आज के समय में पढ़ने का मतलब सिर्फ किताब नहीं रह गया है. किंडल जैसे ई बुक रीडर दिनों दिन सहज होने ही चाहिए. इंटरनेट की दुनिया में कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो आपको बेहतरीन चीजें मुहैया करवाती हैं. और पढ़ना ही क्यों आप एक अच्छा सा वीडियो देखकर भी तो बहुत कुछ नया जान सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं इंटरनेट पर मौजूद 5 ऐसे हिंदी के प्लेटफॉर्म्स के बारे में जिनके जरिए आप हिंदी की दुनिया से जुड़े रह सकते हैं.
कविता कोश
कविता कोश हिंदी में ही नहीं दुनिया के किसी भी भाषा में रचा गया एक अनोखा प्रयास है. इस पर फिलहाल हिंदी और तमाम सहयोगी भाषाओं की लगभग एक लाख रचनाएं हैं. रचनाओं की गिनती से अलग इसपर कई ऐसी किताबें मौजूद हैं जिनकी आखिरी प्रति भी अब नष्ट हो चुकी है. इसी तरह से इस पर ऐसे देशज लोकगीतों का अच्छा-खासा संग्रह है जिनको पहले कभी लिखा ही नहीं गया.
कविता कोश पूरी तरह से वॉलेंटरी योजना है इसके संस्थापक ललित कुमार और उनके साथ जुड़े तमाम लोग अपने रोजमर्रा के कामों से समय निकाल कर इसे चलाते हैं और इसका खर्च उठाते हैं. आप हिंदी की तमाम कविताओं के लिए इस पर पहुंच सकते हैं साथ ही अगर आपके मन में ‘हिंदी के लिए कुछ करने’ की भावना आए तो कविता कोश के कामों में हाथ बंटा सकते हैं.
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हिंदी कविता
कई लोग मानते हैं कि कविता पढ़ने नहीं सुनने सुनाने की चीज है. मनीष गुप्ता का यूट्यूब चैनल हिंदी कविता इस काम को बड़े अच्छे ढंग से कर रहा है. बेहद सुघड़ अंदाज से बनाए गए इन वीडियो को आप खुद भी देख सकते हैं, साथ ही साथ किसी खास को भेज भी सकते हैं.
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इगनू सोशल चैनल
अगर कविताएं पढ़ने और सुनने की जगह आपकी रुचि कुछ तथ्यात्मक सुनने और समझने की है तो इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी का यूट्यूब चैनल आपके लिए है. आप दनिया के किसी भी हिस्से में बैठकर मैनेजर पांडे जैसे आलोचकों की कबीर जैसे कवियों पर की गई व्याख्या सुन सकते हैं. प्रेमचंद और गीतकार शैलेंद्र के साहित्यिक कामों की विवेचना को समझ सकते हैं.
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दशमलव
सोशल मीडिया पर पढ़ने वालों में कई ऐसे लोग हैं जिनके अंदर पढ़ने के साथ-साथ लिखने की भी इच्छा है. कई लोग ब्लॉग शुरु तो करते हैं पर कुछ समय बाद बंद कर देते हैं. कविता कोश वाले ललित कुमार का ही एक और प्रयास दशमलव है जहां आप हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़ी तमाम छोटी-मोटी बातें सीख सकते हैं. पासवर्ड्स हैकिंग से बचने के उपायों और हिंदी अंग्रेजी के बीच के फर्क के साथ-साथ ही कई दूसरे अच्छे ब्लॉग्स के लिंक भी पा सकते हैं.
जानकीपुल
हिंदी की दुनिया में शायद ही कोई हो जो प्रभात रंजन के ‘जानकी पुल’ से अपरिचित हो. इस ब्लॉग की सबसे अच्छी बात ये है कि निजी असहमति और सहमति से अलग इसपर हर विचारधारा, हिंदी से जुड़े हर ‘खेमे’ को बराबर मौका मिलता है.
इसे फॉलो करते रहने पर आपको हिंदी की दुनिया में आने वाली तमाम नई किताबों की समीक्षा और तमाम नए कवियों की कविता पढ़ने को मिल जाएंगी. साथ ही इसके आर्काइव में भी आपको कई अच्छे लेख मिल सकते हैं.
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