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कौन हैं तारक मेहता, जिनके पीएम मोदी भी फैन हैं!

गुजराती में तारक का मतलब तारा यानी स्टार होता है और तारक मेहता आज भी गुजरातियों के बीच अपनी लेखनी के दम पर स्टार हैं

Piyush Raj

तारक मेहता का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले सब टीवी पर आने वाले सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ का खयाल आता है और दिमाग में आते हैं इसके मन को गुदगुदा देने वाले पात्र.

हममें से बहुत कम लोगों को यह पता है कि यह सीरियल गुजराती भाषा के प्रसिद्ध व्यंग्यकार और लेखक तारक मेहता के एक साप्ताहिक अखबार के कॉलम से प्रेरित है. तारक मेहता ने मार्च 1971 में एक साप्ताहिक अखबार चित्रलेखा में ‘दुनिया ने ओंधा चश्मा’ नाम से एक कॉलम शुरू किया था. इस कॉलम में वे ज्यादातर आम लोगों से जुड़े किस्से-कहानियों को रोचक तरीके से सुनाया करते थे.


2008 में सब टीवी ने इसी कॉलम से प्रेरित होकर ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ शुरू किया. इस सीरियल में खुद तारक मेहता नाम का भी एक पात्र है. पिछले 9 सालों से यह सीरियल हिंदी टीवी जगत के सफलतम सीरियलों में से एक माना जाता है.

गुजरात में अपने हास्य-व्यंग्य से भरे लेखों की वजह से प्रसिद्ध तारक मेहता के नाम से भारत के अन्य लोग तब परिचित हुए जब 2015 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई.

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तारक मेहता अपने लंबे जीवनकाल में 80 से ज्यादा किताबें लिखी हैं. जिसमें प्रमुख हैं: ए दुनिया पंजारापोले, एक्शन रीप्ले, अल्बेलुन अमेरिका-वानथेलुन अमेरिका, चंपकलाल तापुनी जुगलबंदी, बेताज बताली-पोपटलाल तराज शामिल हैं.

तारक मेहता ने कई हास्य किताबों का गुजराती में अनुवाद भी किया था और वे गुजराती थियेटर के भी जाने-माने नाटककार  भी रहे हैं.

तारक मेहता का जन्म 26 दिसंबर, 1929 को अहमदाबाद में हुआ था. 1 मार्च, 2017 को तारक मेहता की 88 साल में मौत हुई. उनकी मौत के बाद पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए कहा था कि तारक मेहता का लेखन भारत की विभिन्नता में एकता का प्रतीक है. पीएम ने कहा था कि उन्होंने अपने लेखन से गुजरात के लोगों को हंसाया. पीएम ने उनके लेखन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने व्यंग्य के हर हिस्से को अपने लेखन में इस्तेमाल किया है.

क्यों है 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' विभिन्नता में एकता का प्रतीक

इस अवसर पर पीएम मोदी ने तारक मेहता का उल्टा चश्मा के किरदार टप्पू को याद किया. इस सीरियल के आधार पर ही पीएम मोदी ने तारक मेहता के लेखन को विभिन्नता में एकता का प्रतीक कहा है. इस सीरियल में गोरेगांव, मुंबई के पाउडर गली के एक कॉलनी की कहानी है. इस सोसाइटी में लगभग 50 फ्लैट हैं और यह शो 8 परिवारों के इर्दगिर्द घूमता है. इस सीरियल में गुजराती परिवार के साथ-साथ महाराष्ट्र, यूपी, पंजाब, तमिलनाडु और बंगाल राज्य के किरदार भी हैं. यह पूरा सीरियल इन परिवारों और किरदारों के आपकी मेलजोल और सहयोग पर आधारित है.

तारक मेहता की गुजरात और गुजरातियों के बीच प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे, तब वे समय निकाल तारक मेहता के कार्यक्रम का उद्घाटन करने आए थे और उन्होंने उनसे कई मुद्दों पर बातचीत भी की थी.

गुजराती में तारक का मतलब तारा यानी स्टार होता है और तारक मेहता आज भी गुजरातियों के बीच अपनी लेखनी के दम पर स्टार हैं. गुजरात में तारक मेहता की आत्मकथा एक्शन रिप्ले बड़े चाव से पढ़ी जाती है. यानी तारक मेहता गुजरातियों के बीच गुजराती अस्मिता के एक बड़े प्रतीक हैं और ऐसे पीएम मोदी का उनका फैन होना कोई आश्चर्य का विषय नहीं है.