टाटा कंसल्टंसी सर्विसेज (टीसीएस) भारत की इकलौती ऐसी कंपनी है जो एच-1बी वीजा के लिए विदेशी श्रम प्रमाणन (फॉरन लेबर सर्टिफिकेशन) पाने वाली शीर्ष 10 कंपनियों में शामिल है. अमेरिका के श्रम विभाग के आंकड़ों के अनुसार उसे यह प्रमाणन वित्त वर्ष 2018 के लिए मिला है. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों (आईटी प्रोफेशनल्स) के बीच H-1B वीजा की मांग सबसे अधिक रहती है. यह वीजा अमेरिका में एंप्लॉयर्स को बिना आव्रजन अस्थायी तौर पर विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने की अनुमति देता है.
लंदन की अर्नेस्ट एंड यंग इस तरह का प्रमाणन पाने वाली शीर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनी है. कंपनी को H-1B वीजा के तहत आने वाले कामों से जुड़े 1,51,164 पदों के लिए यह प्रमाणन मिला है. यह वित्त वर्ष 2018 के लिए दिए गए कुल विदेशी श्रम प्रमाणन का 12.4 प्रतिशत है. इसके बाद डेलॉइट कंसल्टिंग को 68,869, भारतीय अमेरिकी कंपनी कॉग्निजेंट टेक्नॉलजी कॉर्प को 47,732, एचसीएल अमेरिका को 42,820, अमेरिका के फोर्स इंक को 32,996 और एपल को 26,833 प्रमाणन मिले हैं. टीसीएस को 20,755 H-1B प्रमाणन मिले हैं. टॉप 10 में शामिल वह इकलौती भारतीय कंपनी है.
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