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यूपी में पांचवें चरण का मतदान पूरा, 57 फीसदी से ज्यादा वोटिंग

पांचवें चरण में 11 जिलों की 51 सीटों पर वोटिंग पूरी हुई. 57.36 फीसदी वोटिंग होने की खबर

FP Staff
17:57 (IST)

यूपी में पांचवें चरण के मतदान पर फ़र्स्टपोस्ट के पॉलिटिकल एडिटर संजय सिंह का विश्लेषण.

17:03 (IST)

यूपी में 4 बजे तक 52 प्रतिशत मतदान

17:00 (IST)

यूपी चुनाव में पांचवें चरण का मतदान पूरा

​11 जिलों की 51 सीटों पर हुई वोटिंग

3 बजे तक तकरीबन 50 फीसदी हुआ मतदान

16:31 (IST)

मायावती ने कुशीनगर की चुनावी रैली में खेला शिवसेना कार्ड और कहा कि 'बीजेपी की साथी शिवसेना मुंबई में पूर्वांचलियों के साथ सौतेला व्यवहार  करती है और उसका बदला पूर्वांचल के लोग लेंगे.'

16:11 (IST)

बहराइच में किसकी बहार है ?
नेपाल से सटे यूपी के बहराइच में मतदान चल रहा है. तराई इलाके में हो रहे मतदान को लेकर मतदाताओं में जोश है. लेकिन, अपने पिछड़ेपन के लिए बदनाम बहराइच को लेकर चर्चा उस कदर देखने को नहीं मिली जितनी होनी चाहिए थी. तराई जिले बहराइच में चुनावों में पिछड़ेपन के बजाए चर्चा जाति और मजहब पर हो रही है. बहराइच सदर सीट से एसपी के वकार अहमद शाह 1993 से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. लेकिन, खराब सेहत की वजह से  इस बार उनके बजाए उनकी पत्नी रूआब सईदा चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी की तरफ से अनुपमा जायसवाल और बीएसपी की तरफ से अजित प्रसाद सिंह उन्हें टक्कर दे रहे हैं. बहराइच सदर के अलावा मटेरा सीट से वकार अहमद शाह के बेटे यासिर शाह एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं. मौदूदा विधायक और अखिलेश सरकार में मंत्री यासिर शाह को इस बार बीएसपी के सुल्तान अहमद खां तगड़ी चुनौती दे रहे हैं. मटेरा इलाके में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद सबसे ज्यादा है. पिछली बार बहराइच से लोकसभा चुनाव जीतने वाली सावित्री फूलेबाई मोदी लहर के बावजूद मटेरा से पिछड़ गई थीं. मुस्लिम बहुल बहराइच में बीजेपी इस बार अपनी पैठ मजबूत बनाने में लगी है. बीजेपी को लग रहा है कि यासिर शाह और सुल्तान अहमद की लड़ाई का फायदा उसे होगा और इस बार वो इस इलाके में कमल खिला सकेगी. बीजेपी की तरफ से अरुण वीर सिहं को इस बार मैदान में उतारा गया है. 

16:08 (IST)

बस्ती में बीजेपी बनाम बीएसपी
बस्ती में बीजेपी इस बार लड़ाई में दिख रही है. बीजेपी ने गैर-यादव पिछड़ी जातियों को अपने पाले में  लाने की रणनीति के तहत इस बार पूरी तैयारी की थी, जिसका असर बस्ती सदर में दिख रहा है. बस्ती सदर से कूर्मी जाति के जितेंद्र कुमार पहले से बीएसपी विधायक हैं इस बार भी बीएसपी ने उन पर दांव लगाया है. लेकिन, कूर्मी जाति के ही दयाराम चौधरी को बीजेपी ने मैदान में उतारकर पूरे चुनाव को रोचक बना दिया है. यहां लड़ाई बीएसपी बनाम बीजेपी लग रही है. बस्ती जिले में कूर्मी समुदाय का प्रभाव सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि बीएसपी की तरफ से यहां कूर्मी जाति के तीन उम्मीदवारों को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिले की रूधौली सीट पर भी लड़ाई बीजेपी बनाम बीएसपी लग रही है. बीएसपी के राजेंद्र चौधरी और बीजेपी के संजय जायसवाल के बीच सीधा मुकाबला लग रहा है. पिछली बार संजय जायसवाल कांग्रेस के टिकट पर मैदान में थे जो राजेंद्र चौधरी से हार गए थे. लेकिन, इस बार हाथ का साथ छोड़कर कमल खिलाने की कोशिश में हैं. पहले से भी बीएसपी बस्ती जिले में ज्यादा मजबूत रही है. लेकिन, इस बार बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग बीएसपी के किले में सेंध लगाने की तैयारी में हैं.

