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यूूपी चुनाव 2017: दलबदलुओं ने चुनावी मौसम में किया अफवाहों का बाजार गर्म

पांच राज्यों के चुनावों से पहले लगभग सभी बड़े दलों के नेताओं को लेकर अफवाहें उड़ीं

Amitesh

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों ने सर्द मौसम में भी सियासी पारा बढ़ा दिया है. यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों के चुनावों में इस बार देश भर के लोगों की दिलचस्पी भी है. खासतौर से यूपी पर सबकी नजरें टिकी हैं.

लेकिन इस बार के चुनावों में कयासबाजी खूब हो रही है. अफवाहों ने कुछ ज्यादा ही रंग दिखाया है. ऐसा हो भी क्यों न, सबसे पहले तो यूपी में सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी में ही ऐसा घमासान मचा कि किसी को पता ही नहीं रहता कि आगे क्या होने वाला है?


समाजवाही कुनबे की जंग में भले ही अखिलेश ने बाजी मार ली है, लेकिन पल-पल बदलते घटनाक्रम और उठापटक ने यूपी की सियासत और समाजवादी पार्टी को लेकर कयासबाजी का खूब मौका दिया.

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लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सियासी गलियारे में अफवाहें उड़ती रहीं. कोई कहता कि यह लिखी हुई स्क्रिप्ट है, जिसके तहत अखिलेश की छवि चमकाने की कोशिश की गई तो कोई कहता कि मुलायम सिंह ने बेटे को पार्टी का सर्वेसर्वा बनाने के लिए पूरा ड्रामा रचा था.

स्वामी प्रसाद मौर्य की भी बीजेपी से बात बनती नहीं दिख रही है

खैर अब तस्वीर साफ हो गई है, अखिलेश साइकिल पर सवार होकर कांग्रेस और आरएलडी के साथ गठबंधन की तैयारी में हैं. लेकिन, कयास अभी भी जारी है सीटों की संख्या को लेकर.

कयासबाजी सभी दलों को लेकर हो रही है. दरअसल, नेताओं की आवाजाही इस कदर बढ़ गई है कि कौन कब किधर पाला बदल लेगा, यह कहना मुश्किल है. लिहाजा, अब कयासबाजी फिर से शुरू हो रही है.

मौर्य को लेकर कयासबाजी

अब बात करें स्वामी प्रसाद मौर्य की. ये जनाब बीएसपी छोड़कर हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे. इस उम्मीद में मौर्य ने भगवा चोला पहना था कि अपने बेटे, बेटी, बहू के साथ-साथ खुद भी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकें.

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इसके अलावा उनकी चाहत थी कि उनके करीब 25 से 30 समर्थकों को बीजेपी टिकट दे. लेकिन पार्टी ने उनकी बात को तवज्जो नहीं दी. खुद अपने परिवार के सभी सदस्यों को टिकट नहीं दिला पा रहे हैं तो बेचारे अब दूसरों को क्या टिकट दिला पाएंगे?

लिहाजा कयासबाजी फिर शुरू हो गई है. अफवाह इस बात की शुरू हो गई है कि स्वामी प्रसाद मौर्य कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी तक में हाथ-पांव मार रहे हैं. हो सकता है जल्द ही बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आएंगे.

कुमार विश्वास को लेकर भी अफवाह है कि वो बीजेपी से हाथ मिला सकते हैं (तस्वीर एफबी)

उधर, एक और बड़ी कयासबाजी चल रही थी बीएसपी के साहिबाबाद से विधायक अमरपाल शर्मा को लेकर. अफवाहों का बाजार गर्म था कि अमरपाल शर्मा बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, लेकिन इसके पहले ही तमाम अफवाहों को झूठलाकर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया.

इस वक्त सियासी गलियारों में एक और अफवाह जोरों पर है. आम आदमी पार्टी के अब तक साथ रहे कुमार विश्वास के बीजेपी में शामिल होने को लेकर अफवाह तेज हो रही है. अटकलें ये लगाई जा रही हैं कि शायद कुमार विश्वास बीजेपी में शामिल होकर साहिबाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतर जाएं. लेकिन फिलहाल ये सिर्फ कयास ही है.

सिद्धू को लेकर भी लगीं अटकलें

लेकिन, सबसे बड़ी कयासबाजी तो नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर हुई. बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद से ही सिद्धू के आम आदमी पार्टी में शामिल होने को लेकर अटकलें लगीं.

सिद्धु आप से जुड़ने के लिए बीजेपी छोड़ कर आए लेकिन पहुंच गए कांग्रेस के पास

अफवाहें खूब उड़ीं कि सिद्धू पंजाब में 'आप' के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन, शायद बात नहीं बनी और सिद्धू आप में शामिल होते-होते रह गए.

फिर सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अटकलें लगनी शुरू हुईं. लेकिन, बात बनने में यहां भी काफी देर हो गई. पहले उनकी पत्नी ने कांग्रेस ज्वाइन की. फिर राहुल से मिलकर नवजोत सिद्धू ने भी 'पंजा' के साथ होने का फैसला किया.

इस बीच सिद्धू की चुप्पी लगातार अफवाहों और अटकलों को हवा देती रही.

हर पार्टी में इस तरह के दलबदलुओं की लंबी फेहरिस्त है, जो सुबह कहीं और शाम होते-होते किसी और के साथ हो लेते हैं. तो संभव इस चुनावी मौसम में अभी और अफवाहों का आना बाकी हो.