बहुजन समाज पार्टी और उनकी नेता मायावती का चुनाव लड़ने का अपना तरीका है. विरोधी चाहे जो करें मायावती वही करती रहीं जो वो दशकों से करती आईं थीं.
उन्होंने कभी किसी काम के लिए माफी नहीं मांगी या ये नहीं कहा वो ऐसा दोबारा नहीं करेंगीं. उन्होंने कभी सोशल मीडिया को तवज्जो नहीं दी. प्रोफेशनल कैम्पेन मैनेजरों को नहीं पूछा.
पर इस चुनाव में चीजें बदल रहीं हैं. मायावती ऐसा कुछ कर रहीं है जो अब तक उनकी पार्टी ने कभी नहीं किया. बसपा के पारंपरिक शैली के चुनाव प्रचार से हट कर हाई-टेक प्रचार शुरू किया है.
आमतौर से बसपा और मायावती सोशल मीडिया, चुनावी गानों, आकर्षक पोस्टर्स से दूर रहती हैं लेकिन इस बार मायावती ने काफी बदलाव किया हैं. अपनी छवि से इतर जाते हुए उन्होंने जबरदस्त एड कैंपेन शुरू किया है.
बसपा का सोशल मीडिया पर नया एड कैंपेन
पहले मायावती का चुनाव प्रचार डॉ. आंबेडकर, कांशीराम, हाथी निशान और खुद उनके फोटो के इर्द-गिर्द रहता था. उम्मीदवारों को भी निर्देश रहता था कि सारे पोस्टर इसी पैटर्न पर लगायें. लेकिन इस बार थोडा मॉडर्न टच देते हुए सोशल मीडिया पर नया एड कैंपेन जारी किया गया हैं.
अपनी सख्त छवि के विपरीत, इस बार मायावती ज्यादा मीडिया फ्रेंडली हैं, वो पत्रकारों के सवालों के लिए रूकती हैं और हंस कर जवाब भी देती हैं.
सोशल मीडिया पर जो पोस्टर्स जारी किये गए हैं उनकी टैग लाइन हैं - बहन जी को आने दो. कई पोस्टर्स हैं जिनमें ये दर्शाया गया है की सभी समस्याएं बहन जी के आने से सुलझेंगी.
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टैग लाइन कुछ इस प्रकार हैं-- बेटियों को मुस्कराने दो... बहन जी को आने दो, भाईचारा बढ़ाने दो... बहन जी को आने दो, गांव खुशहाल बनाने दो... बहन जी को आने दो, सपनो को पंख लगाने दो... बहन जी को आने दो, निर्दोषों को न आंसू बहाने दो... बहन जी को आने दो.
इन सब कैंपेन से मायावती ने अपने वोट बैंक दलित से इतर जा कर मध्यमवर्ग, अल्पसंख्यक और युवावर्ग खासकर लड़कियों को आकर्षित किया है.
इसके अलावा बसपा ने पहली बार अपना चुनावी गाना तैयार करवाया है. इसके लिए बॉलीवुड के चर्चित गीतकार मनोज मुन्तजिर ने लिखा है और आवाज दी है, कैलाश खेर ने.
पहली बार बसपा के चुनावी कैंपेन में गाना भी शामिल है
ये पहली बार हुआ है कि बसपा ने अपना चुनावी कैंपेन में कोई गाना तैयार करवाया हो.
इससे पहले मायावती आमतौर पर बॉलीवुड से दूर ही रहती थी. गाना- 'आसमानों से भी ऊंचा, अब तो यूपी का शिखर हो, साथ में जब बहनजी का है डर, क्या फिकर हो.' काफी लोकप्रिय हो गया है. प्रदेश में सोशल मीडिया पर बसपा के इस प्रचार माध्यम ने धूम मचा रखी है.
बसपा के लखनऊ मंडल के भाईचारा समिति के प्रभारी फैजान खान ने बताया 'आजकल जमाना सोशल मीडिया का है. हम लोग कोई भी वर्ग छोड़ना नहीं चाहते. हमारी पहुंच उन तक हो, ऐसा इसीलिए किया गया है. आजकल युवा वर्ग का वोटर जिसमे फर्स्ट टाइम वोटर भी शामिल है, वो सब सोशल मीडिया, फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर एक्टिव है और हम उन तक अपनी बात पंहुचा रहे हैं'
पिछले चुनाव में अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की भी छवि को तोड़ते हुए अपना कैंपेन सॉन्ग जारी किया था. तब टैग लाइन उम्मीद की साइकिल बहुत लोकप्रिय हुआ था.
इस बार भी सपा अपना चुनावी वीडियो शूट करवा रही है. सपा में अखिलेश युग के आने के बाद से गाने और विज्ञापन काफी आकर्षक होने लगे हैं. वैसे सपा के ज्यादातर गाने जावेद अली ने गाये हैं.