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हिमाचल चुनाव 2017: शिलाई में बीजेपी के बलदेव तोमर क्या बचा पाएंगे अपनी सीट?

दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों की सियासी हैसियत को देखते हुए इस बार शिलाई सीट पर मुकाबला कड़ा माना जा रहा है

FP Staff

हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है वैसे-वैसे सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. सिरमौर जिले में आने वाला शिलाई निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित सीट है. इस सीट पर चुनावी टक्कर दो राजनीतिक दलों के बीच होने के आसार प्रबल हो गए हैं. निर्दलीय के तौर पर चुनावी अखाड़े में उतरने को बेताब बी एस राणा के रण छोड़ने से बीजेपी और कांग्रेस खेमे को राहत पहुंची है.

राणा के मैदान में उतरने से यह कयास लगाए जा रहे थे कि मुकाबला त्रिकोणीय होगा और दोनों ही राष्ट्रीय दलों का इससे खेल खराब होगा.


शिलाई से बीजेपी प्रत्याशी और मौजूदा विधायक बलदेव तोमर पर अपनी जीत को बरकरार रखने का दबाव है. अपनी जीत पक्का करने के लिए वो एड़ी-चोटी का जोर रहा है. हर दिन सुबह वो इलाके के गांवों में जाकर जनसभाएं कर रहे हैं. उनका दावा है कि उन्हें लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है और अब तक कई लोगों को वो पार्टी में शामिल करवा चुके हैं.

शिलाई में बीजेपी ने अपने विनिंग कैंडिडेट बलदेव तोमर को रिपीट किया है. साल 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में भी बलदेव तोमर को बीजेपी ने टिकट दिया था.

सियासी हैसियत को देखते हुए इस बार मुकाबला कड़ा माना जा रहा है

चुनावी दंगल में बलदेव तोमर को पटखनी देने के लिए कांग्रेस ने हर्षवर्धन चौहान को मैदान में उतारा है. शिलाई विधानसभा क्षेत्र में हर्षवर्धन कांग्रेस के एक ही उम्मीदवार रहे हैं. कांग्रेस लगातार चार बार से यहां से चुनाव जीतते आ रही थी लेकिन पिछली बार बीजेपी ने उसके किले में सेंध लगा दी. बीजेपी प्रत्याशी बलदेव तोमर ने हर्षवर्धन चौहान को 1918 वोटों के अंतर से हराया था.

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दोनों उम्मीदवारों की सियासी हैसियत को देखते हुए इस बार मुकाबला कड़ा माना जा रहा है.

सिरमौर जिले में आने वाला शिलाई निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित सीट है. 2017 के वोटर लिस्ट में इस क्षेत्र में कुल 65,000 मतदाता हैं.