15:58 (IST)

यूपी में 3 बजे तक 49.19 प्रतिशत मतदान
अंबेडकरनगर - 54.02
 बहराइच - 51.99
 बस्ती - 50.26
 फैजाबाद - 49.60
 गोंडा में 47.94
 संतकबीर नगर - 41.67
 श्रावस्ती - 54.00 
अमेठी - 49.75
 सिद्धार्थनगर - 47.70
 सुल्तानपुर - 48.49 
बलरामपुर - 45.25 

15:55 (IST)

यूपी में 3 बजे तक 49.19 प्रतिशत मतदान

15:41 (IST)

बस्ती में बीजेपी बनाम बीएसपी
बस्ती में बीजेपी इस बार लड़ाई में दिख रही है. बीजेपी ने गैर-यादव पिछड़ी जातियों को अपने पाले में  लाने की रणनीति के तहत इस बार पूरी तैयारी की थी, जिसका असर बस्ती सदर में दिख रहा है. बस्ती सदर से कूर्मी जाति के जितेंद्र कुमार पहले से बीएसपी विधायक हैं इस बार भी बीएसपी ने उन पर दांव लगाया है. लेकिन, कूर्मी जाति के ही दयाराम चौधरी को बीजेपी ने मैदान में उतारकर पूरे चुनाव को रोचक बना दिया है. यहां लड़ाई बीएसपी बनाम बीजेपी लग रही है. बस्ती जिले में कूर्मी समुदाय का प्रभाव सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि बीएसपी की तरफ से यहां कूर्मी जाति के तीन उम्मीदवारों को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिले की रूधौली सीट पर भी लड़ाई बीजेपी बनाम बीएसपी लग रही है. बीएसपी के राजेंद्र चौधरी और बीजेपी के संजय जायसवाल के बीच सीधा मुकाबला लग रहा है. पिछली बार संजय जायसवाल कांग्रेस के टिकट पर मैदान में थे जो राजेंद्र चौधरी से हार गए थे. लेकिन, इस बार हाथ का साथ छोड़कर कमल खिलाने की कोशिश में हैं. पहले से भी बीएसपी बस्ती जिले में ज्यादा मजबूत रही है. लेकिन, इस बार बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग बीएसपी के किले में सेंध लगाने की तैयारी में हैं.

15:36 (IST)

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट न देने पर सफाई देते हुए कहा है कि इसके लिए कोशिश की गई थी. इससे पहले बीजेपी की ही एक और कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा था कि पूरे प्रदेश में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी न खड़ा किया जाना दुखद है.

15:35 (IST)

1 बजे तक वोटिंग

सुल्तानपुर - 36.23%

बहराइच - 38.56%

फैजाबाद - 40.18%

गोंडा - 39%

बलरामपुर- 38.75%

अंबेडकरनगर- 40.9%

बस्ती - 39%

सिद्धार्थनगर - 39.6%

अमेठी-  41.5%

15:25 (IST)

साल 2012 के विधानसभा चुनाव में इन 11 जिलों में भी समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. एसपी की लहर के सामने बीएसपी, कांग्रेस और बीजेपी को भारी नुकसान हुआ था.
52 में से 37 सीटें जीतकर समाजवादी पार्टी पहले नंबर पर थी. गोंडा, अंबेडकर नगर, फैजाबाद और बलरामपुर में सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं.

15:23 (IST)

यूपी विधानसभा चुनाव में 11 जिलों की 51 सीटों पर मतदान जारी है. सुबह 9 बजे तक तकरीबन 11 फीसदी वोटिंग हो चुकी है. कुल 617 उम्मीदवार मैदान में हैं. 
168 करोड़पति उम्मीदवार और 117 दागी उम्मीदवार मैदान में हैं. अखिलेश सरकार के 9 मंत्रियों की सीट पर भी इस बार मतदान हो रहा है. अमेठी में त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है.

15:22 (IST)

फ़र्स्टपोस्ट ने ‘गूगल के पार’ नाम से एक विशेष सीरीज़ शुरू की है. एक्जीक्यूटिव एडिटर अजय सिंह अपने लंबे अनुभव के साथ उन दिलचस्प घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं, जिन्होंने देश की सियासत पर असर छोड़ा. अनकही और अनसुनी वो बातें जिनकी आज भी अहमियत कम नहीं है. देखते रहिए ये विशेष सीरीज़ – गूगल के पार, अजय सिंह के साथ.

