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मेरे जाने से फिल्मों में बढ़ेगी अश्लीलता और हिंसा: पहलाज निहलानी

सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पद से बर्खास्त किए गए पहलाज निहलानी ने बॉलीवुड के निर्माता और निर्देशकों पर अपना गुस्सा निकाला है  

Hemant R Sharma

सेंसर बोर्ड के चेयरमैन के पद से खुद को हटाए जाने से पहलाज निहलानी काफी क्षुब्ध है. उन्होंने बॉलीवुड निर्माताओं और निर्देशकों पर उनके विरुद्ध साजिश रचने का आरोप लगाया है. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पहलाज निहलानी को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह प्रसिद्ध कवी और गीतकार प्रसून जोशी को अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिया.

सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पहली बार मीडिया के सामने कहा निहलानी ने कहा कि उन्हें हटाए जाने के लिए बॉलीवुड के कुछ निर्माता और निर्देशक काफी समय से साजिश कर रहे थे.


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उन्होंने कहा कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट को भारतीय परिषद को ध्यान में रखकर बनाया गया है. फिल्में युवाओं के दिलों दिमाग पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालती हैं. फिल्मों में अश्लीलता का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इससे समाज में हिंसा और अपराध की घटनाओं में वृद्धि होती है.

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सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा कि सेंसर का काम केवल प्रमाणपत्र देना ही नहीं बल्कि सेंसरशिप करना भी है. उन्होंने दावा किया कि वो सही और नियम का पालन करके ही अपना काम कर रहे थे .

उन्होंने कहा कि भारत में उनके इस पद से हटाए जाने के बाद अब फिल्मों का स्तर गिर जाएगा और फिल्मों में अश्लीलता बढ़ जाएगी. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि फिल्मों के लिए सेंसरशिप बहुत जरुरी है. इससे परहेज करने का मतलब है कि आप फिल्मों में पोर्न और अश्लीलता परोसने की खुली छूट दे रहे हैं. देश की संस्कृति और पारम्परिक मूल्यों को बचाये रखने के लिए सेंसरशिप बेहद जरुरी है."