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सत्येंद्र जैन पर सीबीआई जांच की आंच से केजरीवाल खुद को कब तक बचा पाएंगे!

सीबीआई ने जैन की तीन संपत्तियों के कागजात और लगभग 2 करोड़ रुपए की डिपोजिट स्लिप्स के साथ उनकी कंपनी के लगभग 41 चेकबुक भी बरामद किए हैं

Ravishankar Singh

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खास सहयोगियों में से एक सत्येंद्र जैन की मुश्किलें अब एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही हैं. पिछले दिनों हुई एक छापेमारी में सीबीआई के हाथ सत्येंद्र जैन के खिलाफ कुछ अहम दस्तावेज लगे थे. जिसके बाद से ही सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गईं.

दरअसल पिछले तीन सालों से सत्येंद्र जैन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के काफी अहम और विश्वासपात्र मंत्रियों में से एक रहे हैं. हाल के दिनों में सत्येंद्र जैन केजरीवाल मंत्रिमंडल के अकेले ऐसे चेहरे बन कर उभरे हैं, जो लगातार विवादों में बने रहने के बावजूद न केवल मंत्री पद बचाए हुए हैं बल्कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की रडार से भी बाहर हैं.


लेकिन, सीबीआई सूत्रों के मुताबिक बीते 2 फरवरी को एक दूसरे केस की तफ्तीश के दौरान उसे कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जो आने वाले दिनों में सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ा सकते हैं.

अब सवाल यह उठने लगा है कि क्या सीबीआई के हाथ लगे इस नए सबूत के बाद सत्येंद्र जैन पर शिकंजा कसा जा सकता है या फिर यह भी एक शिगूफा ही साबित होने वाला है?

सीबीआई को सत्येंद्र जैन के खिलाफ पिछले दिनों जो दस्तावेज मिले हैं, वह काफी चौंकाने वाले हैं. सीबीआई ने जैन की तीन संपत्तियों के कागजात और लगभग 2 करोड़ रुपए की डिपोजिट स्लिप्स के साथ उनकी कंपनी के लगभग 41 चेकबुक भी बरामद किए हैं.

क्या है ताजा मामला?

हुआ यूं कि सीबीआई दिल्ली डेंटल काउंसिल के एक रजिस्ट्रार ऋषिराज के खिलाफ रिश्वत लेने के एक मामले की जांच कर रही थी. जांच एजेंसी को इसी तफ्तीश के दौरान ऋषिराज के लॉकर्स से 24 लाख नकद, आधा किलो सोना और मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए.

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सीबीआई ने बीते शनिवार को ही दिल्ली डेंटल काउंसिल में कार्यरत् डॉक्टर ऋषिराज और एक वकील प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार दोनों शख्स एक शिकायतकर्ता की मदद करने और उसके पक्ष में फैसला देने के एवज में लगभग 5 लाख रुपए ले रहे थे. इसी दौरान सीबीआई की टीम ने दोनों की गिरफ्तारी की थी.

सत्येंद्र जैन के साथ अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और स्वाति मालिवाल

सीबीआई के पास बरामद दस्तावेज में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के कराला गांव में दो जमीनों की सेल डीड है. इसके अलावा इसी गांव की एक 14 बीघा जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी है. साल 2011 की सत्येंद्र जैन और उनकी कंपनियों के नाम दो करोड़ बैंक डिपोजिट स्लिप्स और 41 चेकबुक भी मिले हैं.

सत्येंद्र जैन पर पहले भी हवाला कारोबारी से तार और बेनामी संपत्ति जमा करने के आरोप लगते रहे हैं. पिछले साल ही सत्येंद्र जैन की 220 बीघा जमीन बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत सीज की जा चुकी है. इसके साथ सीबीआई और ईडी पहले से ही सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लॉंड्रिंग केस की जांच कर रही है.

सत्येंद्र जैन के खिलाफ हवाला कारोबार से लेकर शेल कंपनियों के जरिए काले धन को सफेद करने के कई मामले सामने आए हैं. ताजा घटनाक्रमों के बाद एक बार फिर से सत्येंद्र जैन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है. ऐसी खबर आ रही है कि सीबीआई इसी हफ्ते कभी भी सत्येंद्र जैन को पूछताछ के लिए बुला सकती है.

