कुछ दिनों पहले तक रामपुर निवासी कैलाश, विश्वकर्मा भगवान के अनुयायी थे. लेकिन अब उनके अराध्य बदल गए हैं. अब बजरंग बली के प्रति उनकी भक्ति ज्यादा हो गई है. इसके लिए कैलाश, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने उन्हें 'नई दिव्य ऊर्जा' से मिलाया.
रामपुर के पंजाबी कॉलोनी स्थित मंदिर में पूजा करते हुए कैलाश ने कहा- 'मुझे बताया गया कि हनुमान जी दलित थे. किसी ने मुझे इसके बारे में पहले कभी नहीं बताया. ये हमारे मुख्यमंत्री जी हैं जिन्होंने मुझे इस सच्चाई से अवगत कराया. हम पारंपरिक रूप से भगवान विश्वकर्मा की ही पूजा करते हैं. हालांकि, अब हमारे मुख्यमंत्री ने हमारी आंखें खोल दी हैं. इसलिए, अब हनुमान जी के मंदिर के देखभाल की जिम्मेदारी हम लेना चाहते हैं.'
न्यूज18 के मुताबिक सिर्फ कैलाश ही अकेला नहीं है. शहर में बहुत से लोगों का दावा है कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने उनकी 'आंखें' खोल दी हैं. रविवार को वाल्मीकि समुदाय के सदस्यों का एक समूह पहली बार हनुमान मंदिर आया. यहां आकर उन्होंने 'उनके' भगवान को खुश करने के लिए नारे लगाने, जप करने से लेकर आरती की और हर पूजा अनुष्ठान किया.
विवाद तब हुआ जब उन लोगों ने मंदिर के देखरेख की जिम्मेदारी लिए बगैर वहां से जाने से मना कर दिया. इसके बाद जिले के अधिकारियों को बीच बचाव और स्थिति नियंत्रण में लेने के लिए आना पड़ा. लोगों को समझा बुझाकर वहां से हटाया गया. ये कोई पहला मामला नहीं है.
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले:
तीन दिन पहले, दलित संगठन वाल्मीकि क्रांति दल के सदस्यों ने मुजफ्फरनगर में एक हनुमान मंदिर में प्रवेश किया और कथित तौर पर पुजारी के साथ बदतमीजी की और जबर्दस्ती उन्हें पूजा कक्ष से बाहर निकाल दिया. यहां भी मामले को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस तैनात करनी पड़ी थी.
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इसी तरह की घटना राज्य की राजधानी में भी घटित हुई. हजरतगंज इलाके में कम से कम 20 दलित सदस्य, 'दलितों के देवता बजरंग बली का मंदिर हूमारा है' के नारे के साथ एक हनुमान मंदिर में घुस गए. इसके बाद एक सदस्य ने कहा कि- 'हम योगी जी से निवेदन करते हैं कि राज्य के सभी हनुमान मंदिर में दलित पुजारी को पूजा कराने की इजाजत दी जाए.'
28 नवंबर को यूपी के मुख्यमंत्री और बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान जी दलित थे और वो हमेशा सभी भारतीय समुदायों को जोड़ने के लिए काम करते थे. इसके बाद से ही समुदाय के सदस्य हनुमान मंदिरों का दौरा कर रहे हैं.
भीम सेना प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने दलित समुदाय के सदस्यों से देश के सभी हनुमान मंदिरों को 'लेने' का आह्वान किया है.
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