उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के शीर्ष 100 साफ शहरों में राजधानी लखनऊ का नाम शामिल नहीं होने को चिंता का विषय बताते हुए प्रदेश में स्वच्छता के प्रति अपनी गंभीरता दर्शाने के लिए झाडू़ थाम ली.
मुख्यमंत्री ने लखनऊ के राम मोहन वार्ड स्थित बालू अड्डा इलाके में सड़क पर झाडू लगाई. इस दौरान उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना और कई सरकारी अफसर भी मौजूद थे.
योगी ने इस दौरान लखनउ नगर निगम के अधिकारियों को स्वच्छता के प्रति सख्त हिदायत देते हुए कहा कि देश के 100 साफ शहरों में लखनऊ का नाम ना होना चिंता का विषय है. उन्होंने राजधानी के हर वार्ड में व्यापक सफाई अभियान चलाने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने झाडू़ लगाकर प्रदेश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत करने के बाद नगर निगम के अफसरों से पूछा कि आखिर लखनऊ शहर इतना गंदा क्यों है? उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बरसात से पहले नालियों की सारी सिल्ट (जमी हुई गंदगी) निकाली जाए.
अगर ऐसा नहीं होगा तो गंदा पानी उफान के साथ सड़कों पर बहेगा. हर वार्ड में सफाई अभियान चलाया जाए. लोगों से कहा जाए कि वे गंदगी को सड़कों पर ना फेंकें.
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को भी सफाई के मामले में उत्तर प्रदेश की खराब रैंकिंग पर चिंता जाहिर की थी. देश के 100 साफ शहरों में उत्तर प्रदेश का केवल वाराणसी ही शामिल है और 15 सबसे गंदे नगरों में से 9 नगर उत्तर प्रदेश के हैं.
योगी ने कहा था कि हालांकि वह सर्वेक्षण उनकी सरकार के सत्ता में आने से पहले हुआ था, लेकिन उनकी सरकार आगामी दिसम्बर तक 30 जिलों में और अक्तूबर 2018 तक पूरे प्रदेश में खुले में शौच पर पूर्णत: पाबंदी लगाने की दिशा में काम कर रही है.
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