15:21 (IST)

अपनी ही प्रतिध्वनि को सुनने की प्रवृति शायद सबसे ज्यादा भ्रमात्मक होती है. लगता है पूर्वी उत्तर प्रदेश में बीजेपी इसी प्रवृति के पाश में बंधती जा रही है. याद रहे ये वही इलाका है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सियासी कद दांव पर है.  मार्क ट्वेन ने कभी बनारस के लिए लिखा था कि यह 'इतिहास से पुराना, परंपराओं से प्राचीन, पौराणिक कथाओं से भी पहले का और यहां तक कि इन्हें एक साथ मिला दिया जाए तो उससे भी दोगुना पुराना दिखता है.'

पूरा पढ़ें : यूपी चुनाव 2017: बनारस के गढ़ में हिल सकती है बीजेपी की बुनियाद

15:15 (IST)

उत्तर प्रदेश में बदलाव की बयार बह सकती है. यह राज्य देश के सबसे आबादी वाले सूबे होने के साथ-साथ सियासी तौर पर हिंदी भाषी राज्यों में सबसे अहम है. वैसे, तीसरे चरण के मतदान से पहले यहां ऐसे संकेत उभरकर सामने आ रहे हैं, जो शायद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की साझा उम्मीदों पर पानी फेर दे. क्योंकि अखिलेश और राहुल की जोड़ी जिसे लेकर पूरे सूबे में नारा दिया गया है कि ‘यूपी को ये साथ पसंद है‘, ये नारा वोटरों के साथ खास जुड़ाव पैदा नहीं कर पा रहा है.

पूरा पढ़ें : यूपी चुनाव 2017: सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद भी यूपी को कुछ और ही पसंद है

15:12 (IST)

बलरामपुर सदर में कमल खिलाने की कवायद में लगी बीजेपी    
बलरामपुर सदर सीट पर बीजेपी जीत की उम्मीद लगाए बैठी है. यह एक सुरक्षित सीट है. अबतक वोटिंग के हिसाब से मुकाबला बीजेपी बनाम कांग्रेस लग रहा है. सदर सीट इस बार कांग्रेस के खाते में गई है जहां से कांग्रेस के शिवलाल चुनाव मैदान में हैं. यहां एसपी कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन दे रही है. दूसरी तररफ, बीजेपी की तरफ से पल्टुराम चुनाव मैदान में हैं. पल्टुराम बगल के जिले गोंडा के रहने वाले हैं. इनके उपर पहले बाहरी होने का आरोप लग रहा था. लेकिन, धीरे-धीरे पल्टुराम लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में सफल होते दिख रहे हैं. मतदान के दिन लोगों का रूझान बीजेपी की तरफ दिखा जहां लोगों ने बीजेपी उम्मीदवार के बजाए पार्टी को तरजीह दी. हालाकि, बीएसपी की तरफ से रामसागर अकेला भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगे हैं, लेकिन, मुकाबला बीजेपी बनाम कांग्रेस का ही लग रहा है.

15:10 (IST)

बलिया में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी रैली

'बुआ-भतीजे की सरकार ने यूपी को बर्बाद करके रख दिया है'

15:08 (IST)

देवरिया में राहुल गांधी की चुनावी रैली , साधा पीएम मोदी पर निशाना 

'मैंने जब मोदी जी से मिलकर किसानों का कर्जा माफ करने की बात की तो उनके मुंह से एक शब्द  नहीं निकला'

15:08 (IST)

बलरामपुर सदर में कमल खिलाने की कवायद में लगी बीजेपी    
बलरामपुर सदर सीट पर बीजेपी जीत की उम्मीद लगाए बैठी है. यह एक सुरक्षित सीट है. अबतक वोटिंग के हिसाब से मुकाबला बीजेपी बनाम कांग्रेस लग रहा है. सदर सीट इस बार कांग्रेस के खाते में गई है जहां से कांग्रेस के शिवलाल चुनाव मैदान में हैं. यहां एसपी कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन दे रही है. दूसरी तररफ, बीजेपी की तरफ से पल्टुराम चुनाव मैदान में हैं. पल्टुराम बगल के जिले गोंडा के रहने वाले हैं. इनके उपर पहले बाहरी होने का आरोप लग रहा था. लेकिन, धीरे-धीरे पल्टुराम लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में सफल होते दिख रहे हैं. मतदान के दिन लोगों का रूझान बीजेपी की तरफ दिखा जहां लोगों ने बीजेपी उम्मीदवार के बजाए पार्टी को तरजीह दी. हालाकि, बीएसपी की तरफ से रामसागर अकेला भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगे हैं, लेकिन, मुकाबला बीजेपी बनाम कांग्रेस का ही लग रहा है.

