view all

उन्नाव गैंगरेप केस: अगले 3 दिनों में 12 लोगों से क्यों पूछताछ करना चाहती है CBI?

सीबीआई अभी भी इस केस को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन सीबीआई की शुरुआती जांच में आरोपी बीजेपी विधायक पर शिकंजा कस गया है.

Ravishankar Singh

उन्नाव रेप केस में सीबीआई ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बीजेपी विधायक के करीबी 12 लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है. उन्नाव गैंगरेप मामले में सीबीआई को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके सहयोगियों के खिलाफ अहम सबूत मिलने शुरू हो गए हैं. सबूतों के लगातार मिलने से विधायक पर सीबीआई का घेरा मजबूत होते जा रहा है. सीबीआई की तफ्तीश में यूपी पुलिस की ओर से बरती गई ढिलाई के भी सबूत मिल रहे हैं.

सीबीआई ने कुलदीप सिंह सेंगर के पुश्तैनी गांव माखी के 12 लोगों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है. सीबीआई के नोटिस जारी होने के बाद विधायक के गांव में हड़कंप मचा हुआ है. सीबीआई लगातार कोशिश कर रही है कि इस केस को अंजाम तक पहुंचाया जाए.


सीबीआई गिरफ्तार बीजेपी विधायक के करीबी 12 लोगों से अगले तीन दिनों में पूछताछ करेगी. ये सभी लोग किसी न किसी रूप में विधायक से जुड़े हैं. सीबीआई इन 12 लोगों से पूछताछ कर विधायक की गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल करना चाहती है.

यूपी पुलिस की भूमिका भी है जांच के घेरे में

सीबीआई पिछले महीने के 13 तारीख को विधायक को गिरफ्तार किया था. विधायक की गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों के बाद अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी शुरू हो गई थी. सीबीआई अपनी जांच में आरोपी विधायक और यूपी पुलिस की सांठगांठ का भी पता लगा रही है.

10 मई को ही आरोपी बीजेपी विधायक और शशि सिंह को पॉस्को कोर्ट में पेश किया गया था. इस मामले में गिरफ्तार विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए और शशि सिंह को सीतापुर जेल से कोर्ट लाया गया था. इस मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी.

उन्नाव रेप मामले में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि माखी गांव में पिछले साल 4 जून को विधायक सेंगर ने उसके साथ बलात्कार किया था. पीड़िता का यह भी आरोप था कि विधायक की महिला सहयोगी शशि सिंह गार्ड के तौर पर रूम के बाहर खड़ी थीं.

किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए सीबीआई ने फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट और इस पूरे घटनाक्रम का एक दूसरे से जोड़ रही है. सूत्रों के अनुसार सीबीआई को तफ्तीश में पता चला है कि पीड़िता की ओर से लगाया गया गैंगरेप का आरोप काफी हद तक सही है.

यह भी पढ़ें: कठुआ रेप: त्रासदी पर राहुल गांधी की राजनीति मौकापरस्ती जैसी है

इस मामले में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, पीड़िता के पिता की पीट-पीटकर हत्या के आरोपी और विधायक के भाई अतुल सेंगर और कुलदीप सेंगर की नजदीकी सहयोगी रही महिला शशि सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है. इनसे सीबीआई ने कई दौर की पूछताछ भी की है.

पुलिस ने बरती लापरवाही!

सीबीआई ने अपनी जांच में यह भी पाया कि उन्नाव की स्थानीय पुलिस ने इस केस में लापरवाही बरती. पिछले साल 20 जून को रेप के इस मामले में केस दर्ज किए गए लेकिन आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर और कुछ अन्य लोगों का नाम इससे बाहर रखा गया. इतना ही नहीं पीड़िता के आरोप पत्र दायर करने में भी बेवजह देरी की गई.

इससे पूर्व सीबीआई ने मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज किया था. धारा 164 के तहत रिकॉर्ड किया गया बयान कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर माना जाता है. पीड़िता ने कहा है कि, मेरे साथ बलात्कार और मेरे पिता की हत्या के जुर्म में मैं बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लिए मैं सजा-ए-मौत की मांग करती हूं.

दुष्कर्म के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की वाई श्रेणी की सुरक्षा पिछले सप्ताह ही वापस ले ली गई थी. साथ ही सेंगर के पर्सनल रिवाल्वर के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. सीबीआई अभी भी उन्नाव गैंगरेप केस की जांच को जारी रहने की बात कर रही है. सीबीआई अभी भी इस केस को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन सीबीआई की शुरुआती जांच में आरोपी बीजेपी विधायक पर शिकंजा कस गया है.