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ईवीएम विवाद: चुनाव आयोग की खुली चुनौती, दम है तो साबित करें छेड़छाड़

अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई नेता पिछले कई दिनों से ईवीएम मशीनों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं

FP Staff

हाल ही में हुए 5 राज्यों की विधानसभा चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल और मायावती ने ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था.

अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई नेता पिछले कई दिनों से ईवीएम मशीनों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.


ईवीएम विवाद तब और भी गहरा हो गया जब भिंड उपचुनाव के दौरान मीडिया के सामने कोई और बटन दबाने पर भी बीजेपी के नाम की पर्ची वीवीपीएटी मशीन से निकली थी.

हालांकि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के राजनीतिक हमलों के बीच चुनाव आयोग ने कई बार यह दावा किया है कि इस प्रकार के आरोप बेबुनियाद हैं और ईवीएम के साथ किसी तरह की टैंपरिंग संभव नहीं है. आयोग ईवीएम के समर्थन में खुलकर सामने आया है.

10 दिन तक दी जा सकती है चुनौती 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर बार-बार सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग मई के पहले हफ्ते में ईवीएम से छेड़छाड़ साबित करने की चुनौती देगा. यह चुनौती 10 दिन तक खुली रहेगी.

इस दौरान ईवीएम में तीन से चार स्तर तक टैंपरिंग करने की खुली चुनौती होगी. यही नहीं चुनाव आयोग ईवीएम मशीन खोलकर भी उसमें छेड़छाड़ करने की चुनौती दे सकता है.

चुनाव आयोग का कहना है कि 2009 में भी ईवीएम की गोपनीयता पर सवाल उठाए जाने के बाद हमने खुला चैलेंज दिया था लेकिन कोई इसे प्रूव नहीं कर सका.

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चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से खबर है कि आयोग राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को इस 'ओपेन चैलेंज' में बुलाएगा. इन प्रतिनिधियों के अलावा चुनाव आयोग उन लोगों को भी बुलाएगा जो टेक्नॉलोजी के बारे में अच्छे से जानते हैं.

साथ ही उन लोगों और संगठनों को भी बुलाया जाएगा, जिन्होंने व्यक्तिगत तौर पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की है.

केजरीवाल का आरोप है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम में बड़ी सफाई से छेड़छाड़ हुई है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के भिंड उपचुनाव की जिस ईवीएम में गड़बड़ी मिली है, उसे उत्तर प्रदेश से भेजा गया था.

चुनाव आयोग ने खारिज किए आरोप

 

केजरीवाल का चुनाव आयोग पर आरोप है कि इस मामले में कानून का उल्लंघन हुआ है. बगैर 45 दिन पूरा हुए मशीन दूसरे चुनाव में भेज दी गई. केजरीवाल ने आयोग से कहा कि वह ईवीएम उन्हें दे दे, वह दिखा देंगे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे की जाती है. बगैर ईवीएम जांच के होने वाले चुनावों को केजरीवाल ने बेकार बताया है.

चुनाव आयोग ने पुरजोर तौर पर केजरीवाल के इन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि यूपी चुनाव में प्रयोग में लाई गई ईवीएम को मध्य प्रदेश के भिंड उपचुनाव के लिए भेजा गया था. आयोग ने कहा कि यूपी से कोई भी ईवीएम मध्य प्रदेश नहीं भेजी गई है.

विधानसभा चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी के केजरीवाल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नसीहत दी थी कि वह ईवीएम में दोष न निकालकर, पंजाब में हुई हार का आत्मनिरीक्षण करे.

गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी. मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं. बीएसपी के अलावा एसपी, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है.