सुप्रीम कोर्ट में यूथ फॉर इक्वेलिटी (Youth for Equality) नाम के एनजीओ ने जनहित याचिका दाखिल की है. यह जनहित याचिका आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण पर संशोधन के खिलाफ दाखिल की गई है.
गौरतलब है कि सरकार सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था लाई है. वहीं जनहित याचिका में कहा गया
है कि यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का उल्लंघन करता है. आर्थिक मापदंड आरक्षण का एकमात्र आधार नहीं हो सकता.
आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल राज्यसभा में बुधवार को पास हुआ था.
इसके पक्ष में कुल 165 वोट पड़े थे. जबकि इस बिल के विरोध में सात सदस्यों ने वोट डाला. यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है.
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