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गोल्ड कोस्ट की गोल्ड मेडलिस्ट पूनम यादव के लिए एशियन गेम्स के दरवाजे हुए बंद!

वेटलिफ्टर पूनम यादव को फेडरेशन ने अनुशासनहीनता के आरोप में एशियन गेम्स के कैंप से किया बाहर

Sumit Kumar Dubey

हाल ही में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर चर्चा में आई यूपी के बनारस शहर की वेटलिफ्टर पूनम यादव के एशियन गेम्स में जाने की संभावनाएं खत्म हो गईं हैं. अनुशासनहीनता के आरोप में वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब ना देने और डोप टेस्ट ना कराने के बाद अब फेडरेशन ने उन्हें एशियन गेम्स के लिए चल रहे कैंप से बाहर कर दिया है.

फेडरेशन सैक्रेटरी जनरल सहदेव यादव ने फर्स्टपोस्ट हिंदी को बताया है कि 'पूनम के खिलाफ इस कार्रवाई को करने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं बचा था. गोल्ड कोस्ट से वापस लौटने के बाद एक ओर जहां बाकी वेटलिफ्टर पटियाला में चल रहे कैंप में शिरकत कर रहे थे वहीं पूनम उससे गैरहाजिर रह रहीं थीं. इस बाबत फेडरेशन की ओर से उन्हें दो-दो कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बावजूद उनकी ओर से ना तो कोई संतोषजनक जवाब आया और ना ही उन्होंने अपना डोप टेस्ट कराया.'


अब एशियन गेम्स में शिरकत नहीं कर सकेंगी 

यह कैंप 11 मई को हिमाचल प्रदेश के केंद्र शिलारू में शिफ्ट हो जाएगा. जहां से वापस आने के बाद एशियन गेम्स के लिए ट्रॉयल होंगे जिसमें 16 सदस्यीय दल का चुनाव किया जाएगा. सहदेव यादव का कहना है कि अब पूनम के लिए एशियन गेम्स के दरवादे बंद हो गए हैं.

पूनम यादव को कैंप से बाहर करने की इत्तिला उनके अलावा स्पोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी साई के साथ-2 वेटलिफ्टिंग के नेशनल कोच को भी दे दी गई है. चूंकि पूनम भारतीय रेलवे की कर्मचारी हैं लिहाजा रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड को भी सूचित किया गया है.

9 मई को पूनम को कैंप से निकालने की सूचना देने वाली इस चिट्ठी ( जिसकी एक प्रति फर्स्टपोस्ट हिंदी के भी पास है) में लिखा गया है कि ‘वह 12 अप्रैल, से 17 अप्रैल 2018 के बीच, और 25 अप्रैल, 2018 को कैंप से बिना किसी पूर्व सूचना के गैरहाजिर थीं. इस बाबत उन्हें 18 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया. इस नोटिस का जवाब ना देने के चलते उन्हें 26 अप्रैल को एक और नोटिस दिया गया लेकिन इसका भी उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया लिहाजा उन्हें कैंप से बाहर करने का फैसला किया गया है.’

मोदी सरकार की 'टॉप्स' से भी हुई बाहर

69 किलोग्राम की कैटेगरी में गोल्ड कोस्ट में गोल्ड जीतकर लोटीं पूनम को दोहरा झटका लगा है. पूनम को ना सिर्फ कैंप से बाहर किया गया है बल्कि अब मोदी सरकार की योजना टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम यानी टॉप्स से भी बाहर हो गईं हैं. इस योजना के तहत मेडल जीतने की संभावना वाले एथलीट्स को सरकार की ओर से विशेष ट्रेनिंग के लिए पैसा और सुविधाएं तो मुहैया कराई ही जातीं है साथ ही हर महीने 50,000 हजार रुपए का जेब खर्च भी दिया जाता है.

फर्स्टपोस्ट हिंदी ने इस मसले पर अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया था कि पूनम की जगह 63 किलोग्राम की कैटेगरी की लिफ्टर राखी हलधर को एशियन गेम्स में 69 किलोग्राम की कैटेगरी में उतारा जा सकता. 9 मई को ही फेडरेशन की सिफारिश के बाद राखी हलधर को ‘टॉप्स’ में शामिल कर लिया गया है. यानी साफ है कि अब पूनम यादव के लिए इसी साल जकार्ता में होने वाले एशियन गेम्स के रास्ते तो बंद हो ही गए हैं साथ ही अब उनका करियर भी डांवाडोल नजर आ रहा है.