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लोकसभा चुनावों से पहले गोरखपुर में किसानों का राष्ट्रीय अधिवेशन करना बीजेपी के तरकश का कौन सा तीर है?

बीजेपी की कोशिश है कि पिछले पांच सालों में मोदी सरकार की तरफ से किसानों के हित में उठाए गए सभी कदम की जानकारी किसानों के बीच पहुंचाई जाए

Amitesh

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की तरफ से देश के किसानों को साधने की पूरी तैयारी की जा रही है. पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के गोरखपुर में पार्टी के किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है. 23 और 24 फरवरी को होने वाले अधिवेशन में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों शिरकत करेंगे. मामला किसानों का है लिहाजा पार्टी अध्यक्ष अधिवेशन का उद्घाटन करेंगे जबकि प्रधानमंत्री इसका समापन करेंगे.

पार्टी की कोशिश है कि पिछले पांच सालों में मोदी सरकार की तरफ से किसानों के हित में उठाए गए सभी कदम की जानकारी किसानों के बीच पहुंचाया जाए. जिन किसानों को अलग-अलग तरीके से सरकार की नीतियों का फायदा मिला है, उन किसानों को अपने साथ जोड़े रखने के लिए ही बीजेपी तैयारी कर रही है.


दरअसल, मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा किसानों को फसल की लागत के डेढ़ गुना एमएसपी देने का फैसला भी किया गया है. फसल बीमा योजना से लेकर और कई योजनाएं ऐसी हैं जो किसानों के हित में रही हैं. अब बीजेपी किसान मोर्चा के अधिवेशन में इन सारी योजनाओं को देश भर के किसानों के बीच भुनाने की कोशिश की जा रही है.

अधिवेशन के बार में जानकारी देते हुए बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त ने बताया कि अधिवेशन के बाद किसान मोर्चा की तरफ से देशभर में 5 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें किसानों के लिए की गई शुरुआत और योजनाओं की जानकारी दी जाएगी.

खुद को किसान हितैषी बताने की पूरी तैयारी कर रही बीजेपी

 

दरअसल, मोदी सरकार इसके पहले 1 फरवरी को बजट पेश कर चुकी होगी, जिसमें चुनावों से ठीक पहले किसानों के लिए कई लुभावने वादे और नई घोषणाएं होने की संभावना है. सरकार की इन योजनाओं के बारे में प्रचार की जिम्मेदारी संगठन पर होगी.

वीरेंद्र सिंह मस्त ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मोदी सरकार ने देश के बजट का 52% हिस्सा किसानों के विकास के लिए खर्च किया है. यह देश की पहली सरकार है जिसने किसानों के हित में इतना बड़ा फैसला लिया है. उन्होने सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि आजादी के बाद यह पहली सरकार है जिसने किसानों के समृद्धि के लिए गोबर की खाद पर सब्सिडी देने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि गोशाला बनाने और भेड़ पालन के लिए किसानों को सुविधा दी गई है.

हालांकि किसानों की कर्जमाफी पर मस्त ने कहा कि कर्जमाफी से किसानों को तुरंत राहत तो मिल सकती है लेकिन, इससे लंबे वक्त तक फायदा नहीं होता.

इससे सिर्फ बैंको का भला हो सकता है.

मस्त ने कहा इसलिए हमारी सरकार ऐसी योजना बना रही है कि भविष्य में किसानों को कर्जा लेने की हालत न बने. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने भी

कर्ज माफी की लेकिन सरकार के फिजूलखर्ची को रोककर किया था.

फिलहाल बीजेपी की तरफ से तैयारी किसान मोर्चा के माध्यम से लोकसभा चुनाव से पहले इस बड़े वोट बैंक को साधने की रहेगी. बीजेपी अपने आप को

किसान हितैषी बताने की पूरी तैयारी कर रही है.

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