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शिवराज सिंह चौहान ने कुर्सी छोड़ने का संकेत सिर्फ मजाक के लिए दिया है!

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने बयान पर सफाई देते हुए ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा 'यह सिर्फ एक मजाक था, जिससे कुछ मित्र अत्यंत आनंदित हो गए.'

Dinesh Gupta

दुनिया में कुछ भी परमानेंट नहीं है. मैं तो जा रहा हूं, मेरी कुर्सी पर अब कोई भी बैठ सकता है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस बयान को नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री का यह बयान दिल्ली से वापस लौटने के कुछ देर बाद और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की भोपाल यात्रा के कुछ घंटे पहले आया. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार को दो घंटे के लिए भोपाल दौरे पर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री के इसी तरह के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद पर नंदकुमार चौहान के स्थान पर सांसद राकेश सिंह को लाया गया था.

शिवराज सिंह चौहान की सफाई, मेरे मजाक से लोग आनंदित हुए


शिवराज सिंह चौहान राज्य में 13 साल से मुख्यमंत्री हैं. उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव में दमदार जीत दर्ज कराई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने का विरोध करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने विकल्प के तौर पर शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे बढ़ाया था.

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी की प्रचार सामग्री में भी नरेंद्र मोदी का फोटो लगाने से इंकार कर दिया था. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को मिली एतिहासिक जीत के बाद से राजनीतिक हल्कों में यह चर्चाएं कई बार चलीं कि शिवराज सिंह चौहान को हटाया जा सकता है. उन्हें केंद्र सरकार में कृषि मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं भी चलती रहीं. इन चर्चाओं के बीच ही शिवराज सिंह चौहान लगातार अपना काम करते रहे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले चार साल में शिवराज सिंह चौहान के हर राजनीतिक निर्णय पर अपनी सहमति दी. मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को आनंद विभाग के एक सरकारी कार्यक्रम में यह कहकर सभी को चौंका दिया कि मेरी कुर्सी पर अब कोई भी बैठ सकता है. कार्यक्रम प्रशासन अकादमी में रखा गया था. इस कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरू स्वामी सुखबोधानन्द भी मौजूद थे. शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाषण का समापन नाटकीय अंदाज में किया. मंच पर मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित कुर्सी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि ‘दुनिया में कुछ भी परमानेंट नहीं है. मैं तो जा रहा हूं. मेरी कुर्सी पर कोई भी बैठ सकता है.’

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कार्यक्रम में मौजूद लोगों के बीच सन्नाटा छा गया. वहां मौजूद लोगों ने शिवराज सिंह चौहान के बयान का यह अर्थ लगाया कि राज्य में जल्द ही नेतृत्व परिवर्तन होने वाला है. कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान का अंदाज भी दार्शनिक था. उन्होंने कहा कि सकारात्मक विचार ही सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं. उन्होंने कहा कि सभी प्रकार का दर्शन आनंद को प्राप्त करने का मार्ग बताता है. साम्यवाद और पूंजीवाद ने भी आनंद प्राप्ति का रास्ता दिखाया था, लेकिन कालांतर में सही साबित नहीं हुआ.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आनंद और सुख में भेद नहीं समझने के कारण ऐसा होता है. उन्होंने कहा कि आनंद मन के भीतर की स्थिति है, जबकि सुख बाहरी परिस्थितियों से निर्मित होता है. श्री चौहान ने कहा कि केवल अधोसंरचनाएं खड़ी करने से आनंद नहीं मिलता. अर्थपूर्ण जीवन जीना महत्वपूर्ण है. समृद्ध लोग भी दुखी रहते हैं और अभाव में रहने वाले भी खुश रहते हैं. इसलिए मनोदशा को सकारात्मक बनाने की कला सीखनी होगी.

मुख्यमंत्री के बयान के बाद जब नए चेहरे को लेकर अटकलें तेज हो गईं तो शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट कर सफाई दी. उन्होंने लिखा कि कार्यक्रम में मेरे आरक्षित रखी गई कुर्सी को लेकर थोड़ा सा मजाक क्या कर लिया, कुछ मित्र अत्यंत आनंदित हो गए. चलो, मेरा आनंद व्याख्यान में जाना सफल हो गया.

कमलनाथ ने कहा कि शिवराज को हकीकत समझ में आने लगी है

राज्य में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव हैं. चुनाव के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों में परिवर्तन का दौर चल रहा है. राकेश सिंह, नंदकुमार सिंह चौहान के स्थान पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनाए गए हैं. केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव अभियान समिति का संयोजक बनाया गया है. उनके साथ तीन सह संयोजक सर्वश्री सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा और सामान्य प्रशासन विभाग के राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य को सह संयोजक बनाया गया है. कांग्रेस में अरुण यादव के स्थान पर सांसद कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कैंपेन कमेटी के चेयरमेन बनाए गए हैं. इन दोनों नेताओं को राज्य में चुनाव की कमान सौंपे जाने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह देख जा रहा है. कमलनाथ ने भोपाल में रैली निकालकर अपनी ताकत और पार्टी की एकता का संदेश देने की कोशिश भी की है. कमलनाथ अपने बयानों के जरिए लगातार शिवराज सिंह चौहान को घेरने की कोशिश भी कर रहे हैं. राज्य का राजनीतिक तापमान मौसम की तरह गर्म है. इसी गरमी में शिवराज सिंह चौहान के कुर्सी संबंधी बयान को कमलनाथ और दूसरे कांग्रेसी नेता अपनी पहली मनोवैज्ञानिक जीत मान रहे हैं. मुख्यमंत्री के बयान के बाद कमलनाथ ने कहा कि ‘शिवराज सिंह को हकीकत समझ में आने लगी है.

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अभी चुनाव में वक्त है लेकिन शिवराज सिंह अभी हताश होने लगे हैं.’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि संजीदा राजनेता की है. वे इस तरह के द्धिअर्थीय राजनीतिक बयानों से दूर रहते हैं. कुछ दिनों पूर्व उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह कहा था कि प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष का फैसला चौबीस घंटे में हो जाएगा. इसके बाद राकेश सिंह की नियुक्ति हो गई. इस संदर्भ के कारण मुख्यमंत्री के ताजा बयान को नेतृत्व परिवर्तन की संभावना से जोड़कर देखा जा रहा है.

अमित शाह की यात्रा के कारण गंभीर हो गया मामला

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार को सिर्फ दो घंटे के लिए भोपाल आ रहे हैं. अपने इस दौरे में अमित शाह प्रदेश बीजेपी की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करेंगे. पार्टी की राज्य इकाई ने पहले शाह का रोड शो करने का कार्यक्रम घोषित किया था. बाद में इसे निरस्त कर दिया गया. पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की कर्नाटक में व्यस्तता के कारण रोड शो निरस्त किया गया है. दूसरी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों को खारिज करते हुए ट्वीट किया है कि सभी खबरें पूर्णत: असत्य और अफवाह मात्र हैं.

विजयवर्गीय की सफाई से पूर्व यह चर्चा तेज थी कि उन्हें अचानक दिल्ली बुलाया गया है. साथ में जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी बुलाया गया है.