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साउथ कोरिया: राष्ट्रपति पार्क सत्ता से बाहर, चल सकता है भ्रष्टाचार का मुकदमा

पार्क-गुन-हे साउथ कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति थीं.

FP Staff

साउथ कोरिया की राष्ट्रपति डेमोक्रेट पार्क-गुन-हे को आखिरकार औपचारिक रूप से सत्ता से बाहर कर दिया गया है.

शुक्रवार को साउथ कोरिया की एक 8 जजों की बेंच ने पार्क पर संसद की तरफ से लगे भ्रष्टाचार महाभियोग को सर्वसम्मति से सही ठहराया. पार्क पर भ्रष्टाचार और अपनी ताकतों के बेजा इस्तेमाल का आरोप है.


एनबीसी न्यूज के मुताबिक, 8 जजों में से 1 जज ली-जुंग-मी ने कहा कि ‘ पार्क ने प्रॉसीक्यूटर्स और स्वतंत्र वकीलों को जांच में लगातार असहयोगी रवैया बरतकर लोकतंत्र के सिद्धांतों और कानूनों को तोड़ा है.’

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इस आरोप में पार्क के साथ उनकी करीबी मित्र चोई-सून-सिल भी शामिल हैं. चोई पर बड़ी कंपनियों पर सरकारी फायदा पहुंचाने के बदले पैसे लेने का आरोप है.

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पार्क को पिछले साल दिसंबर से ही इन आरोपों का सामना करने के बाद से ही राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था. उनकी जगह प्रधानमंत्री उनका कामकाज देख रहे थे.

न्यूयॉर्क टाइम्स कहता है कि पार्क इन गंभीर आरोपों के बाद राष्ट्रपति को आरोपों के खिलाफ मिलने वाली छूट खो सकती हैं और उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है.

पार्क को हटाने के साथ ही साउथ कोरिया को मई तक अपना नया राष्ट्रपति चुनना होगा.

जबसे पार्क पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, तबसे साउथ कोरिया की सड़कों पर उनके विरोधी और समर्थक प्रदर्शन कर रहे थे.

शीत युद्ध के मिलिट्री डिक्टेटर पार्क-चुंग-ही की बेटी पार्क-गुन-हे साउथ कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं.

बीबीसी की रिपोर्ट में सोल के पुराने सहयोगी यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के एंबेसी का बयान छपा है.

एंबेसी के प्रवक्ता ने कहा है, 'वो साउथ कोरिया के अगले राष्ट्रपति के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं और एक लाभदायक संबंध और दृढ़ सहयोगी के रूप में खड़ा रहने का वादा करता है.'