जीतने के बाद पिछले साल अदिति सिंह सीएम योगी के कुछ कामों की प्रशंसा की वजह से भी चर्चा में थीं.

उस वक्त अदिति सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के औचक निरीक्षण के कदम की सराहना करते हुए इसे लगातार जारी रखने और रायबरेली में भी औचक निरीक्षण करने का अनुरोध किया था.

अदिति सिंह ने तब कहा था कि मैं राजनीति में प्रदेश और देश के लिए कार्य करने के लिए आई हूं ना कि सिर्फ विरोध करने के लिए. जहां सरकार गलत काम करेगी वहां विरोध भी करूंगी.

अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह भी पीएम मोदी के बहुत बड़े प्रशंसक माने जाते हैं.

अखिलेश सिंह ने यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान फ़र्स्टपोस्ट से कहा था कि 'नरेंद्र मोदी काफी मजबूत शख्सियत हैं. देश को उनके जैसे मजबूत प्रधानमंत्री की जरूरत है. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने के उनके फैसले से मैं काफी प्रभावित हूं. मुझे संतोष है कि भारतीय सेना का नेतृत्व सही हाथों में है.'

दरअसल भले ही रायबरेली कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता हो लेकिन इस रायबरेली सदर सीट पर अखिलेश सिंह की निजी पकड़ काफी मजबूत है. राजनीतिक विश्लेषकों के कहना है कि सीधे अमेरिका से लौटने और बगैर किसी जमीनी पकड़ अदिति सिंह को अपने पिता की वजह विधानसभा चुनाव में भारी जीत मिली थी.