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कोच पर बंट गई महिला टीम, हरमनप्रीत और स्मृति ने पोवार की वापसी की मांग की

हरमनप्रीत और स्मृति ने पोवार का कार्यकाल बढ़ाने का समर्थन किया है, लेकिन पता चला है कि एकता बिष्ट और मानसी जोशी के अलावा वनडे कप्तान मिताली उन्हें दोबारा यह पद सौंपने के खिलाफ हैं

Bhasha

कोच रमेश पोवार के कार्यकाल के विवादास्पद अंत के बाद सोमवार को भारतीय क्रिकेट टीम भी बंटी हुई नजर आई. भारत की टी-20 कप्तान हरमनप्रीत कौर और उप कप्तान स्मृति मंधाना ने सीनियर खिलाड़ी मिताली राज के साथ मतभेद के बावजूद कोच की वापसी की मांग की.

प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने बताया कि हरमनप्रीत और स्मृति ने पोवार को 2021 तक कोच बनाने का समर्थन किया है. पोवार का अंतरिम कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हुआ और बीसीसीआई पहले ही इस पद के लिए नए आवेदन मांग चुका है. पोवार दोबारा आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं. राय ने कहा, ‘हां, उन्होंने पत्र लिखा है कि वे चाहती हैं कि रमेश पोवार अपने पद पर बने रहें.’


हरमनप्रीत और स्मृति ने पोवार का कार्यकाल बढ़ाने का समर्थन किया है, लेकिन पता चला है कि एकता बिष्ट और मानसी जोशी के अलावा वनडे कप्तान मिताली उन्हें दोबारा यह पद सौंपने के खिलाफ हैं. सोमवार को हालांकि हरमनप्रीत ने पोवार के समर्थन में पत्र लिखा जिसकी प्रति पीटीआई के पास है.

इस पत्र में हरमनप्रीत ने कहा, ‘ टी20 कप्तान और वनडे उप कप्तान के रूप में मैं आपसे अपील करती हूं कि पोवार को हमारी टीम के कोच के रूप में आगे भी बरकार रहने की स्वीकृति दी जाए. अगले टी20 विश्व कप में बामुश्किल 15 महीने और न्यूजीलैंड दौरे पर जाने के लिए एक महीना है. एक टीम के रूप में वे जिस तरह हमारे अंदर बदलाव लाए हैं उसे देखते हुए मुझे उन्हें बदलने का कोई कारण नजर नहीं आता.’

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बीसीसीआई के पदाधिकारियों को भी भेजे गए इस पत्र में हरमनप्रीत और स्मृति ने कहा है कि अगस्त में पोवार की पूर्णकालिक कोच के रूप में नियुक्ति के बाद से टीम में काफी सुधार हुआ है.

हरमनप्रीत ने कहा,‘सेमीफाइनल में हमारी हार दिल तोड़ने वाली थी और यह देखकर हमारी परेशानी और बढ़ गई कि आखिर कैसे हमारी छवि को नुकसान पहुंचाया गया. रमेश पोवार सर ने ना सिर्फ खिलाड़ी के रूप में हमारे अंदर सुधार किया बल्कि हमें प्रेरित किया कि हम खुद को चुनौती देने के लिए लक्ष्य बनाएं. उन्हें तकनीकी और रणनीतिक रूप से भारतीय महिला क्रिकेट टीम के चेहरे में बदलाव किया। वह हमारे अंदर जीत की धारणा लेकर आए.’

हरमनप्रीत ने साथ ही दोहराया कि मिताली को बाहर करना टीम प्रबंधन का फैसला था. उन्होंने कहा, ‘मिताली राज को बाहर करने के संदर्भ में, रमेश पोवार अकेले इसके लिए जिम्मेदार नहीं थे. उस समय की जरूरत को देखते हुए मैंने, स्मृति, चयनकर्ता (सुधा शाह) और कोच ने हमारे मैनेजर की मौजूदगी में महसूस किया कि हमें विजयी संयोजन के साथ उतरना चाहिए.’

स्मृति ने भी इस विवादास्पद मामले में हरमनप्रीत के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि पोवार ने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनाया. उन्होंने कहा, ‘पोवार के आने के बाद से, उन्होंने सहयोगी स्टाफ के साथ मिलकर एक टीम के रूप में हमारा मनोबल बढ़ाया जिससे हम लगातार 14 टी20 मैच जीतने में सफल रहे. उन्होंने खिलाड़ियों को आत्मविश्वास दिया.’

मिताली को बाहर बैठाने के मामले ने पकड़ा तूल

टी20 विश्‍व कप के सेमीफाइनल में मिताली राज को बाहर बैठाने के मामले ने बड़े विवाद का रूप ले लिया. एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं. कोच रमेश पोवार पर पहले मिताली ने खराब व्‍यवहार का आरोप लगाया था. उसके बाद बाद पोवार ने मिताली पर टीम में अव्‍यवस्‍था फैलाने जैसी चीजों का आरोप लगाया था. मिताली ने पहले पोवार पर आरोप लगाया था कि वह उन्हें बर्बाद करना चाहते थे जबकि कोच ने टी20 विश्व कप पर अपनी रिपोर्ट में टूर्नामेंट के दौरान उनके रवैए पर सवाल उठाए थे. पोवार ने अपनी दस पन्ने की रिपोर्ट में पांच पन्नों में मिताली के बारे में कहा कि उन्‍होंने पारी की शुरूआत करने का मौका नहीं दिए जाने पर दौरा बीच में छोड़ने की धमकी दी थी.

यह मेरे जीवन का सबसे काला दिन

मिताली ने पोवार के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह इस आरोपों से बहुत दुखी हैं. खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और देश के लिए 20 साल खेलने के दौरान मेरी मेहनत, पसीना सब बेकार हो गया. मिताली ने कहा कि आज उनकी देशभक्ति पर संदेह किया जा रहा है, उनकी काबिलियत पर सवाल उठाए जा रहे हैं. यह उनके जीवन का सबसे काला दिन है. मिताली और कोच के बीच के इस विवाद ने भारतीय महिला क्रिकेट को अंदर से हिला के रख दिया है. मिताली ने पहले प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी पर पक्षपात का आरोप लगाया था. उन्‍होंने कहा कि डायना ने उनके खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग किया, जबकि पोवार ने उन्हें अपमानित किया.