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नीतीश कुमार होंगे योगीमय, सीएम आवास में बन रही कुटिया

सीएम आवास में गुप-चुप तरीके से बन रहा है विशेष घर

Kanhaiya Bhelari

आज कल मीडिया में उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या-जीवनचर्या पर खूब खबरें आ रही हैं. कभी सुनने को मिलता है कि वह सुबह 3 बजे उठ जाते हैं, कभी खबर आती है कि सीएम आवास में एसी-गद्देदार बिस्तर नहीं होगा. लेकिन एक अन्य मुख्यमंत्री भी ऐसा योगीमय जीवन जीने की तैयारी कर रहे हैं.

भगवान बुद्ध के विचार, भगवान कृष्ण के कर्म और कौटिल्य के गुप्तचरी विद्या व दैनिन्दनी से प्रभावित बिहार के सीएम नीतीश कुमार बहुत जल्द ही ‘योगीमय’ दिनचर्या की शुरूआत करने वाले हैं.


सीएम आवास में गुप-चुप तरीके से भागलपुर के एक नामचीन प्राकृतिक चिकित्सक की देखरेख में ऐसे घर की निर्माण की जा रही है जिसमें रहकर नीतीश कुमार को लगेगा कि वह प्रकृति की गोद में हैं. उम्मीद की जा रही है कि पर्यावरण दृष्टिकोण से फिट-फाट सीएम का नया बसेरा मार्च के अंत तक तैयार हो जाएगा. वह हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष के प्रथम दिन से उसमें रहना शुरू कर देगें. हालांकि नीतीश कुमार पहले से ही एक अनुशासित जीवन जीते हैं, मसलन रात 8 बजे डिनर, 11 बजे सोना, सुबह 5 बजे जगना, 40 मिनट वॉकिंग, 30 मिनट योगा व शुद्ध शाकाहारी ब्रेकफास्ट व भोजन.

सीएम के सुझाव पर घर का नाम रखा गया है ‘आरोग्य कुटीर’. इसमे बाथरूम अटैच्ड एक बड़ा शयनकक्ष, एक स्टडी रूम के अलावे छोटा बरामदा है जिसमें बैठकर वो खास खास मित्रों से मिलेगें. इसी तरह का लेकिन साइज में इससे छोटा घर इनके 7 सर्कुलर रोड आवास में भी जोर-शोर से तैयार किया जा रहा है. बिन पकाइ मिट्टी की ईंट से बना यह घर थर्मोडाइनेमिक है जिसका तापमान हमेशा स्थिर रहता है. ईंट में बालू, चूना एवं फाइबर भी मिलाया गया है. दीवार की चौड़ाइ 15 इंच है. इस विधि से बना घर गर्मी में गर्म नहीं होता है और सर्दी के मौसम में ठंढा नहीं होता है.

बताया जाता है कि किसी भी मौसम और परिस्थिति मे इस तरह के घर में एसी व हीटर लगाने की जरूरत नहीं होती है. ईंट बनाने के लिए दो महीने पहले दिल्ली से मशीन खरीद कर लाई गई है. घर का पूरा सेट अप तैयार करने में मात्र डेढ़ लाख रूपए का खर्च आने वाला है जिसे नीतीश कुमार अपने निजी पॉकेट से चुकता कर रहे हैं.

ऋषि-मुनि की तरह प्रकृति की गोद में रहने की प्रेरणा नीतीश कुमार को भागलपुर स्थित तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र से मिली जहां वो अपनी निश्चय यात्रा के क्रम में 18 जनवरी से 20 जनवरी तक ठहरे थे. जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी सदानंद सिंह ने महात्मा गांधी की प्रेरणा से 18 दिसंबर 1954 को इस प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना की थी. इस केंद्र का औपचारिक उदघाटन लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने 14 मार्च 1955 को किया था. फिलहाल पूर्व वित व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा इसके मुख्य संरक्षक हैं.

नीतीश कुमार ने प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में बिताए अपने अनुभव को तीन पेज में कलमबद्ध किया है जो अब बतौर जिसकी हस्तलिपि केंद्र के डायरेक्टर जेटा सिंह के पास सुरक्षित है.

सीएम लिखते हैं, ‘मेरी समझ में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति अन्य चिकित्सा पद्धतियों से इसलिए भिन्न है कि इसमें बीमारी का इलाज प्राकृतिक तौर पर होता है और इसके द्वारा मनुष्य के शरीर के अंग प्रत्यंग की क्षमता को दुरूस्त रखा जाता है ताकि बीमारी के प्रकोप का सामना वे अपनी क्षमता व शक्ति से कर सकें और शरीर को इतना सक्षम बनाकर रखा जाए कि बीमारी का शिकार न होना पड़े.’

राज्य सरकार ने तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र को 50 करोड़ की राशि हाल ही में आवंटित की है. समझा जाता है कि केंद्र इस राशि का उपयोग प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के विस्तार में करेगा.