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2000 के नोटों की डंपिंग से परेशान सरकार ने बंद की नोटों की पंपिंग!

पिछले एक-डेढ़ महीने से दो हजार रुपए के नोट चलन में कमी आई है

Ravishankar Singh

एक तरफ ऐसी खबरें आ रही हैं कि आरबीआई दो हजार रुपए के नोटों की छपाई बंद कर चुका है. माना यह भी जा रहा है कि सरकार धीरे-धीरे बाजार से 2000 रुपए के नोट को वापस भी ले सकती है.

हालांकि जब यही सवाल देश के राजस्व सचिव हसमुख अधिया और वित्त मंत्री अरुण जेटली से जब भी पूछा गया तो उन्होंने इसे अफवाह करार दिया है. 2000 रुपए के नोटों को लेकर यह संशय आम आदमी को भी है.


इसी संशय को लेकर संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र में बुधवार को एसपी सांसद नरेश अग्रवाल ने सरकार से सवाल किया, क्या दो हजार रुपए के नोट छपने अब बंद हो गए हैं? बाद में जेडीयू सांसद शरद यादव ने भी सरकार से दो हजार रुपए नोट पर स्थिति सप्ष्ट करने को कहा. हालांकि फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कुछ भी खुलकर नहीं बोला.

क्या घटा है 2000 रुपए का सर्कुलेशन?

बाजार में दो हजार रुपए की करेंसी में अचानक कमी आना अपने आप में चिंता का विषय है. सर्कुलेशन में आई इस कमी के बाद सरकार के आर्थिक रणनीतिकार रणनीति बनाने में जुट गए हैं. ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि फाइनेंस मिनिस्टर की चुप्पी किसी भावी रणनीति का हिस्सा तो नहीं है?

जानकारों का मानना है कि सरकार जरूर किसी न किसी रणनीति पर काम कर रही है. क्योंकि, मार्केट से अचानक दो हजार रुपए के नोटों में कमी आना अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है.

क्या है अर्थशास्त्रियों का कहना?

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने काले धन को सफेद किया है. माना जा रहा है कि इन लोगों ने बाजार से 2000 रुपए के नोट जमा कर लिए हैं. लिहाजा बाजार में 2000 रुपए के नोट कम हैं.

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार को यह आशंका है कि 1000 रुपए की तरह कुछ लोग 2000 रुपए का नोट भी जमा करने लगे हैं. लोगों की इस आदत पर लगाम लगाने के लिए ही सरकार ने 2000 रुपए के नोटों की छपाई रोक दी है.

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बैंक भी 2000 रुपए के नोटों में आई कमी से परेशान है. बैंक अधिकारियों का कहना है कि पिछले एक-डेढ़ महीने से दो हजार रुपए के नोट चलन में कमी आई है.

कब बंद हुई 2000 रुपए के नोटों की छपाई?

आरबीआई ने दो हजार रुपए के नोटों की छपाई पांच महीने पहले ही बंद कर दी थी. आरबीआई का जोर अब छोटे नोटों की छपाई पर है.

जानकार मानते हैं कि 2000 रुपए के 7.4 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 3.7 अरब नोट छप चुके हैं. यह 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद बंद हुए एक हजार रुपए के 6.3 अरब नोटों के मूल्यों से अधिक हैं.

फिलहाल छापे जा रहे नोटों में 90 प्रतिशत हिस्सा 500 रुपए के नोटों का है. नोटबंदी के बाद से अबतक 500 रुपए के 14 अरब नोट छापे जा चुके हैं. यह नोटबंदी के बाद बंद हुए 500 रुपए के 15.7 अरब नोटों के काफी करीब है.

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फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी कहते हैं, ‘दो हजार रुपए के नोट की शॉर्टेज की खबर मिल रही है. मेरे ख्याल से प्रिंटिग भी कम हो रही है और स्टॉक होने की भी आशंका है. अभी कुछ दिनों से आरबीआई ने 500 रुपए के नोटों की सप्लाई ज्यादा शुरू कर दिया है. दो हजार रुपए के नोट केवल वही हैं जो बाजार में पहले से हैं.’

2000 के नए नोट के साथ महिलाएं

काले धन के खेल पर नकेल की तैयारी में जुटी सरकार छोटे और नए नोटों के जरिए इस खेल पर फुल स्टॉप लगाने की तैयारी पूरी कर चुकी है.

आरबीआई के मैसूर प्रेस में 200 रुपए के नोटों की छपाई भी शुरू हो चुकी है. 15 अगस्त के बाद 200 रुपए के नोट बाजार में दिखाई दे सकते हैं.

जानकारों का कहना है कि मार्केट में अब 50 रुपए, 100 रुपए और 500 रुपए के नोटों की सप्लाई बढ़ेगी.

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बैंकिग सूत्रों का कहना है कि छोटे नोटों की संख्या बढ़ाने का मतलब दो हजार रुपए के नोट को बाहर का रास्ता दिखाने की शुरुआत हो सकती है. क्योंकि वित्त मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो सरकार अब 2000 के नए नोट छापने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार 11 अप्रैल को नोटों की छपाई के लिए प्रॉडक्शन प्लानिंग की बैठक हुई थी. बैठक में रिजर्व बैंक ने 2000 के सौ करोड़ नोट छापने का प्रस्ताव रखा था, मगर वित्त मंत्रालय ने 2000 के नोट छापने का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया था. हालांकि, बाकी छोटे नोट छापने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी.

छोटे नोट से बढ़ेगी कैशलेस इकनॉमी

सरकार छोटे नोटों की सप्लाई बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके 2 फायदे होंगे. एक, जाली नोटों पर लगाम कसी जाएगी.

दूसरा, लोग कैश की जगह कार्ड से पेमेंट ज्यादा करेंगे. बड़े नोट की कमी होने से लोगों को बड़ी राशि का कैश पेमेंट करने में दिक्कत आएगी. ऐसे में वे ऑनलाइन या कार्ड से पेमेंट करेंगे. इससे कैशलेस इकनॉमी को बढ़ावा मिलेगा.

सरकार कम वैल्यू के नोट ज्यादा प्रिंट करने की सोची-समझी रणनीति के तहत काम कर रही है. आरबीआई द्वारा 200 रुपए के नोट को जल्द जारी करने का फैसला इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है.

देश की मोदी सरकार कई मौकों पर जता दिया है कि भारत जल्द से जल्द कैशलेस इकनॉमी बने. सरकार जो भी कदम उठा रही है, उसके पीछे इकनॉमी ग्रोथ में तेजी, ब्लैक मनी पर अंकुश और वित्तीय घाटे को एक निश्चित दायरे में रखना प्रमुख लक्ष्य है.