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केरल में काम करेगी फायर ब्रांड योगी की भगवा रणनीति?

योगी आदित्यनाथ ने भगवा ब्रिगेड की केरल को लेकर चल रही रणनीति को और धार दे दिया है

Amitesh

जनरक्षा यात्रा के दूसरे दिन केरल पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किचेरी से कन्नूर तक पदयात्रा की. फिर वामपंथ के गढ़ केरल के कन्नूर में भगवाधारी योगी ने वामपंथ पर वार करना शुरू कर दिया.

संघ और बीजेपी कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही हत्या के खिलाफ जनजागृति अभियान चला रही बीजेपी के हिंदुत्ववादी चेहरे योगी आदित्यनाथ ने केरल में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी पर ही सवाल खड़ा कर दिया. कम्युनिज्म को विदेशी विचारधारा बताकर योगी उसे त्याग सनातन विचारधारा की तरफ लौटने की वकालत करते नजर आए.


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य, चितांग स्वामी, नित्यानंद स्वामी, नारायण गुरू और माता अमृतानंदमयी इसी पावन धरती से हैं. इस केरल की धरती पर एक विदेशी विचारधारा आकर कैसे खूनी–खेल खेल रही है.

दरअसल योगी की कोशिश केरल के लोगों को सनातन धर्म से उनकी आस्था और अस्मिता को जोड़ने की थी, जिसके तहत वो हर हाल में केरल के लोगों को उनके सुनहरे अतीत की याद दिला रहे थे.

योगी के केरल दौरे से पहले ही संघ और बीजेपी के कार्यकर्ता उत्साह से लबरेज दिख रहे थे. हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता के तौर पर अपनी पहचान बना चुके यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केरल में हो रही हिंसा के खिलाफ सीपीएम सरकार को कठघड़े में खड़ा करते हुए इसे उखाड़ फेंकने का आह्वान कर दिया.

सेक्युलरिज्म के नाम पर सियासत करने वालों पर सवाल खड़ा कर योगी आदित्यनाथ ने सीपीएम पर सबसे बड़ा हमला बोल दिया. कन्नूर की रैली में योगी ने कहा कि कुछ लोग सेक्युलरिज्म के नाम पर जिहादी आतंकवाद का अड्डा बना देते हैं. यह नहीं हो सकता. अब केरल की धरती पर ऐसा नहीं हो सकता.

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आदित्यनाथ की भगवा रणनीति

योगी का संदेश मुख्यमंत्री विजयन के लिए था, नाम लिए बगैर विजयन सरकार पर सीधा वार था. योगी ने कहा कि अब यह धरती जेहादी आतंकवाद की धरती नहीं हो सकती और ना ही लाल सलाम की धरती होगी. अब यह धरती राष्ट्रवाद और विकास की धरती होगी.

योगी आदित्यनाथ के केरल दौरे की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि योगी का कार्यक्रम जनरक्षा यात्रा के दूसरे ही दिन लग गया. 3 अक्टूबर को पहले दिन यात्रा की शुरुआत करने वाले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 5 अक्टूबर को फिर से केरल में पदयात्रा करेंगे. लेकिन इस बीच योगी आदित्यनाथ ने भगवा ब्रिगेड की केरल को लेकर चल रही रणनीति को और धार दे दिया.

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भगवाधारी योगी का केरल पहुंचना बीजेपी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है जिसमें वो पार्टी से हिंदू कैडर्स को भी साधना चाहती है. बीजेपी योगी की छवि को सावधानी से केरल में भुनाना चाहती है क्योंकि केरल की कुल जनसंख्या की लगभग 60 फीसदी हिंदू आबादी है, जबकि 20 फीसदी से कम ईसाई और 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है. हिंदू आबादी में से अधिकतर पहले से ही सीपीएम के साथ रहे हैं.

ईसाईयों को भी साधना चाहती है बीजेपी

लेकिन अब धीरे-धीरे संघ परिवार की कोशिश के बाद इनमें से बड़ी तादाद में बीजेपी की तरफ भी आने लगे हैं. सीपीएम छोड़कर संघ परिवार में जुड़ने की हिंदू समुदाय के लोगों की कोशिश ही इनके बीच भी हिंसा का बड़ा कारण बन रही है. लेकिन, बीजेपी को लगता है कि इतिहास और अस्मिता से जोड़कर राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर सीपीएम से जुड़े और उनको अब तक समर्थन दे रहे लोगों को संघ-बीजेपी के करीब लाया जा सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव में 11 फीसदी वोट मिलना बीजेपी की इसी कोशिश को दिखाता है.

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बीजेपी की नजर 20 फीसदी के आस-पास ईसाई आबादी पर भी है. बीजेपी की रणनीति के मुताबिक ईसाई समुदाय को भी बीजेपी के साथ जोड़ा जा सकता है. खासतौर से बीजेपी मुस्लिम बनाम ईसाई के समीकरण का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. अभी हाल ही में केंद्र सरकार में अल्फोंस कन्ननथनम को मंत्री बनाकर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है.

17 अक्टूबर को खत्म हो रही जनरक्षा यात्रा के बाद भी बीजेपी जनजागृति और जनसंपर्क अभियान जारी रखने पर विचार कर रही है. संवाद और संपर्क से बीजेपी जनाधार मजबूत करना चाहती है जिससे दक्षिण के इस राज्य में भगवा ब्रिगेड की जड़ें मजबूत की जा सकें.