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'मेरे फैंस मुझसे कोई नहीं छीन सकता बाबू मोशाय.....'

उनके जन्मदिन पर आज उनकी जिंदगी के 10 किस्से

FP Staff

राजेश खन्ना के क्या कहने सिर्फ नाम ही काफी है. फिल्म इंडस्ट्री में उनके नाम का सिक्का चलता था. पहली हिट फ़िल्म के लिए उन्होंने इंतज़ार जरूर किया था लेकिन उस इंतज़ार की भरपाई अगली लगातार हिट फ़िल्मों से की थी. कमजोर से कमजोर फ़िल्म राजेश खन्ना ने अपने स्टारडम में चला दीं. हर निर्माता निर्देशक को अपनी फ़िल्म में काका चाहिए होते थे. उनकी फ़िल्मों के डायलॉग्स लोगों को अब भी याद हैं और याद है वो आँखें जो बोलती थीं. राजेश खन्ना की शख़्सियत के स्याह पहलू भी थे. लेकिन उन्हीं के शब्दों में मेरे फैंस मुझसे कोई नहीं छीन सकता...उनके जन्मदिन पर आज उनकी जिंदगी के 10 किस्से...

1- राजेश खन्ना के बारे में ये बात मशहूर थी कि वो दुश्मनी भी जमकर निकालते थे. उनके जीवन का एक किस्सा बड़ा मशहूर है. ये उस रोज की बात है जब राजेश खन्ना की बारात निकल रही थी. राजेश खन्ना का विवाह डिंपल कपाड़िया से होने वाला था. यूं तो उन दोनों की उम्र में बड़ा अंतर था लेकिन राजेश खन्ना का स्टारडम उस वक्त अलग ही बुलंदियों पर था. बारात अपने तय रास्ते से गुजर रही थी. अचानक राजेश खन्ना को जाने क्या सूझा कि उन्होंने बारात का रास्ता ही बदल दिया. अब बारात पहले उस तरफ गई जहां लंबे समय तक राजेश खन्ना की गर्लफ्रेंड रहीं अंजू महेंद्रू का घर था और उन्होंने हाल ही में राजेश खन्ना से रिश्ता तोड़ा था.


2- राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया की शादी का किस्सा भी दिलचस्प है. डिंपल कपाड़िया दरअसल लंबे समय से राजेश खन्ना से मिलने का प्रयास कर रही थीं. वो रोज उनसे मिलने का समय मांगने के लिए फोन किया करती थीं. तब तक उनकी फिल्म बॉबी रिलीज हुई ही थी. एक दिन राजेश खन्ना के सहयोगी ने उन्हें डिंपल की लगातार आने वाली कॉल्स के बारे में बताया तो राजेश खन्ना ने अपने सहयोगी को डिंपल से अच्छी तरह बात करने की ताकीद दी थी.

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3- सुपरस्टार राजेश खन्ना ने वो दिन भी देखे हैं जब उनसे ज्यादा पूछ उनके साथ काम कर रही हीरोइन की होती थी. फिल्म बहारों के सपने की शूटिंग के दौरान ब्रेक का वक्त था. इस फिल्म में आशा पारेख उनकी हीरोइन थीं. ब्रेक में जब दोनों कलाकार बैठे तो अचानक कुछ लोग सामने से आते दिखे. राजेश खन्ना को लगा कि ये भीड़ उनके ऑटोग्राफ लेने के लिए आ रही है लेकिन उन्हें झटका लगा जब सामने से आते लोग उनकी तरफ नहीं बल्कि आशा पारेख की तरफ चले गए. हालांकि इस भीड़ में कुछ लड़कियों ने बाद में राजेश खन्ना का ऑटोग्राफ भी लिया था.

4- मशहूर अभिनेता टॉम ऑल्टर राजेश खन्ना के जबरदस्त दीवाने थे. उन्हें एक्टिंग का चस्का भी काफी हद तक राजेश खन्ना की फिल्मों को देखकर ही लगा था. राजेश खन्ना के करियर में एक वो समय था जब उन्होंने एक के बाद करीब एक दर्जन हिट फिल्में दी थीं. टॉम ऑल्टर खुद कहते थे कि वो राजेश खन्ना बनने के लिए ही मुंबई आए थे. दिलचस्प बात ये है कि राजेश खन्ना की एक्टिंग को लेकर अक्सर टॉम ऑल्टर और दिग्गज अभिनेता नसीरूद्दीन शाह में बहस होती थी. यूं तो दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन टॉम के लिए राजेश खन्ना सुपरस्टार थे जबकि नसीरूद्दीन शाह राजेश खन्ना को अच्छा एक्टर नहीं मानते थे.

