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अर्थ डे: कनाडा में चार दिन में 'चोरी' हो गई नदी

यह दुनिया में 'रिवर पाइरेसी' का पहला मामला है

FP Staff

22 अप्रैल को अर्थ डे है. पृथ्वी की सेहत की चिंता करने वालों की फिक्र क्लाइमेट चेंज के असर को लेकर है. पृथ्वी की कई प्राकृतिक धरोहरें धीरे-धीरे गायब हो रही हैं. लेकिन क्या कोई नदी चोरी हो सकती है?

2016 में दुनियाभर के वैज्ञानिक हैरान रह गए जब कनाडा में महज चार दिन में एक नदी गायब हो गई. अब वैज्ञानिकों की कह रहे हैं कि दरअसल सैकड़ों साल पुरानी यह नदी 'चोरी' हो गई है.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग के असर से कनाडा की 150 मीटर चौड़ी स्लिम्स नदी महज चार दिनों में ही सूख गई. नदियों की इस दशा को वैज्ञानिक ‘रिवर पाइरेसी’ कहते हैं यानी नदियों की चोरी.

स्लिम्स नदी बहाव बढ़ने के कारण पुराने रास्ते के बजाय अलास्का की ओर बहने लगी और अलास्का नदी में उसका विलय हो गया. शोधकर्ताओं का कहना है कि स्लिम्स नदी मौसम में हो रहे बदलाव के कारण सूखी है.

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खबरों के मुताबिक इस नदी में कास्कावुल्श ग्लेशियर से पानी आता था. क्लाइमेट चेंज के असर से यह ग्लेशियर पिघलने लगा. इसके कारण नदी में पानी बढ़ा और उसका बहाव काफी तेज हो गया. ऐसे में नदी ने रास्ता ही बदल लिया.

एक वैज्ञानिक ने बताया कि देखने में भले लगता है कि नदी चार दिन में गायब हो गई लेकिन असल में यह बदलाव जल्द नहीं हुआ है. इसमें लंबा समय लगा है और यह ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हुआ है.

ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर की बर्फ पिघली है और तेज बहाव के कारण नदी का रुख बदल जाता है. उन्होंने कहा कि इस नदी के अलास्का की तरफ मुड़ जाने के कारण अलास्का नदी का जलस्तर बढ़ गया है. हालांकि पहले दोनों नदियां एक जैसी थीं, लेकिन अब एक का अस्तित्व खत्म हो गया है जबकि दूसरी नदी कई गुना बड़ी हो गई है.

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