15:07 (IST)

उत्तर प्रदेश के बहराइच, श्रावस्ती से लेकर बलरामपुर तक कई जिले हैं जिनकी सीमा सीधे नेपाल से जुड़ी है. खुली सीमा होने के चलते दोनों देशों के नागरिकों के आने-जाने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है.
आवाजाही लगातार होती रहती है. बॉर्डर के रास्ते से भी और जहां बॉर्डर नहीं हैं वहां से भी. इसी का फायदा उठाते हैं आतंकवादी और आतंकवादियों की मददगार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई.
1993 में कानपुर में राजधानी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों में हुए सीरियल बम धमाके में भी नेपाल से सटे बहराइच से ही आतंकवादी का कनेक्शन सामने आया था. बहराइच में नाजिरपुका इलाके का रहने वाला इरफान इस मामले में मास्टरमाइंड था.
इरफान लश्कर –ए-तोयबा और इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकवादी था. जो नेपाल में बैठकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देता था.
इरफान के बेटे अबरार को भी आरडीएक्स के साथ 2006 में पकड़ा गया था, जिसे सात साल की सजा भी हुई थी.
इसके अलावा 2014 में नेपाल से सटे बहराइच के रुपेडिहा बॉर्डर से भी तीन आतंकवादी पकड़े गए थे. इन तीनों आतंकवादियों को भी एसएसबी ने पकड़ा था.
नेपाल हमेशा से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के रडार में रहा है. भारत के साथ लगी 1751 किलोमीटर की खुली सीमा और बेरोक-टोक आवाजाही की सुविधा को आईएसआई अपने लिए मुफीद मानती है.

पढ़िए पूरा लेख: भारत-नेपाल सीमा पर आतंकी गतिविधियों को चुनावी मुद्दा बना रही बीजेपी

14:58 (IST)

आजमगढ़ के सिबली कॉलेज में एक सेमिनार के दौरान कई मौजूदा और पूर्व छात्रों से बात करने का मौका मिल गया. कोई अपनी पुरानी यादों को याद करता दिखा तो कोई सिबली कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग करता दिख गया.
लेकिन, चुनावी माहौल में आजमगढ़ के सिबली कॉलेज में भी चर्चा होती रही कि इस बार कौन इस कॉलेज के लिए और इस पूरे इलाके के लिए बेहतर साबित हो सकता है.
इसी कॉलेज से पढ़े और अब लेक्चरर मो.आरिफ फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत में कहते हैं कि यह एक फ्रीडम फाइटर का केंद्र रहा है. अगर इसे यूनिवर्सिटी में बदला जाता है तो इससे बहुत फायदा होगा.

पूरा लेख पढ़ें: यूपी चुनाव 2017: एसपी के गढ़ आजमगढ़ में सेंधमारी आसान नहीं लग रही

14:55 (IST)

भारतीय राजनीति में धरती पकड़ उपनाम सामान्य तौर पर तीन नेताओं के साथा जोड़ा जाता है. पहले गुजरात के कपड़ा व्यवसायी काका जोगिंदर सिंह जिन्होंने करीब 300 चुनाव लड़े. दूसरे, भोपाल के व्यापारी मोहन लाल जिनके बारे में मशहूर था कि हर चुनाव में उनकी जमानत जब्त होती है. और तीसरे नगरमल बाजोरिया जो 2012 में प्रणब मुखर्जी और पीए संगमा से दो-दो हाथ करने को तैयार थे.
लेकिन हमारी कहानी मऊ के हेशमुद्दीन के बारे में है जो देश के चौथे धरती पकड़ बनने की पूरी काबिलियत रखते हैं. मऊ सदर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक और बीएसपी उम्मीदवार मुख्तार अंसारी से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं हाजी हेशमुद्दीन. 76 साल के हाजी हेशमुद्दीन को सुनने में भी तकलीफ है और देखने में भी. काफी मुश्किल से बात हो पाती है.
 

पूरा लेख पढ़ें : इनसे मिलिए, ये हैं मऊ के धरती पकड़

14:54 (IST)

बलरामपुर जिले के तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनाव काफी रोचक हो गया है. रोचक इसलिए भी कि पहले से इस सीट से तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके रिजवान जहीर की बेटी इस बार चुनाव मैदान में हैं.

ज़ेबा रिजवान कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. लेकिन, यहां समाजवादी पार्टी के मौजूदा एमएलए अब्दुल मसूद खां ने भी पर्चा भर दिया है. मजे की बात यह है कि मसूद खां को साइकिल चुनाव चिन्ह मिल भी गया है.

