सीबीआई ने मुंबई की अदालत में पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि वह अपनी सौतेली बेटी शीना बोरा की हत्या की साजिश में शामिल थे और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.
मुखर्जी ने पिछले महीने दायर की गई अपनी जमानत याचिका में अपराध में शामिल होने से इनकार किया था. सीबीआई के न्यायाधीश जे सी जगदले के समक्ष दायर अपने जवाब में सीबीआई ने कहा कि उनकी जमानत याचिका को खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि पीटर, शीना बोरा के अपहरण और हत्या के वीभत्स अपराध में शामिल थे और उनके खिलाफ लगे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.
एजेंसी ने कहा कि अभियोजन पक्ष के प्रत्यक्षदर्शियों में आईपीएस अधिकारी देवेन भारती, मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की पूर्व निजी सहायिका काजल अग्रवाल और पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय ने पीटर के अपनी पत्नी इंद्राणी के साथ इस आपराधिक साजिश में शामिल होने को लेकर गवाही दी है.
सीबीआई ने कहा कि पीटर ने हत्या पर पर्दा डालने की कोशिश की और अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह साक्ष्यों के साथ छेड़-छाड़ कर सकते हैं और उन
प्रत्यक्षदर्शियों को प्रभावित कर सकते हैं जिनकी गवाही अभी बाकी है.
एजेंसी ने कहा कि चूंकि पीटर ब्रिटेन के नागरिक हैं इसलिए वह फरार भी हो सकते हैं. यह चौथी बार है जब पीटर ने जमानत के लिए अदालत का रुख किया है.
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