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देश का विकास करना है तो यूपी का विकास बेहद जरूरी: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि सरकार बनने पर यूपी को पिछड़े राज्यों की सूची से निकालकर विकसित राज्यों की कतार में खड़ा करेंगे

Amitesh

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि अगर देश की विकास दर को दोहरे अंक में ले जाना है तो उत्तर प्रदेश की विकास दर को भी दोहरे अंक में ले जाना होगा.

नेटवर्क18 के ग्रुप एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा है कि पिछले 15 साल में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा की सरकारें बनने से यह राज्य काफी पिछड़ गया है. 15 साल में दूसरे राज्यों ने जितना विकास किया है उसकी तुलना में यूपी में संभावनाएं होने के बावजूद विकास नहीं हो पाया. गवर्नेंस, लॉ एंड ऑर्डर, एडमिनिस्ट्रेशन और विशेषकर कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में यूपी काफी पिछड़ गया है.


हमने ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने की कोशिश की है, जिसकी बुनियाद पर बुलंद इमारत बनाई जा सके. हमारा प्रयास है कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम 5 साल में यूपी में इतना विकास करें कि यह बाकी राज्यों के साथ खड़ा हो सके.

दरअसल पिछले 15 साल से यूपी में लगातार सपा और बसपा की सरकार रही है. बीजेपी इस बार चुनाव में उत्तर प्रदेश के लोगों को विकास के वादे कर रही है. पार्टी की तरफ से बार-बार इस बात की दलील दी जा रही है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात जैसे बीजेपी शासित राज्य आज उत्तर प्रदेश से विकास की दौड़ में काफी आगे निकल गए हैं. जबकि, सबसे बड़ा प्रदेश होने के बावजूद यूपी बेहाल है.

यूपी को उत्तम प्रदेश बनाने का वादा

पार्टी की तरफ से तर्क यह भी दिया जा रहा है कि अगर यूपी में बीजेपी का वनवास खत्म होता है तो केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की बीजपी सरकार मिलकर यूपी को उत्तम प्रदेश बना देंगे. इसीलिए हर मंच से यूपी की बदहाली का ठीकरा सपा और बसपा पर फोड़ा जा रहा है.

बीजेपी का फोकस किसानों से लेकर युवाओं तक समाज के हर तबके के लोगों को अपने साथ जोड़ने को लेकर है. लिहाजा अखिलेश यादव सरकार के विकास के दावे की पोल खोलने की कोशिश हो रही है. अपने वादों के पिटारों में बीजेपी ने अखिलेश से आगे निकलने की पूरी कोशिश भी की है.

नेटवर्क 18 के ग्रुप एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी को दिए इंटरव्यू में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हमने कर्ज माफी, आसान ऋण के अलावा किसान के धान की खरीदी के इंतजाम का भी वादा किया है. किसानों को फल, सब्जी और अनाज का उचित दाम दिलाने के लिए सभी मंडियों का कंप्यूटरीकरण करने का वादा किया है. हमने हर किसान को तीन साल के अंदर एक हेल्थ सॉयल (मिट्टी) कार्ड देने की भी बात की है. जिससे किसान जान पाएंगे कि उनके खेत को कितना खाद और पानी चाहिए. वह क्या उपजाए कि उसे ज्यादा मुनाफा हो.

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इस सारे इंतजाम से किसान अपनी पैदावार बढ़ा पाएगा और उत्तर प्रदेश कृषि विकास दर में आगे आ पाएगा. यूपी के किसान गड्ढे में हैं, उन्हें बाहर निकालने के लिए शून्य ब्याज पर लोन और कर्ज माफी की बात हमने घोषणापत्र में की है.

गन्ना किसानों की परेशानी दूर करने का वादा

गन्ना किसानों  के सामने होनेवाली समस्या को लेकर भी पहले सियासत होती रही है. उन्हें उचित दाम दिलाने को लेकर कई बार हंगामा भी हुआ है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गन्ना किसानों की परेशान दूर करने का वादा भी किया.

अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद गन्ना किसानों के हितों के लिए काम शुरू हुआ है. सबसे पहले एथेनॉल की खपत बढ़ा दी गई, जिसके कारण उन्हें गन्ने का दाम ठीक मिला. गन्ना का आयात बंद कर दिया, जिसके कारण किसानों को इसकी अच्छी कीमत मिलने लगी. निर्यात पर सब्सिडी दिए जाने से भी किसानों को फायदा हुआ.

अमित शाह ने कहा कि हमने गन्ना किसानों का बहुत सारा बकाया भुगतान किया. हमने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया है कि 120 दिन के भीतर यूपी के गन्ना किसानों को छह हजार करोड़ रुपए का बकाया चुका दिया जाएगा. साथ ही हम ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं कि जिस दिन किसान अपने गन्ने को लेकर मिल में जाएगा, उसके 14 दिन के बाद की तारीख का चेक उसी वक्त उसे मिल जाएगा.

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अस्पतालों का जाल बिछाएंगे

भले ही बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में राम मंदिर से लेकर कई ऐसे मुद्दों को शामिल किया है जिसको लेकर ध्रुवीकरण की कोशिश का आरोप लग रहा है. लेकिन, बीजेपी इस बात को समझ रही है कि अखिलेश यादव के विकास के नारे की धार को कुंद करने के लिए उसे कुछ ज्यादा करना होगा. लिहाजा पार्टी की तरफ से भी कोशिश खूब हो रही है. इसकी झलक बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में भी देखने को मिला है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने इंटरव्यू में विकास के मुद्दे पर काफी जोर दिया है. शाह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ और साउथ कॉरिडोर को पूरा किया जाएगा. हर गांव को तहसील मुख्यालय से बस सेवा से जोड़ने का वादा किया है. इसके साथ हमने स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का भी वादा किया है. 108 नंबर पर कॉल करने पर आज भी डेढ़ घंटे तक गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंचती. हम इसे घटाकर 15 मिनट तक लाएंगे. हम 25 नए मेडिकल कॉलेज खोलेंगे और एम्स के समान 6 अस्पताल खोलकर अस्पतालों का जाल बिछाएंगे.

अमित शाह ने कहा कि अगर रॉबर्ट्सगंज और बुंदेलखंड के खदानों में बड़े पैमाने पर होने वाली चोरी और नोएडा में टैक्स चोरी पर रोक लगा दिया जाए तो उत्तर प्रदेश का बजट दोगुना हो जाएगा. ये प्रयोग हमने दूसरे राज्यों में भी किया है.

अखिलेश मजबूत नेता बनकर उभरे हैं

लेकिन, विकास के लिए कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी सबसे अहम है. लिहाजा बीजेपी लगातार यूपी की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी को इस बात का डर सता रहा है कि समाजवादी पार्टी में उठापटक के बाद जिस तरीके से अखिलेश यादव मजबूत नेता बनकर उभरे हैं उससे बीजेपी को यूपी में नुकसान हो सकता है. लिहाजा बीजेपी की पूरी कोशिश खराब कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश यादव के पांच साल के कामकाज को घेरने की है.

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अपने इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा कि यूपी में 15 साल से कानून व्यवस्था ध्वस्त है. 15 साल से पलायन हो रहा है. बच्चे नौकरी के लिए मुंबई, गुड़गांव, बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली में आते हैं और मां-बाप और पत्नी घर पर हैं. जबकि, बेटा यहां पर नौकरी की तलाश में है.

उत्तर प्रदेश के पास सबकुछ है. 50 फुट नीचे पानी है, कई किलोमीटर तक समतल भूमि है, मां गंगा और जमुना की कृपा है, पानी की कोई किल्लत नहीं है. मगर मेहनतकश, मेधावी और शिक्षित युवाओं के अव्यवस्थाओं का शिकार होने के चलते यूपी का विकास नहीं हो पा रहा है.