अब सीबीआई को भी लगने लगा है कि पिछले साल जब सीबीआई और आयकर विभाग का छापा सत्येंद्र जैन के घर और ऑफिस पर पड़ा था तो उस समय जैन ने अपनी संपत्ति से जुड़े कुछ दस्तावेज, चेक बुक और कुछ कैश ऋषिराज के लॉकर में रखवा दिए थे.

ताजा घटनाक्रमों के बाद एक बार फिर से दिल्ली की सियासत गरमाने लगी है. आम आदमी पार्टी ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि सत्येंद्र जैन को फंसाया जा रहा है. ‘आप’ के मीडिया प्रभारी सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा है कि सत्येंद्र जैन का दिल्ली डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार से कोई रिश्ता नहीं है. बीजेपी सत्येंद्र जैन के खिलाफ अभी तक कुछ नहीं निकाल पाई तो अब एक नया षड्यंत्र रचने का काम कर रही है. जिस कागजात की बरामदगी की बात सामने आ रही है, वह कागजात सत्येंद्र जैन ने पहले भी सीबीआई को दे चुके हैं.

बागी विधायक कपिल मिश्रा ने फिर साधा निशाना

वहीं, पिछले साल सत्येंद्र जैन के खिलाफ जबरदस्त तरीके से मोर्चा खोलने वाले अरविंद केजरीवाल सरकार के ही पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते कहा है, ‘मैं पहले दिन से ही बोल रहा हूं कि सत्येंद्र जैन हवाला और बेनामी संपत्ति के लेन-देन में शामिल रहे हैं. ये सारी बातें अरविंद केजरीवाल भी जानते हैं. पिछले साल यही बाते मैंने राजघाट पर भी बोला था. तब मेरी बातों को लोग मान रहे थे या नहीं मान रहे थे यह मुझे नहीं पता है. लेकिन, अब जो साक्ष्य सामने आ रहे हैं, उससे यह बात सिद्ध होने लगा है. जैन की शैल कंपनियां ब्लैक को व्हाइट कर रही थीं, यह बात भी अब साबित हो चुकी है.’

(फोटो: पीटीआई)

कपिल मिश्रा आगे कहते हैं, ‘शैल कंपनी, हवाला और बेनामी से जुड़े ताजा मामलों के सामने आने के बाद यह साबित हो चुका है कि इन सबके पीछे सत्येंद्र जैन का ही हाथ है. सत्येंद्र जैन के जरिए यह रास्ता अरविंद केजरीवाल तक पहुंचता है. असीम अहमद खान का एक ऑडियो क्लिप सामने आने पर उसे मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था, जबकि सत्येंद्र जैन के खिलाफ कई केस रजिस्ट्रर हो चुके हैं और एक से बढ़ कर एक सबूत भी सामने आ चुके हैं फिर भी मंत्रिमंडल से निकाला नहीं जा रहा है.’

बकौल कपिल मिश्रा, ‘सीबीआई ने जिस दिल्ली डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार को गिरफ्तार किया है, उसको दिल्ली डेंटल काउंसिल में मेंबर बनाने में भी अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन की विशेष मेहरबानी रही है. डॉ ऋषिराज को अरविंद केजरीवाल के रिकंमडेशन पर ही डीसीआई में मेंबर बनाया गया था. एलजी हाऊस से दो नाम आए थे, जिसको दरकिनार करते हुए अरविंद केजरीवाल ने ऋषिराज को ही वरीयता दी. बाद में डॉ ऋषिराज को दिल्ली डेंटल काउंसिल का रजिस्ट्रार भी बना दिया गया. एक ऐसे आदमी को रजिस्ट्रार बनाया गया जो उस पद की पात्रता के लायक नहीं था.’

कुल मिलाकर अगले कुछ दिनों तक दिल्ली की राजनीति इस नए और ताजे विवाद के बाद और गरमा सकती है. एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी का कहना है कि सत्येंद्र जैन को परेशान किया जा रहा है. वहीं सीबीआई इसको लेकर एक बार फिर से सत्येंद्र जैन से सवाल-जवाब कर सकती है.