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ट्रंप सरकार बेहद कुशल पेशेवरों को एच1बी वीजा देना चाहती है : व्हाइट हाउस

गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के अमेरिकी नियोक्ताओं के संगठन ‘कम्पिट अमेरिका’ का कहना है कि ‘एच-1बी’ वीजा रोके जाने की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई है

Bhasha


ट्रंप प्रशासन आईटी पेशवरों में विशेष रूप से लोकप्रिय एच-1बी वीजा के वर्तमान प्रावधानों में कुछ बदलाव करना चाहता है. ताकि इसके तहत सिर्फ बेहद कुशल विदेशी पेशेवरों को वीजा मिल सके और यह सिर्फ आउटसोर्सिंग का तरीका बनकर ना रह जाए.

व्हाइट हाउस में नीति समन्वयन के लिए डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ क्रिस लिडल ने बृहस्पतिवार को वाशिंगटन में कहा कि राष्ट्रपति का मानना है कि बेहद कुशलता वाले क्षेत्र जैसे कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने वाले लोग देश में रूकें. उन्होंने इस बात को कई बार सार्वजनिक तौर पर भी कहा है. उन्हें इमिग्रेशन में यह बेहद सकारात्मक हिस्सा लगता है.

नयी टेक्नोलॉजी के संबंध में ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की लाइव चर्चा के दौरान एच-1बी वीजा पर राष्ट्रपति के विचारों के बारे में सवाल करने पर लिडल ने जवाब में कहा, ‘वह (ट्रंप) योग्यता आधारित आव्रजन की बात करते हैं, स्पष्ट रूप से यह (एच-1बी वीजा) योग्यता आधारित आव्रजन का हिस्सा है.’ साथ ही उन्होंने माना कि अगर यह मुद्दा कांग्रेस में पहुंचा तो इसे लेकर काफी विवाद हो सकता है.

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माइक्रोसॉफ्ट और जनरल मोटर्स के पूर्व कार्यकारी लिडल को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति प्रक्रिया की निगरानी करने और उसका समन्वयन करने के लिए नियुक्त किया गया है.

उनका कहना है कि एक हद तक हम विधायिका के स्थान पर नियामक तरीका अपना सकते हैं. वैसे तो एच-1बी वीजा प्रणाली बहुत हद तक विधायिका के तहत आती है, लेकिन हम इसे नियमित करके आउटसोर्सिंग में इसकी भूमिका को कम कर सकते हैं. अभी 1,20,000 एच-1बी वीजा है.

बड़ी कंपनियां एच 1 बी वीजा पर निर्भर:

वहीं गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के अमेरिकी नियोक्ताओं के संगठन ‘कम्पिट अमेरिका’ का कहना है कि ‘एच-1बी’ वीजा रोके जाने की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई है.

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एच-1बी गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को सैद्धांतिक और तकनीकी विशेषज्ञता वाले कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है. टेक्नोलॉजी कंपनियां भारत और चीन से हजारों-लाखों की संख्या में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए इसी वीजा पर निर्भर हैं.