अब्दुल मसूद खां कभी रिजवान जहीर के ही शागिर्द हुआ करते थे, लेकिन, आज दोनों की राहें जुदा हैं. अब रिजवान जहीर बेटी को जिताना के लिए लगे हैं.

 ई मजबूरी के गठबंधन है, एहमा बड़ा पेंच है

14:51 (IST)

पांचवें फेज में 11 जिलों में 52 सीटों के लिए मतदान हो रहा है. इसमें से एक सीट जो सबसे अधिक उत्सुकता जगाता है वह है अमेठी. यह सीट राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में आता है. 

यहां फिलहाल मुकाबला दो रानियों के बीच है- बड़ी रानी गरिमा सिंह और छोटी रानी अमिता सिंह. अमेठी के राजा व राज्यसभा सांसद और राज्य में कांग्रेस कैंपेन कमिटी के चेयरमैन संजय सिंह छोटी रानी के साथ हैं. इस लड़ाई को मौजूदा विधायक गायत्री प्रजापति त्रिकोणीय बना रहे हैं.

अमेठी में पॉपुलर वोट पैटर्न की जो स्थिति बनती दिख रही है कि वह राज्य की मौजूदा स्थिति का संकेत है. 2012 में यहां बीजेपी को बमुश्किल 5-6 फीसदी वोट मिले थे. इस बार की स्थिति बिल्कुल अलग है, बदलाव की बयार दिख रही है. 

संजय सिंह यहां बड़े प्रभावशाली हैं. अमित सिंह दो बार यहां से विधायक रही हैं. बाहरी दुनिया के लिए यहां का राजमहल गांधी परिवार के प्रति वफादार माने जाता है. कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन के बाद भी यहां फ्रेंडली फाइट चल रही है. 
 
फिलहाल पलड़ा पहली रानी गरिमा सिंह का भारी दिख रहा है. उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया है लेकिन लोगों से आर्शीवाद मांगा है. उनके प्रति लोगों के मन में संवेदना है. बीजेपी का सांगठनिक ढांचा उनके साथ है. उनकी ओर से उनके बेटे और बेटी बोलते हैं. 
 
दो रानियों के बीच की इस नतीजे का असर केवल इस इलाके पर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य पर पड़ेगा- खैर नतीजा 11 मार्च को ही पता चलेगा.

14:19 (IST)

यूपी में मऊ की रैली में बोले पीएम मोदी 

'यहां के गैंगस्टर जेल जाने पर मुस्कुराते क्यों हैं ? क्योंकि उन्हें जेल के भीतर सारी सुविधाएं मिलती हैं. ऐसे गैंगस्टरों को टिकट देना क्या लोकतंत्र का मजाक नहीं है ?'

14:08 (IST)

2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे - पीएम मोदी

14:04 (IST)

यूपी के मऊ में पीएम मोदी की रैली 

'जब पंडित नेहरू प्रधानमंत्री थे तब गाजीपुर के सांसद ने गरीबी पर चिंता जताई थी. रिपोर्ट पेश की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई'

14:01 (IST)

1 बजे तक का मतदान 

फैजाबाद में 1 बजे तक 40.18 प्रतिशत
बलरामपुर में 1 बजे तक 38.75 प्रतिशत 
सुल्तानपुर में 1 बजे तक 35.29 प्रतिशत
अंबेडकरनगर में 1 बजे तक 42.9 प्रतिशत
बस्ती में 1 बजे तक 39 प्रतिशत
सिद्धार्थनगर में 1 बजे तक 39.6 प्रतिशत
अमेठी में 1 बजे तक 41.5 प्रतिशत
बहराइच में 1 बजे  तक 38.57 प्रतिशत
श्रावस्ती में 1 बजे तक 39 प्रतिशत
संतकबीरनगर में 1 बजे तक 39 प्रतिशत
गोंडा में 1 बजे तक 37 प्रतिशत 

13:42 (IST)

अयोध्या- गोसाई गंज से भाजपा प्रत्याशी खब्बू तिवारी ने वोट डालने से पहले क्षीरेश्वरनाथ मंदिर का किया दर्शन. मांगा जीत का आशीर्वाद.

यूपी विधानसभा चुनाव में आज पांचवें चरण का मतदान हो रहा है. इस बार 11 जिलों की 51 सीटों पर वोटिंग हो रही है. अंबेडकरनगर की आलापुर सीट पर एक उम्मीदवार के निधन की वजह से वोटिंग 8 मार्च को होगी. पहले पांचवें चरण में 52 सीटों पर मतदान होना था

पांचवें चरण में बलरामपुर, गोण्डा, फैजाबाद, अम्बेडकर नगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, अमेठी और सुल्तानपुर में मतदान हो रहा है.