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बजट में क्या घर खरीदारों को मिलेगी कोई राहत?

खरीदारों के लिए माहौल को अनुकूल बनाने के लिए सरकार इस साल बजट में कुछ खास रियायतों की घोषणा कर सकती है.

Vanita Akhaury

नोटबंदी और ‘रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऐक्ट’ (आरईआरए) के कारण रियल एस्टेट बिजनेस को काफी नुकसान हुआ है. सरकार की इन दोनों नीतियों ने रियल एस्टेट क्षेत्र को खुद में सुधार लाने की दिशा में सोचने को मजबूर किया है.

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खरीदारों के लिए माहौल को अनुकूल बनाने के लिए सरकार इस साल बजट में कुछ खास रियायतों की घोषणा कर सकती है. 2016 तक खरीदारों का मुख्य सवाल यह था कि जिस प्रोजेक्ट में वह घर ले रहे हैं. क्या वह समय से पूरा हो पाएगा? आरईआरए के नियमों को बनाते समय खरीदारों के अधिकारों की रक्षा और उनके हितों को ध्यान में रखा गया.

सबके लिए घर का सपना, कैसे होगा पूरा?

सरकार पहले ही यह कहा चुकी है कि उसका लक्ष्य 2022 तक ‘सभी के लिए घर’ है. गेरा डेवलपमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर रोहित गेरा के अनुसार सरकार को रियल एस्टेट में उछाल लाने के लिए कुछ उपाय करने होंगे.

उनकी सलाह है कि 3 साल के भीतर 90 फीसदी तक अपने प्रोजेक्ट को पूरा कर सकने वाले प्रोजेक्टों को टैक्स-फ्री कर देना चाहिए. यह उन बड़े प्रोजेक्टों के लिए बड़ी राहत का काम करेगा जिन्हें अभी 3 साल के भीतर पूरा कर पाना संभव नहीं है.

उनकी यह भी सलाह है कि सरकार को रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देना चाहिए और रेंटल इनकम पर ठीकठाक छूट देनी चाहिए.

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लोगों को बाजार में मौजूद इंवेंटरी खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते सरकार को चाहिए कि वह 5 वर्षों के लिए फ्लैट के खरीदारों को ब्याज के दोगुने पर आयकर में छूट दे.  इससे प्रभावी ब्याज दर में कमी आएगी और रियल एस्टेट गतिविधियों में आने वाली तेजी से अन्य स्रोतों के जरिए सरकार की आमदनी में जो बढ़ोतरी होगी, उससे कर छूट के कारण होने वाला नुकसान पूरा हो जाएगा.

गेरा ने यह भी कहा कि रियल एस्टेट में काले धन की जमाखोरी को रोकने के लिए इस बजट में सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए. इसके लिए सबसे आसान तरीका है कि यह नियम बना दिया जाए कि कोई भी कंपनी अपने पूरे महीने के खर्च का सिर्फ 1 फीसदी ही कैश में कर सकती है. बाकी खर्चों का भुगतान उसे चेक से करना होगा.

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सरकार भी करे सस्ते हाउसिंग प्रोजेक्ट में निवेश 

2022 तक सबको घर के लक्ष्य लिए सरकार ने पिछले बजट में भी डेवलपर्स को सस्ते हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए कुछ उपाय किए थे. लेकिन सरकार की उम्मीदों और बाजार की अपेक्षाओं में तालमेल नहीं होने के कारण इसमें बड़ी सफलता नहीं मिली.

इस दिशा में सरकार से अपेक्षाओं के बारे में कशमन एंड वेकफील्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर अंशुल जैन कहते हैं कि घर के खरीदारों के लिए टैक्स में और छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सभी तरह के होम लोन में भी कमी करनी चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सस्ते हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए निवेशों को आकर्षित करने के प्रयास करने चाहिए. इसके लिए सरकार नेशनल हाउसिंग बोर्ड की मदद से निजी क्षेत्र को सस्ते हाउसिंग प्रोजेक्ट में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है.

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