गैंगरेप मामले में फंसे यूपी के परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति के दो और साथियों को पुलिस ने मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या तीन हो गई है.
ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही गायत्री प्रजापति भी पुलिस के सामने सरेंडर कर देंगे.
इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी गायत्री प्रजापति को कोई राहत नहीं मिली. गायत्री प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ दायर की गई एफआईआर रिपोर्ट को रद्द करने की गुहार सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी.
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प्रजापति की दलील थी कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और जिस महिला ने ये आरोप लगाया है वो आदतन ब्लैकमेलर है
लेकिन उच्च न्यायालय ने गायत्री प्रजापति की अर्जी नामंजूर कर दिया. कोर्ट ने प्रजापति को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि वो गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए निचली अदालत की शरण में जाए.
राज्यपाल का सवाल
शनिवार को उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर उनसे पूछा था कि आखिर गायत्री प्रजापति आरोप लगने के बाद भी मंत्री पद पर कैसे बने हुए हैं?
उन्होंने अखिलेश यादव से इस मसले को गंभीरता से लेते हुए इस पर स्थिती साफ करने को कहा था.
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गायत्री प्रजापति गैंगरेप के आरोपी हैं और उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी उम्मीदवारी पर विपक्षी पार्टियों ने समाजवादी पार्टी को चौतरफा घेरा है. वे फिलहाल फरार हैं और ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि वो देश छोड़कर भागने की कोशिश कर सकते हैं.
उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट, लुक-आउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है और उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है.
इस बीच पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि यूपी पुलिस उनके परिवार पर दबाव बना रही है और परेशान भी कर रही है, जिसमें पीड़ित लड़की की बहनें शामिल हैं.