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दस साल पहले आज के दिन भारतीय टीम ने रचा था इतिहास!

आज क ही दिन भारत ने पाकिस्तान को हराकर टी-20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बना था

FP Staff

24 सितंबर, 2007. क्रिकेट इतिहास का ये वो दिन है, जिसे भारतीय फैंस कभी नहीं भूलेंगे. इसी दिन भारत ने पाकिस्तान को हराकर टी-20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बना था. इसे नहीं भूलने की एक और वजह ये भी है कि ये टूर्नामेंट पहली बार आयोजित किया गया था और भारत ने पहली बार में ही मैदान मार लिया था. धोनी एंड कंपनी के लिए ये जीत इसलिए भी अधिक मायने रखती थी, क्योंकि साउथ अफ्रीका में हुए इस टूर्नामेंट में शामिल हुई भारतीय टीम में सचिन, गांगुली, द्रविड़ जैसे अधिकतर बड़े नाम शामिल नहीं हुए थे.

महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला लिया. लगातार विकेट्स गिरते रहे, लेकिन गौतम गंभीर एक छोर पर जमे रहे और सिर्फ 54 बॉल में 8 चौके और दो छक्के की मदद से 75 रन की पारी खेलकर भारत को 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन पहुंचा दिया. गंभीर के बाद सबसे अधिक रन रोहित शर्मा ने (30) रन बनाए थे. वे उस वक्त मिडिल ऑर्डर में उतरते थे.

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जवाब में बैटिंग करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत अच्छी नहीं रही. उसके 7 विकेट केवल 104 रन पर गिर गए. आरपी सिंह, इरफान पठान और ने एक के बाद एक 3-3 विकेट लेकर पाकिस्तान को लगभग परास्त ही कर दिया था, लेकिन एक छोर से मिसबाह (43 रन) ने कमाल की बैटिंग की और मैच को अंतिम ओवर तक ले गए.

अंतिम ओवर का रोमांच

आखिरी 6 गेंदों पर पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन की दरकार थी. धौनी ने टीम से काफी विचार विमर्श करने के बाद गेंद फेंकने की जिम्मेदारी जोगिंदर शर्मा को सौंपी और रोमांच से भरे इस ओवर में दोनों देशों के फैंस के लिए अपनी धड़कनों को काबू करना मुश्किल हो रहा था.

19.1- जोगिंदर शर्मा के सामने मिस्बाह- 01 रन (वाइड गेंद)

दबाव में जोगिंदर शर्मा अपनी लाइन पर काबू नहीं रख पाए और अंपायर ने इस गेंद को वाइड करार दिया

19.1- जोगिंदर शर्मा के सामने मिस्बाह- 00

एक गेंद पर कोई रन नहीं बना तो पाकिस्तानी खेमे में प्रेशर बढ़ गया और भारतीय फैंस खुश हो गए.

19.2- जोगिंदर शर्मा के सामने मिस्बाह- 06 रन

मिस्बाह ने दूसरी गेंद पर दमदार छक्का लगाकर भारतीय फैंस की धड़कनें बढ़ा दी.

19.3- जोगिंदर शर्मा के सामने मिस्बाह- आउट, कॉट-श्रीशांत, बॉल- शर्मा

अंतिम ओवर फेंकने वाले जोगिंदर सिंह अंतिम ओवर के बारे में कहते हैं- कप्तान धोनी टीम के मेन बॉलर आरपी सिंह, श्रीसंत और इरफान पठान से ये ओवर नहीं करा सकते थे, क्योंकि इन सभी के कोटे के 4-4 ओवर पूरे हो चुके थे. अब उनके पास ऑप्शन में मैं और भज्जी ही बचे.

भज्जी ने 3 ओवर में 36 रन लुटा दिए थे. उनके अंतिम ओवर में मिसबाह ने दो सिक्स लगाए थे. ऐसे में बचा सिर्फ मैं. तो धोनी ने मुझे बॉल पकड़ा दी. मुझे गर्व है कि मैं उनकी उम्मीद पर खरा उतरा.