मेलबर्न टेस्ट में 2-1 की बढ़त के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि क्या विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने वाले पहले कप्तान बनेंगे! मैच के बाद कप्तान से पूछा भी गया लेकिन वह जवाब यह कह कर टाल गए कि वह नहीं बता सकते.
अभी तक विदेशी दौरों पर टीम इंडिया की निर्भरता सिर्फ बल्लेबाजों पर रहती थी लेकिन साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे में साबित हो गया है कि दशकों बाद टीम को ऐसे गेंदबाज मिलें हैं जो स्कोर बोर्ड मजबूत होने की स्थिति में 20 विकेट हासिल कर मैच जिता सकते हैं.
सीरीज में अब तक बेहतरीन गेंदबाजी करने वाले दोनों टीमों की लिस्ट में जसप्रीत बुमराह सबसे उपर हैं. तीन मैचों में 134.1 ओवर में बुमराह 14.65 की औसत से 20 विकेट ले चुके हैं. साफ दिखता है कि अपनी स्पीड, यॉर्कर, स्लोअर, इनस्विंग, आउट स्विंग की बदौलत बुमराह ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हुए हैं.
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बेशक मोहम्मद शमी ने 14 विकेट लिए लेकिन एक छोर पर उन्होंने जो दवाब बनाया उसका लाभ बुमराह और बाकी गेंदबाजों को मिला. ऑस्ट्रेलियाई टीम खुद कह रही है कि उसने ऐसे भारतीय बॉलिंग अटैक का सामना पहले कभी नहीं किया. तो क्या 3 जनवरी से शुरु हो रहे सिडनी टेस्ट मैच में यह बॉलिंग विराट को ऑस्ट्रेलिया में कोई सीरीज जीतने वाला पहला कप्तान बनाने जा रही है!
असल में इसका जवाब विराट के साथी बल्लेबाजों को देना है. असल में एडिलेड में टीम चेतेश्वर पुजारा के 123 के व्यक्तिगत से स्कोर की बदौलत गेंदबाजों के लिए राह तैयार करने में सफल रही. दूसरी पारी में सिर्फ पुजारा और अजिंक्य रहाणे के 50 से ज्यादा रन जीत में मददगार रहे.
पर्थ की पहली पारी में कप्तान का शतक और अजिंक्य रहाणे का अर्धशतक था. जबकि दूसरी पारी में स्कोर शीट में सबसे ज्यादा रन 30 ही थे. पहली पारी में टीम 300 और दूसरी में दो सौ के उपर नहीं पहुंच पाई. टीम वह मैच शर्मनाक ढंग से हारी.
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मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में पुजारा के शतक के अलावा तीन बल्लेबाजों का स्कोर 50 से उपर गया और टीम एक बार फिर से 400 से उपर रन बनाने में सफल रही. साफ है कि अगर ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतनी है तो सिडनी टेस्ट मैच में स्कोर बोर्ड पर चार सौ से ज्यादा रन होने चाहिए और इसके लिए किसी व्यक्तिगत बल्लेबाज पर निर्भरता से काम नहीं चलने वाला. टॉप के पांच बल्लेबाजों के एक-दो शतक, दो-तीन अर्थशतक और ऐसी ही पार्टनरशिप के बिना सीरीज जीतने का सपना देखना बेमानी होगा. तीन मैचों के नतीजों के बाद साफ है कि 400 से उपर का स्कोर जीत का मंत्र है. ऐसे में विराट को ऐतिहासिक कप्तान बनाने के लिए टॉप बल्लेबाजों को अपने करियर का सबसे बेहतरीन खेल सिडनी में दिखाना होगा.