हिमाचल प्रदेश में रायगढ़ की चुनावी रैली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आखिरकार उस सस्पेंस से पर्दा उठा ही दिया जिसको लेकर कई तरह के कयास लग रहे थे. शाह ने हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को अगले चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर दिया. अमित शाह ने साफ कर दिया कि चुनाव जीतने के बाद प्रेम कुमार धूमल ही हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे.
लेकिन, चुनावी रैली में धूमल के नाम का ऐलान करने को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिरकार बीजेपी को ऐसा क्यों करना पड़ गया ? बीजेपी की रणनीति में अचानक बदलाव क्यों की गई ?
ये भी पढ़ें: हिमाचल चुनाव: बागी हुए प्रवीण शर्मा बीजेपी के लिए बने मुसीबत
दरअसल, बीजेपी पहले बिना किसी नाम के ऐलान के ही हिमाचल प्रदेश में चुनाव में उतर गई थी. पार्टी के भीतर सभी धड़ों को खुश करने की कोशिश में ही आलाकमान ने ऐसा फैसला किया था.
पार्टी के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के नाम को लेकर चर्चा थी, लेकिन, 73 साल के धूमल के बजाए पार्टी की तरफ से युवा जे पी नड्डा को ही तरजीह दिए जाने की बात चल रही थी. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, अध्यक्ष अमित शाह जे पी नड्डा को ही हिमाचल भेजने की तैयारी में थे.
73 साल के धूमल के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर भी संशय था. लेकिन, पार्टी में चुनाव से पहले नाराजगी का जोखिम मोल लेने के बजाए प्रेम कुमार धूमल को पहले विधानसभा का टिकट थमा दिया गया. लेकिन, जैसे-जैसे चुनाव का प्रचार परवान चढ़ने लगा वैसे-वैसे बीजेपी को हिमाचल प्रदेश में किसी चेहरे की कमी खलने लगी.
ये भी पढ़ें: नोटबंदी के विरोध से क्या गुजरात, हिमाचल जीत जाएंगे राहुल
कांग्रेस की तरफ से 83 साल के वीरभद्र सिंह को ही फिर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर सामने किया गया है. लेकिन, बीजेपी की तरफ से कोई चेहरा मौजूद ना होने के कारण बीजेपी की चुनावी रैलियों में उत्साह की कमी और कार्यकर्ताओं की बेरुखी ने पार्टी आलाकमान को फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, इसी के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के चुनाव प्रभारी थावरचंद्र गहलोत, पार्टी के प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय, जे पी नड्डा समेत संगठन के कई नेताओं से मुलाकात कर रणनीति पर चर्चा की जिसके बाद प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर दिया गया.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के आंतरिक सर्वे में भी लगभग 70 फीसदी नेताओं ने प्रेम कुमार धूमल को ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने की वकालत की जबकि महज 30 फीसदी ही जे पी नड्डा के पक्ष में थे. ऐसे में धूमल इस पूरी कवायद में फिलहाल बाजी मार गए.
हालाकि 75 साल की उम्र को पैमाना मानकर बीजेपी ने कई नेताओं की मंत्री और मुख्यमंत्री के पद से विदाई भी कर दी है. लेकिन, 73 साल के धूमल को सामने लाना बीजेपी की मजबूरी की झलक भी दिख रही है. क्योंकि कांग्रेस के वीरभद्र सिंह के सामने कौन के सवाल पर बीजेपी को जवाब देना मुश्किल लग रहा था.
ये भी पढ़ें: वो 60 साल का हिसाब मांगेंगे, राहुल गांधी आप साढ़े तीन साल के हिसाब पर अड़े रहना!
हिमाचल में 9 नवंबर को चुनाव होने हैं, जिसमें बीजेपी पूरी तरह से अपनी ताकत लगा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिमाचल प्रदेश में तीन दिन तक चुनाव प्रचार करने वाले हैं. लेकिन, उससे पहले बीजेपी ने फिर से धूमल के चेहरे को सामने लाकर हिमाचल की राजनीति में बड़ा दांव खेल दिया है.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.