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संसद का बजट सत्र भी रहेगा हंगामेदार, क्योंकि अभी कई मुद्दे गरम हैं!

दलितों पर हुई हिंसा के साथ-साथ किसानों की आत्महत्या से जुड़े मुद्दे को उठाकर विपक्ष सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति पर चल रहा है

Amitesh

संसद के बजट सत्र की शुरुआत 29 जनवरी से हो रही है. जिसमें 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा. पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक जबकि दूसरा चरण लगभग एक महीने की छुट्टी के बाद 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा.

बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी, जिसमें वो दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे. फिर उसी दिन आर्थिक समीक्षा पेश कर दी जाएगी. जबकि दो दिनों के अंतराल के बाद एक फरवरी को मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट वित्त मंत्री अरुण जेटली पेश करेंगे.


बजट सत्र आर्थिक और राजनीतिक दोनों लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस बार केंद्र सरकार के बजट और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सबकी नजरें टिकी हैं. क्योंकि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार के बचे हुए कार्यकाल में यानी अगले एक साल तक के काम के एजेंडे की एक झलक मिल सकती है.

मोदी सरकार के इस अंतिम पूर्ण बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली के पिटारे से क्या निकलता है इस पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी.

हालांकि उम्मीद की जा रही है कि इस अंतिम पूर्ण बजट में सरकार किसानों, दलितों, पिछड़ों और ग्रामीण तबके के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है. इसके अलावा इनकम टैक्स भरने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए भी कर में कुछ हद तक छूट देकर उन्हें भी राहत दे सकती है.

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लेकिन, प्रधानमंत्री की तरफ से जो संकेत दिए गए हैं उससे बड़ी राहत और रेवड़ियों की गुंजाइश ज्यादा नहीं बच रही है. फिर भी बजट पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी. जिसे सरकार और विपक्ष दोनों अपने-अपने तरीके से भुनाने की पूरी कोशिश करेंगे.

बजट सत्र में तीन तलाक बिल पर होगा संग्राम

शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा से पारित होने के बावजूद तीन तलाक का बिल राज्यसभा से पारित नहीं हो सका था. उस वक्त कांग्रेस समेत बाकी विपक्षी दलों ने इस बिल को सेलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग रखकर इसको पास होने की राह में रोड़ा अटका दिया था.

लेकिन, सरकार मौजूदा स्वरूप में ही इस बिल को पास कराने की कोशिश कर रही है. जिसमें तीन तलाक देने वाले पुरुषों के लिए सजा का भी प्रावधान है. हालांकि इस मुद्दे पर सहमति के आसार फिलहाल कम ही नजर आ रहे हैं.

इसके अलावा सरकार ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले बिल को पारित कराने की कोशिश करेगी. ये दोनों बिल राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं. मुस्लिम महिलाओं और ओबीसी को अपने साथ जोड़ने की कवायद में सरकार इन दोनों बिल को पास कराने में लगी हुई है.

पार्लियामेंट हाउस में ऑल पार्टी मीटिंग के दौरान विपक्षी दल के नेताओं के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली (फोटो: PTI)

बजट सत्र रहेगा हंगामेदार

बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. महाराष्ट्र के कोरेगांव में दलितों के साथ हुई झड़प के बाद अब यूपी के कासगंज में फैली हिंसा को भी मुद्दा बनाकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो सकता है. हालांकि सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति कर रही कांग्रेस इस मुद्दे पर संभलकर बोल रही है. लेकिन, कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाकर बीजेपी सरकारों को घेरने से वो नहीं कतराएगी.

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उधर, फिल्म पद्मावत के बाद पूरे देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन और उस दौरान हुई हिंसा को भी मुद्दा बनाकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. करणी सेना पर सीधे हमले के बजाए विपक्ष की कोशिश बीजेपी और संघ परिवार के ऊपर हिंसा का ठीकरा फोड़ने की होगी. इसकी एक झलक राहुल गांधी के उस ट्वीट में भी दिख गई है जो उन्होंने गुरुग्राम में स्कूली बस में हुई तोड़फोड़ के बाद किया था.

दलितों पर हुई हिंसा के साथ-साथ किसानों की आत्महत्या से जुड़े मुद्दे को उठाकर विपक्ष सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति पर चल रहा है. सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद आरजेडी के तेवर से साफ लग रहा है कि विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने वाला है.

आरजेडी सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा ‘इस वक्त देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, शांति खत्म हो रही है, हिंसा हर जगह हो रही है. यह सब राष्ट्र की एकता के लिए खतरा है. महाराष्ट्र के गोरेगांव से लेकर बिहार में बक्सर के नंदनगांव तक दलितों पर अत्याचार हो रहा है. इसके अलावा हम किसानों की आत्महत्या का मुद्दा भी उठाएंगे.’

हालांकि सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक बुलाकर बजट सत्र से पहले आम सहमति बनाने की कोशिश की गई है जिससे हर मुद्दे पर शांतिपूर्वक चर्चा हो सके.

सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि ‘हमारे एजेंडे में तीन तलाक का बिल राज्यसभा से पास कराना सबसे ऊपर है. हम और हमारे सहयोगी इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों से बात कर उन्हें राजी करने की कोशिश करेंगे. हम यहां भी इसे सर्वसम्मति से पास करने की कोशिश करेंगे, आग्रह करेंगे.’

अनंत कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि ‘बजट सत्र काफी महत्वपूर्ण है और सरकार विपक्षी दलों की तरफ से दिए गए सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी.’

सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि विपक्ष के हमले की धार को कुंद करने के लिए सभी मुद्दों पर चर्चा कराई जाए. लेकिन, देश में कई जगहों पर हो रही हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा. विपक्ष के तेवर से साफ है कि सरकार के लिए राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास कराने में भी पसीने छूट जाएंगे.

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