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डोर के सिरे को वहीं से पकड़ना चाहिए जहां पर वह छूटा था: महबूबा

महबूबा ने कहा, टकराव लंबे समय तक नहीं चलता, सुलह ही आखिरी विकल्प है

Bhasha

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने साेमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.


उन्होंने कहा कि घाटी में बिगड़ रहे हालात को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए. पीएम के साथ बैठक के बाद महबूबा ने कहा कि मोदी इस मामले पर संवेदनशील दिखे.

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री की मंशा हालात सामान्य होने के बाद बातचीत की है.’

फिर बात बनने की उम्मीद 

मोदी से मुलाकात के दौरान महबूबा ने कश्मीर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीति का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि डोर के सिरे को वहीं से पकड़ना चाहिए जहां पर वह छूटी थी. यह जाहिर रूप से अलगाववादियों से बातचीत का सुझाव था.

महबूबा ने कहा, ‘आप कितने लंबे समय तक टकराव कर सकते हैं. बातचीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘बहरहाल बातचीत के लिए वातावरण तैयार किए जाने की जरूरत है.’

प्रधानमंत्री के आवास पर यह बैठक 20 मिनट तक चली.

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महबूबा ने कहा, ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के साथ बातचीत तब भी हुई थी जब अटल जी प्रधानमंत्री थे और एल के आडवाणी जी उप प्रधानमंत्री. हमें वहां से शुरू करने की जरूरत है जहां से वाजपेयी जी ने छोड़ा था. बातचीत ही एकमात्र विकल्प है.’

किन किन मामलों पर हुई चर्चा?

बैठक के दौरान कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के तौर-तरीके पर पीडीपी और बीजेपी गठबंधन में आए तनाव पर भी चर्चा हुई.

उन्होंने कहा, ‘जो भी हुआ वह नहीं होना चाहिए था. लेकिन यह अंदरूनी मामला है और हम बीजेपी के साथ इसे सुलझा लेंगे.’

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घाटी में पथराव की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां कुछ युवा हैं जिन्हें भ्रमित किया गया. वहीं कुछ लोगों को व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए उकसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मंगलवार को एकीकृत कमान के साथ बैठक में विचार किया जाएगा.

उन्होंने सिंधु नदी जल समझौते का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इससे राज्य को 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.

महबूबा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इससे राज्य की भरपाई कैसे हो सकेगी यह देखने का प्रयास किया जाएगा.