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बिहार आईएएस विवाद: सीएम और आईएएस अफसरों के झगड़े से आपकी निगाह चूकी तो नहीं...

विधानसभा में बोलते हुए नीतीश बोले की वो कोशिश करेंगे ये मामला 'गवर्नेंस में माइलस्टोन' बन जाए

FP Staff

चुनावों और हल्ले-गुल्ले के बीच बिहार सरकार में ऐसा कुछ घट रहा है जिसे देश के तमाम आईएएस ऑफिसर टकटकी लगा कर देख रहे होंगे. जो नहीं देख रहे हैं वो चाहे अफसर हों, पत्रकार हों या आम आदमी उन्हें इस विवाद को ध्यान से देखना चाहिए.

हुआ ये है कि बिहार पुलिस ने बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमिशन के अध्यक्ष सुधीर कुमार को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद 26 फरवरी को गुस्साए हुए बिहार के 50 आईएएस अफसर राजभवन पहुंच गए और और सुधीर कुमार को तत्काल छोड़ने की मांग की.


प्रदर्शनकारी अफसरों ने ये भी कहा कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाती हैं तब तक वे कोई भी मौखिक आदेश नहीं मानेंगे चाहे वो मुख्यमंत्री का ही क्यों ना हो.

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आईएएस अफसरों ने सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि पुलिस जांच पर उनको भरोसा नहीं है. देश में यह शायद अपनी किस्म का ये पहला मामला है जब आईएएस अफसर साफ कह रहे हैं कि वो मुख्यमंत्री का 'मौखिक आदेश' नहीं मानेंगे.

ये भी शायद पहली बार है कि राज्य के जिलों में आईपीएस और राज्य पुलिस के साथ और उनके सहारे से काम करने वाले आइएएस अधिकारी कह रहे हैं कि उनकी अपनी पुलिस में कोई आस्था नहीं है.

गुस्साए नीतीश 

मुख्यमंत्री भड़के हुए हैं. नीतीश कुमार ने 28 फरवरी को बिहार विधानसभा में बोलते हुए कहा कि अफसरों ने जो ज्ञापन राज्यपाल को दिया है वो उन्हें नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि जब भी ज्ञापन उन्हें मिलेगा वो इसका 'अच्छे से जांच कराएंगे.'

आईएएस अफसरों का पुलिस की जांच के खिलाफ बोलने और अपने बीच के अफसर को तुरंत रिहा न करने पर भी नीतीश ने भरपूर हमला किया.

नीतीश विधानसभा में बोले, 'इस देश का जो कानून है, वह सब पर लागू होता है या कुछ लोग इस से वंचित हैं. इस देश में राष्ट्रपति को छोड़कर सब पर इन्वेस्टिगेशन का कानून लागू होता है.'

पुलिस की बात पर मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'जांच करने का दायित्व तो पुलिस का ही है, एजेंसी तो वही है. सरकार जांच कराने का आदेश दे सकती है लेकिन जांच तो इनक्वॉयरी अफसर ही करेंगे. इसके लिए पुलिस ने एसआईटी की टीम गठित कर दी है और वह जांच कर रही है, कार्रवाई भी सबूत के आधार पर ही करेगी. जो कुछ भी होगा वह मामला अदालत में जाएगा.'

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विधानसभा में बोलते हुए नीतीश बोले की वो कोशिश करेंगे ये मामला 'गवर्नेंस में माइलस्टोन' बन जाए.

पेपर लीक मामला

वे बोले- 'आजकल एक आसान सी आदत हो गई है, पहले हल्ला हुआ पेपर लीक का. अब जांच शुरू हो गई है. जांच में जो कुछ भी हो, एसआईटी की कार्रवाई आगे बढ़ रही है. मैं तो उसमें कोई इंटरफेयर नहीं कर सकता हूं, सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है'.

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'आजकल एक फैशन चल गया है, सबकुृछ तुरंत हो जाता है. कोई भी कह देता है कि सीबीआई की जांच करा दी जाए. अरे भाई, सीबीआई भी तो पुलिस ही है, सीबीआई में कोई दूसरे सिविल सर्विस वाले तो हैं नहीं न.'

नीतीश कुमार के मुताबिक, 'सीबीआई को ऐसे कई मामले मिले हैं लेकिन ऐसे मामलों में सीबीआई जांच से भी नया कुछ सामने नहीं आया है. आज बड़े पैमाने पर अखबारों में खबर छपी है. आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की तरफ से मेमोरेंडम की बात भी आई है. मैं भी कल से मेमोरेंडम का इंतजार कर रहा हूं.'

नीतीश के अनुसार उन्होंने पढ़ा था कि ये मेमोरेंडम गवर्नर साहब को दिया गया है. उसकी कॉपी मुख्यमंत्री कार्यालय को भी जाएगी जिसके इंतजार में वे हैं.

उनके अनुसार, 'मेरे पास अभी वो मेमोरेंडम आया नहीं है. गवर्नर साहब के रूट से डायरेक्ट आया है. डिपार्टमेंट के थ्रू आया है. हम इन्तजार में हैं और जब हमारे पास आएगा तो मेमोरेंडम का एक-एक शब्द पढ़ेंगे और पूरे तौर पर उसे एक्जामिन करेंगे.'