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पहलाज निहलानी: सिर्फ मोदी कर सकते हैं 'मन की बात'

फिल्म 'समीर' को 'एक मन की बात कहूं...' डायलॉग को हटाने का फरमान सुनाया है सेंसर बोर्ड ने

Hemant R Sharma

क्या मन की बात अब सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं? अगर कोई और करे तो क्या होगा? आपके मन में हो सकता है इसका जवाब हो कि मन की बात में क्या है जो चाहे सो करे. ठीक है, लेकिन फिल्मों में मन की बात जुमला अगर आपने प्रयोग कर लिया तो अब आगे से किसी की फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा.

अखबार मिड डे  में छपी खबर के मुताबिक ये बात पूरी तरह से सच है कि सेंसर बोर्ड ने आने वाली फिल्म समीर के एक डायलॉग को इसलिए काटने का हुक्म दिया है क्योंकि इसका डायलॉग है 'एक मन की बात कहूं? तुम कैरेक्टर अच्छा बना लेते हो.'


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जहां पर लाइन मन की बात है वहां इस डायलॉग को डिलीट करने की हिदायत दे दी गई. फिल्म के डायरेक्टर दक्शिन छरा के मुताबिक जब उन्होंने इस डायलॉग के बारे में सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी से बात की तो उन्होंने साफ कह दिया 'पीएम का शो है, डायलॉग डिलीट करो'.

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इस बात से असंतुष्ट छारा के मुताबिक वो इसके लिए अब सेंसर बोर्ड को आगे चैलेंज करने की तैयारी कर रहे हैं. वैसे तो सेंसर बोर्ड अपने तुगलकी फरमानों के लिए हर साल चर्चा में रहता है लेकिन इस बार मामला थोड़ा आगे बढ़ गया है. पहलाज निहलानी के आने के बाद सेंसर बोर्ड काफी फिल्मों को सर्टिफिकेट ना देने की वजह से आलोचना का शिकार बना है, जिनमें उड़ता पंजाब और लिपिस्टिक अंडर माई बुर्का जैसी फिल्मों के मामले हर किसी की चर्चा में शामिल रहे हैं.