5- 60 के दशक के आखिरी सालों में शक्ति सामंत की फिल्म आई थी- आराधना. इस फिल्म में राजेश खन्ना थे. फिल्म के प्रीमियर का बड़ा कार्यक्रम रखा गया था. राजेश खन्ना के करियर के लिए इस फिल्म का चलना बहुत जरूरी था. प्रीमियर में आने वाले तमाम बड़े नामों में देव आनंद भी थे. देव आनंद ने भी कामयाबी की बुलंदियों को देखा था. फिल्म देखने के बाद उन्होंने राजेश खन्ना से कहा था कि उन्हें कामयाब होने से अब कोई रोक नहीं सकता.

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6- आनंद फिल्म ने भले ही राजेश खन्ना के करियर को बहुत नाम और सम्मान दिया हो लेकिन इस फिल्म से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी है. दरअसल इस फिल्म की शूटिंग के दौरान राजेश खन्ना बहुत ज्यादा व्यस्त थे. उस वक्त उनकी और भी कई फिल्मों की शूटिंग चल रही थी. ऐसे में उन्होंने आनंद के लिए ऋषिकेश मुखर्जी के साथ काम करने की हामी तो भर दी थी लेकिन उन्हें समय की बडी दिक्कत हो रही थी. कहते हैं कि उस समय राजेश खन्ना ने अपने साथ एक असिसटेंट रखा था जो उन्हें फिल्म आनंद के गाने के बोल याद दिलाता रहता था.

7- ये राजेश खन्ना के लिए लोगों की दीवानगी ही थी कि उनकी हर फिल्म चल रही थी. इसी आत्मविश्वास में एक बार उन्होंने दक्षिण के एक बड़े निर्माता की फिल्म साइन कर दी उससे पैसे भी ले लिए. बाद में जब फ़िल्म की कहानी उन्हें पता चली तो वो भ्रम में पड़ गए. फिल्म की कहानी मे कुछ भी ऐसा नहीं था जो उसके कामयाब होने का भरोसा दिलाता. अंत में राजेश खन्ना ने फिल्मी दुनिया की मशहूर जोड़ी सलीम-जावेद से गुजारिश की कि वो फिल्म की कहानी को ठीक कर दें. सलीम-जावेद ने कहानी में पहले से इस्तेमाल हाथी को छोड़कर लगभग पूरी फिल्म ही बदल दी. वो फिल्म थी हाथी मेरे साथी. जिसने जमकर बिजनेस किया.

8- सत्तर के दशक में राजेश खन्ना ने कई ऐसी फ़िल्में कीं जो अच्छी नहीं चलीं. फिल्म की बॉक्सऑफिस पर कमाई खराब रही. राजेश खन्ना के बर्ताव के चलते कई खुन्नस खाए लोगों ने खूब लिख. राजेश खन्ना को गुजरा वक्त करार देने में लोगों ने देर नहीं दिखाई. फिल्मी दुनिया की मैनजींस में हर जगह राजेश खन्ना की नाकामी का चर्चा होने लगा. ऐसे मुश्किल वक्त में भी राजेश खन्ना ने विवादास्पद बयान दिया- मेरी फिल्में फ्लॉप हुई हैं, मैं नहीं.

9- राजेश खन्ना की फिल्मों के फ्लॉप होने और अमिताभ बच्चन की फिल्मों के हिट होने का दौर एक ही था. जंजीर से हिट फिल्मों का जो दौर शुरू हुआ वो काफी हद तक आज भी कायम है. इन दोनों अभिनेताओं की फिल्मों की कामयाबी में सलीम जावेद की दमदार कहानी का बड़ा रोल माना जाता है. ऐसे में कई लोग ये भी कहते हैं कि राजेश खन्ना के ट्रैंट्रम से नाराज होकर सलीम जावेद ने उनके मुकाबले अमिताभ बच्चन के लिए ज्यादा दमदार कहानियां लिखनी शुरू कर दी थी.

10- हवा बदल सकती है लेकिन फैंस नहीं. आपको ये विज्ञापन शायद याद होगा. एक पंखे की कंपनी के लिए अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में राजेश खन्ना ने ये विज्ञापन किया था. उसमें भी उनका ये डायलॉग बड़ा फेमस हुआ था- बाबू मोशाय मेरे फैंस मुझसे कोई नहीं छीन सकता. इस विज्ञापन के दौरान ये शाम मस्तानी गाना बैकग्राउंड में बजता है.