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IND vs AUS: पर्थ में ऐसे ही टीम इंडिया का पीछा नहीं छोड़ेगा चौथी पारी का भूत!

इस साल विराट की टीम को पर्थ से पहले पांच मैचों में रनों का पीछा करने की चुनौती मिली और उसकी बल्लेबाजी पतझड़ के सूखे पत्तों की तरह गिर गई. ओवल को छोड़कर उससे 200 रन ही नहीं बने.

Jasvinder Sidhu

एडिलेड टेस्ट मैच में जीत और पर्थ में विराट कोहली के बल्लेबाजी कोचों के मैनुअल जैसे शतक को देखने के बाद लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया का यह दौरा भारतीय टीम के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है.

लेकिन जिस तरह दूसरी पारी टीम के विकेट पके हुए जामून की तरह गिरे गए हैं, उससे लगता नहीं कि अगले मैचों में उसके लिए सब आसान रहने वाला है.


इस टीम की एशिया से बाहर चौथी पारियों में बल्लेबाजी का रिकॉर्ड देखने से पता लगता है उसकी हालत बहुत ही खराब है. खासकर इस साल में विदेशी दौरे पर हारे हुए मैचों के स्कोर कार्ड पर निगाह डालने के बाद यही दिखता है. इसलिए लगता नहीं कि पर्थ में रनों का पीछा करते हुए एक और बुरी हार से टीम बचने की हालत में है.

थम नहीं रहा शीर्ष बल्‍लेबाजों की नाकामी का सिलसिला

पर्थ की इस ड्रॉप-इन पिच पर चौथे दिन की तरह पांचवें भी बल्लेबाजी आसान नहीं होने वाली. विराट आउट हो चुके हैं और बाकी से टॉप स्टार बल्लेबाजों के लिए यह टेस्ट मैच खत्म हो गया है. ऐसे में टीम को सिर्फ कोई चमत्कार ही बचा सकता है. साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के दौरे के बाद आस्ट्रेलिया में भी चौथी पारी में टॉप -फाइव बैट्समैन की नाकामी का सिलसिला थमता दिखाई नहीं दे रहा.

इस साल विराट की टीम को विदेशी दौरे पर पर्थ से पहले पांच मैचों में रनों का पीछा करने की चुनौती मिली और बल्लेबाजी पतझड़ के सूखे पत्तों की तरह गिर गई. सिर्फ ओवल में इंग्लैंड में उसने अपने लड़ने के जज्बे की झलक दिखाई थी. ओवल को छोड़कर उससे 200 रन ही नहीं बने. इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघंम में टीम को जीत हासिल करने के लिए सिर्फ 194 रन ही बनाने थे लेकिन पूरी टीम 162 रनों पर निपट गई और मैच हारी.

ओवल में 464 का स्कोर बड़ा लक्ष्य था. टीम इंडिया ने उसे हासिल करने की मजबूत कोशिश. मगर वह वहां 118 रन से हारी. साउथहैंम्पटन में भी यह कहानी दोहराई गई. टीम को मैच जीतने और सीरीज में बने रहने के लिए 245 रन ही बनाने थे लेकिन टीम 184 रन पर आलआउट हो गई.

साउथ अफ्रीका दौरे से जारी सिलसिला

यह सिर्फ इंग्लैंड में ही नहीं हुआ. यह सिलसिला साउथ अफ्रीका दौरे से जारी है. सैंचुरियन में साउथ अफ्रीका ने 287 रन का टारगेट दिया और भारतीय टीम 152 के स्कोर पर ही पहुंच सकी. कैपटाउन में 208 का स्कोर भी टीम से नहीं बना वह मैच भी टीम 31 रन से हारी. इन मैचों में कोहली चौथी पारी में सबसे अधिक दो अर्धशतक हैं. केएल राहुल का ओवल में शतक भी है. लेकिन उपर के पांच बल्लेबाज मैच के रन जिक्र करने या मैच जिताने लायक नहीं रहे.

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इस सीरीज के पहले दौरे में ही जीत टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत थी. लेकिन अगर आस्ट्रेलिया पर्थ में मुकाबले को बराबरी पर लाने में सफल रहती है तो मेहमान टीम को फिर से शुरुआत करनी पड़ेगी.

सामने वाले की बल्‍लेबाजी हिलाने वाले तेज गेंदबाज नहीं थे

हाल के सालों में टीम के पास एक साथ सामने वाली बल्लेबाजी को ऐसे हिला देने वाले तीन-चार तेज गेंदबाज कभी नहीं थे. साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी यह साबित हो गया है. ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर पेस अटैक ही टीम की सबसे बड़ी ताकत हैं लेकिन अगर बल्लेबाज रन ही नहीं बनाएंगे तो तेज गेंदबाजों के पास अपनी मेहनत की कमाई की सरी दोपहर लुटते देखने के सिवाय कोई चारा है ही नहीं.

क्रिकेट प्रेमियों को दुआ करनी चाहिए कि पाचंवें दिन यह विदेशी दौरे पर बेहतर करने वाली पिछले 15 साल की सबसे गजब की टीम की तरह खेल कर मैच बचा ले.